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बेटे से मिलने मुंबई से स्कूटी चला जमशेदपुर पहुंच गई सोनिया Jamshedpur News

भाड़ा नहीं दे पाने के कारण मकान मालिक ने घर से निकाल दिया तो पुणे में दोस्त के यहां ली थी शरण। स्‍कूटी से चलकर पहुंच गई जमशेदपुर ।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 03:00 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 03:00 PM (IST)
बेटे से मिलने मुंबई से स्कूटी चला जमशेदपुर पहुंच गई सोनिया Jamshedpur News
बेटे से मिलने मुंबई से स्कूटी चला जमशेदपुर पहुंच गई सोनिया Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। पांच साल के बेटे से मिलने की तड़प भला मां कैसे बर्दाश्त कर सकती है! चाहे कोरोना काल क्यों न हो। ऐसा ही हुआ जमशेदपुर की सोनिया दास के साथ। बेटे से मिलने के लिए शुक्रवार शाम 1800 किलोमीटर सफर तय कर जमशेदपुर पहुंचीं। बेटे को वाट्सएप पर शहर की फोटो भेजकर यकीन दिलाया कि जमशेदपुर पहुंच गई हैं। अब वह सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में हैं। सोनिया का सफर बेहद दिलचस्प है। सफर के दौरान उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। 

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पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर के कदमा की भाटिया बस्ती की रहने वाली सोनिया दास मुंबई में एक प्रोडक्शन कंपनी में फ्रीलांसर मैनेजर के पद पर कार्य कर रही थीं। वह जमशेदपुर से मुंबई महज एक माह के लिए फरवरी में गई थीं। उनका कार्य इसी तरह का होता है। उसके बाद वह जमशेदपुर अपने घर आ जाती हैं। लॉकडाउन लगने से फंस गई थीं। उन्हें अप्रैल में जमशेदपुर लौटना था। कंपनी का कार्य समाप्त हो गया था। उनकी नौकरी भी समाप्त हो गई थी। जो वेतन मिले थे, घर के किराये में खत्म हो गए थे। करीब तीन माह भाड़ा नहीं दिया, तो मकान मालिक ने भी निकाल दिया। इस दौरान बड़ा पाव खाकर गुजारा करती रहीं। फुटपाथ पर रात गुजारनी पड़ी। इसी बीच उन्होंने पुणे के एक दोस्त को फोन किया, तो उसने अपने पास बुलाया। जो थोड़ा बहुत पैसे था, उसी से स्कूटी में तेल भराकर पुणे पहुंच गईं।

एक माह उसी दोस्त के घर ठहरी थीं। इस दौरान मां से दूर रहने से जमशेदपुर में पांच वर्षीय बेटे की तबीयत खराब रहने लगी। बेटा पति के साथ था। फिर भी सोनिया बेटे से मिलने के लिए बेचैन हो गईं। मुंबई-पुणे से कोई ट्रेन झारखंड नहीं आ रही थी। बेटा लगातार रो रहा था। तब उनकेपुणे के दोस्त ने चंदा जुटाकर सोनिया दास को पांच हजार रुपये दिए। उसी से स्कूटी में तेल भरवाकर 20 जुलाई को जमशेदपुर के लिए रवाना हुईं। रात को थाने या किसी सुरक्षित क्षेत्र में रूक जातीं। सुबह होते सफर पर निकल पड़तीं। हर दिन लगभग 300 किमी का सफर स्कूटी से तय कर शुक्रवार शाम सात बजे जमशेदपुर पहुंचीं। इसके बाद उन्हें टेल्को के क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया। इससे पूर्व उन्होंने अपने बेटे को जमशेदपुर पहुंचने की सूचना दी। शहर के कई लोकेशन बताए। रास्ते भर मोबाइल से तस्वीरें भेजती रहीं। जब दोमुहानी घाट जमशेदपुर लिखे बोर्ड की तस्वीर बेटे को वाट्सएप किया तो उसे यकीन हुआ कि मां जमशेदपुर पहुंच गई है। 

मुख्यमंत्री को ट्वीट का भी नहीं हुआ कोई फायदा

सोनिया दास ने बताया कि मुंबई में फंसे होने की जानकारी उसने अभिनेता सोनू सूद के अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट के माध्यम से दी थी। मुंबई तथा जमशेदपुर के जिला प्रशासन से भी जमशेदपुर आने देने के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया, पर किसी ने नहीं सुनी। उनके पति जो खुद हार्ट के मरीज हैं, ने खुद जमशेदपुर के उपायुक्त को आवेदन दिया। इसका भी लाभ नहीं मिला।

दूरी से डर गया था बेटा : सोनिया

सोनिया दास ने बताया कि उनका बेटा ध्रुव ज्योति लंबी दूरी की वजह से डर गया था। वह आरके मिशन इंग्लिश स्कूल बिष्टुपुर में पढ़ता है। पति का हार्ट का ऑपरेशन हुआ है। इस कारण वह बहुत ज्यादा काम नहीं कर पाते हैं। अपने बेटे पर पूरा ध्यान देते हैं।


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