Move to Jagran APP

Jharkhand Mob Lynching: एसपी ने कहा-दो मेडिकल रिपोर्ट के अध्ययन के बाद ही दाखिल की चार्जशीट

सरायकेला के तबरेज अंसारी मामले में नया मोड़ आ गया है। एसपी ने दो मेडिकल रिपोर्ट के अध्ययन के बाद ही केस में चार्जशीट दाखिल करने की बात कही है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 08:49 AM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 08:49 AM (IST)
Jharkhand Mob Lynching: एसपी ने कहा-दो मेडिकल रिपोर्ट के अध्ययन के बाद ही दाखिल की चार्जशीट
Jharkhand Mob Lynching: एसपी ने कहा-दो मेडिकल रिपोर्ट के अध्ययन के बाद ही दाखिल की चार्जशीट

जमशेदपुर, जासं। सरायकेला-खरसावां जिले के धातकीडीह गांव में बाइक चोरी के आरोप में भीड़ की पिटाई के कुछ दिन बाद जेल में तबियत बिगडऩे व अस्पताल में दम तोडऩे वाले तबरेज अंसारी मामले में एसपी कार्तिक एस के बयान ने नया मोड़ दे दिया है।

loksabha election banner

गुरुवार को एसपी ने दोहराया कि तबरेज अंसारी की मौत हार्ट अटैक से ही हुई है। सरायकेला सदर अस्पताल और एमजीएम अस्पताल की मेडिकल टीम की जांच रिपोर्ट के अध्ययन के बाद ही मामले से धारा 302 हटाई गई है। दोनों रिपोर्ट में मौत की वजह हार्ट अटैक बताया गया है। किसी रिपोर्ट में इंज्यूरी के कारण एक्सेस ब्लीडिंग से हार्ट अटैक की बात नहीं कही गई है। इसी आधार पर प्राथमिकी में दर्ज धारा 302 की जगह 304 बी लगाई गई।  हत्या की जगह अब गैरइरादतन हत्या का मामला चलेगा। इस संबंध में हाईकोर्ट जो आदेश देगा उसके तहत आगे कार्रवाई की जाएगी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दो तरह की बातें

एमजीएम अस्पताल की जांच टीम में शामिल एक डाक्टर ने नाम नहीं बताने की शर्त पर गुरुवार को बताया कि सरायकेला से आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर व शरीर के दूसरे हिस्सों में भी चोट के निशान थे। सिर में खून जमा होने का भी जिक्र था। बिसरा रिपोर्ट में कहीं जहर का जिक्र नहीं था। चोट के इतने दिन बाद मौत नहीं हुई तो हो सकता है हार्ट अटैक से ही मौत हुई होगी। एमजीएम अस्पताल की जांच रिपोर्ट में फाइनल कुछ नहीं कहा गया है। इसमें यह बताया गया है कि चोट लगने से भी मौत हो सकती है, और हार्ट अटैक से भी हो सकती है।

शाइस्ता ने कोर्ट से धारा 302 लगाने की मांग की

उधर, तबरेज की पत्नी शाइस्ता परवीन ने कहा कि पुलिस हत्यारोपितों को बचाने में जुटी है। धातकीडीह गांव के लोगों ने पति की बुरी तरह पिटाई की। पुलिस व डॉक्टरों की लापरवाही से सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई। दर्ज कराई प्राथमिकी में आरोपितों पर धारा 302 लगाया गया था। अनुसंधानकर्ता ने आरोपितों को बचाने के लिए धारा 302 हटाकर 304 लगा दी। यही नहीं कोर्ट में आरोप पत्र भी समर्पित कर दिया। शाइस्ता ने बताया कि कोर्ट को आवेदन देकर पुन: 302 लगाने की मांग की गई है। कहा कि जरूरत पड़ी तो न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाऊंगी।

प्रथम रिपोर्ट : सिर की हड्डी टूटने व ब्रेन हैमरेज से मौत

मामले में डीसी को पहली जांच रिपोर्ट एसडीओ बसारत कयूम ने दी थी। इसमें मौत के लिए सीनी और सरायकेला थाना प्रभारियों के साथ दो डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया गया था। मौत का कारण सिर की हड्डी टूटने से ब्रेन हैमरेज बताया गया था। घटना के बाद थाना प्रभारियों के कार्य में कोताही बरतने की बात सामने आई थी। कहा गया था कि ग्राम प्रधान के मुताबिक घटना रात एक बजे हुई। सूचना पुलिस को रात दो बजे दी गई। बावजूद पुलिस सुबह छह बजे पहुंची। यही नहीं पुलिस ने वरीय अधिकारियों को गुमराह किया। सीनी थाना प्रभारी ने एसडीपीओ को भीड़ द्वारा तबरेज की पिटाई व हालत खराब होने की सूचना नहीं दी। 18 जून की सुबह व शाम दो बार डॉक्टर ने जांच की, पर गंभीरता से नहीं लिया। सुबह में दूसरे डॉक्टर ने जांच की, जिसमें सिर्फ एक्स रे कराया गया। जबकि उसके शरीर की पूरी जांच होनी चाहिए थी। डॉक्टर ने जांच रिपोर्ट में इंज्यूरी या अन्य स्वास्थ्य संबधी सूचना तक नहीं लिखी। वहीं शाम को जब दूसरे डॉक्टर ने जांच की तो सुबह वाले डॉक्टर के एक्सरे रिपोर्ट को ही आधार मान लिया। उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए था, जो नहीं किया गया।

दूसरी रिपोर्ट : ब्रेन हैमरेज से नहीं हार्ट अटैक से हुई मौत

डीसी ए दोड्डे ने इस मामले की दोबारा जांच के लिए एमजीएम अस्पताल के पांच डाक्टरों की टीम बनवाई। टीम ने रिपोर्ट में बताया कि मौत ब्रेन हैमरेज के कारण नहीं बल्कि हार्ट अटैक से हुई है। बिसरा रिपोर्ट में भी सामान्य मौत की बात कही गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.