सर्जरी के वक्त एनेस्थेसिया की अहम भूमिका
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : 'किसी भी गंभीर मरीज की सर्जरी में एनेस्थेसिया के विशेषज्ञ चिकित्सकों
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : 'किसी भी गंभीर मरीज की सर्जरी में एनेस्थेसिया के विशेषज्ञ चिकित्सकों की भूमिका अहम होती है। अगर कोई सर्जन ऑपरेशन के दौरान गलती करता है तो उसको सुधारा जा सकता है, लेकिन एनेस्थेसिया के डॉक्टरों से गलती हुई तो मरीज की मौत हो जाती है।' उक्त बातें शनिवार को पटना मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय कुमार गुप्ता ने कहीं। मौका था इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थेसियोलॉजी (आइएसए) की जमशेदपुर शाखा के इस्ट जोनल कांफ्रेंस का।
बिष्टुपुर स्थित एसएनटीआई प्रेक्षागृह में आयोजित दो दिवसीय कांफ्रेंस का उद्घाटन मुख्य अतिथि सह टाटा स्टील के वाइस प्रेसीडेंट सुनील भास्करन ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि एक साथ एनेस्थेसिया चिकित्सकों को जुटने से कई सारी नई जानकारियां निकलकर सामने आएंगी और इससे चिकित्सकों के साथ-साथ मरीजों को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। वहीं डॉ. विजय गुप्ता ने कहा कि किडनी, हार्ट, लीवर, ब्रेन संबंधित रोगियों का इलाज आइसीयू में चलता है तो उनका इलाज एनेस्थेसिया डॉक्टरों के निगरानी में ही चलता है। इस दौरान पीड़ित के परिजनों को उस संबंधित डॉक्टर के बारे में जानकारी रखनी चाहिए। ताकि उन्हें मरीज की स्वास्थ्य को जानने में परेशानी न हो। इस अवसर पर एसोसिएशन के सचिव डॉ. डीएस नाग, डॉ डीपी समादार, डॉ प्रमाणिक, डॉ उमेश भदानी, डॉ कपिल देव प्रसाद, डॉ शशिकात, मनोज कुमार, डॉ शरद कुमार, डॉ राजीव शुक्ला, डॉ अशोक जादन, डॉ मृत्युंजय सिंह सहित देशभर के करीब 350 डॉक्टर उपस्थित थे।
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एंटीबायोटिक है खतरनाक
डॉ. विजया गुप्ता ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि कभी भी अपने मन से एंटीबायोटिक का सेवन नहीं करना चाहिए। यह आगे चलकर काफी नुकसानदायक साबित होता है। उन्होंने चिकित्सकों को सलाह देते हुए कहा कि मरीजों को कम से कम एंटीबायोटिक दवा लिखा जाए।
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