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एसएनटीआइ के पूरे हुए 99 वर्ष, शताब्दी समारोह की तैयारी

Shawak Nanavati Technical Institute. बिष्टुपुर के एन रोड पर स्थापित टाटा स्टील के प्रशिक्षण संस्थान शावक नानावती टेक्निकल इंस्टीट्यूट के एक नवंबर को 99 वर्ष पूरे हो गए। अब यह संस्थान अगले वर्ष शताब्दी समारोह मनाने की तैयारी कर रहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 03:54 PM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 03:54 PM (IST)
एसएनटीआइ के पूरे हुए 99 वर्ष, शताब्दी समारोह की तैयारी
एक नवंबर 1921 को जमशेदपुर टेक्निकल इंस्टीट्यूट के नाम से हुई थी।

जमशेदपुर, जासं। बिष्टुपुर के एन रोड पर स्थापित टाटा स्टील के प्रशिक्षण संस्थान शावक नानावती टेक्निकल इंस्टीट्यूट के एक नवंबर को 99 वर्ष पूरे हो गए। अब यह संस्थान अगले वर्ष शताब्दी समारोह मनाने की तैयारी कर रहा है।

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इसकी स्थापना एक नवंबर 1921 को जमशेदपुर टेक्निकल इंस्टीट्यूट के नाम से हुई थी, जिसमें टाटा स्टील के अप्रेंटिस को प्रशिक्षण दिया जाता था। धीरे-धीरे इसमें डिप्लोमा प्रशिक्षुओं और नियुक्ति के बाद कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाने लगा। एसएनटीआइ ने एक नए संस्थान, जेएन टाटा वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (जेएनटीवीटीआइ) का भी गठन किया, जो 2015 में झारखंड के युवाओं और पड़ोसी राज्य ओडिशा को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था। शावक नानावती तकनीकी संस्थान अगले साल तक 25 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस शुरू करने का इरादा रखता है।

अबतक 35 सौ से भी अधिक छात्र हुए पासआउट

 इस संस्थान से अब तक 3,500 से अधिक छात्र उत्तीर्ण हुए हैं और उन सभी ने टाटा स्टील से जुड़ी विभिन्न कंपनियों में नौकरी हासिल की है। एसएनटीआई ने जुलाई 2018 में दुनिया भर में अपने सीखने के उत्पादों तक पहुंच को सक्षम किया। तब से 25 से अधिक बड़ी कंपनियों (भारतीय और विदेशी दोनों) द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों की विस्तृत श्रृंखला से लाभान्वित हुए हैं। तकनीकी संस्थान ने वर्ष 2018 में ही अपना ई-पोर्टल टाटा स्टील डिजि-शाला भी लांच किया, जिसने कारपोरेट और खुदरा ग्राहकों को तकनीकी शिक्षा कार्यक्रमों की एक विश्वस्तरीय श्रेणी तक पहुंचने में सक्षम बनाया, जो इसकी सामग्री और प्रस्तुति में अद्वितीय है।

टाटा स्टील के पहले प्रबंध निदेशक थे शावक नानावती

जिस शावक नानावती के नाम पर इस टेक्निकल इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई, वे टाटा स्टील के पहले प्रबंध निदेशक थे। टाटा स्टील में 1932 में ग्रेजुएट ट्रेनी के रूप में भर्ती हुए थे। उनके कठिन परिश्रम व कार्य के प्रति लगन को देखते हुए कंपनी ने उन्हें 1954 में जेनरल सुपरिंटेंडेंट के पद पर प्रोन्नत किया था। 1960 में उन्हें डिप्टी जेनरल मैनेजर का पद मिला, तो अगले वर्ष ही कंपनी के महाप्रबंधक बना दिए गए। 1968 में इन्हें डायरेक्टर इंचार्ज बनाया गया। 1970 में ये कंपनी के पहले प्रबंध निदेशक बनाए गए। वे इस पद पर 1972 तक रहे। 

  नौ स्कूल अब तक खोले जा चुके हैं 

एसएनटीआई के मामलों की देख-रेख करने वाले टाटा स्टील के कैपेबिलिटी डेवलपमेंट के प्रमुख प्रकाश सिंह ने कहा कि आज हमने 99 साल पूरे कर लिए, यह एक लंबी और शानदार यात्रा रही है। हम अगले साल शताब्दी मनाएंगे।  सिंह ने बताया कि एसएनटीआई मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक 25 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस शुरू करने का इरादा रखता है।उन्होंने कहा कि नौ स्कूल अब तक खोले जा चुके हैं और बाकी अगले साल मार्च तक चालू हो जाएंगे।  स्कूल विशेष रूप से किसी भी निर्माण कंपनी की व्यावसायिक गतिविधियों में प्राथमिकता के क्षेत्रों को काटने से संबंधित हैं - ऐसे स्कूलों के कुछ उदाहरण डेटा एनालिटिक्स, विज़ुअलाइज़ेशन, स्नेहन, हाइड्रोलिक्स, आदि से संबंधित हैं।

 1 नवंबर 1921 को हुई थी स्‍थापना

विशेष रूप से, एसएनटीआई की स्थापना 1 नवंबर, 1921 को, जमशेदपुर तकनीकी संस्थान (JTI) के रूप में की गई थी, जो जमशेदपुर में स्टील प्लांट चलाने के लिए टाटा स्टील द्वारा आवश्यक कुशल श्रमशक्ति की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए किया गया था। 1992 में, जमशेदपुर तकनीकी संस्थान का नाम बदलकर पहले स्नातक प्रशिक्षु शावक नानावती की याद में शावक नानावती तकनीकी संस्थान रखा गया, जो बाद में टाटा स्टील का प्रबंध निदेशक बन गया।


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