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इस क्वारंटाइन सेंटर से घर नहीं जाना चाहते लोग

स्वयंसेवक हर घंटे कर्मचारी आवभगत में लगे रहते हैं मानो कोई मेहमान आया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 07:00 AM (IST)
इस क्वारंटाइन सेंटर से घर नहीं जाना चाहते लोग
इस क्वारंटाइन सेंटर से घर नहीं जाना चाहते लोग

जासं, जमशेदपुर : टेल्को क्षेत्र में टाटा मोटर्स के अधीन नेपाल बिल्डिग को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। इस सेंटर की खासियत यह है कि यहां क्वारंटाइन किए गए लोग अपना वक्त पूरा होने के बावजूद घर नहीं जाना चाहते। कारण यहां की चकाचक व्यवस्था। स्वयंसेवक हर घंटे कर्मचारी आवभगत में लगे रहते हैं, मानो कोई मेहमान आया है।

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जयपुर से आए परसुडीह के ग्रामीण इलाके के एक युवक ने बताया कि जब क्वारंटाइन सेटर जाने को जिला प्रशासन ने कहा तो मेरी रूह कांप गई, लेकिन नेपाल बिल्डिंग क्वारंटाइन सेटर आते ही दिल खुश हो गया। टाटा मोटर्स द्वारा संचालित इस सेटर में 24 घंटे बिजली पानी की व्यवस्था तो है ही, साथ ही साफ-सफाई भी अच्छी है। तेलंगाना से क्वारंटाइन सेटर पहुंचे पटमदा के युवक ने बताया कि ऐसी व्यवस्था तो ना मेरे गांव में है और ना ही जहां मैं काम करता हूं, वहां है। अब तो यहां से जाने का मन ही नहीं कर रहा है। अन्य सेंटरों में आए दिन सुनने मिलता है कि शौचालय गंदा है, खाना-पानी सही ढंग से नहीं मिल रहा है।

टाटा मोटर्स ने 100 लोगों को रहने के लिए इस भवन में 50 फ्लैट बनाया था। जहां आज के समय 70 लोगों को क्वारंटाइन किया गया। क्वारंटाइन सेंटर में पांच अलग-अलग परिवार रह रहे हैं। इसमें बच्चे से लेकर बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल हैं। प्रवासियों के लिए जरूरत के हिसाब से ब्रश, टूथपेस्ट, साबुन, शैंपू, तेल आदि उपलब्ध कराए जाते हैं।

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रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी मैं रहना चाहता हूं

नेपाल बिल्डिग स्थित क्वारंटाइन सेंटर में सात दिन बिताने वाले एक युवक ने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कहा कि मैं हैदराबाद में जॉब करता था। जब वर्क फ्रॉम होम हो गया तो मैं अपना घर जमशेदपुर आ गया। जमशेदपुर आते ही मुझे नेपाल हाउस क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया। यहां की सुविधा देखकर मैं आश्चर्य करने लगा। सात दिनों बाद जब मेरी रिपोर्ट निगेटिव आई तब मुझे छुट्टी देकर होम क्वारंटाइन में जाने को कहा गया। मैंने स्थानीय प्रबंधक से अनुरोध भी किया कि मुझे 14 दिन बिताने दें तभी छोड़ें, क्योंकि जो सुविधाएं यहां मिल रही थी शायद घर पर भी ना मिले। इसी तरह जयपुर में जॉब करने वाले एक युवक ने बताया कि मैं हास्टल में रहता था, उससे भी बेहतर सुविधा यहां उपलब्ध है। दो बार सैनिटाइजर, प्रतिदिन शौचालय की सफाई व दो बार नाश्ता व दो बार खाना समय पर दिया जाता है।

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सफाई, खाने-पीने का बेहतर प्रबंध

नेपाल बिल्डिग क्वारंटाइन सेंटर में साफ-सफाई से लेकर खाने-पीने का बेहतर प्रबंध किया गया है। यहां सुबह व शाम को नास्ते में पोहा, आलूचप, उपमा, हलुआ, चना कचौड़ी, निमकी व चाय दी जाती है। जबकि दोपहर व रात के खाने में चावल, रोटी, दाल, सब्जी, आचार व केला दिया जाता है।


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