WATCH : एसएन हलधर से लेकर सुभाषचंद्र बोस और वीजी गोपाल ने भी किया टाटा वर्कर्स यूनियन का नेतृत्व, ये रहा सफर
Tata Workers Union History. टाटा वर्कर्स यूनियन के इतिहास में सबसे ज्यादा लंबे समय तक अध्यक्ष बनने का रिकार्ड माइकल जॉन के नाम है ।वे स्वतंत्रता सेनानी प्रोफेसर अब्दुल बारी की की हत्या के बाद वर्ष 1947 में टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष बने।
जमशेदपुर, जासं। वर्ष 1907 में साकची में टिस्को कंपनी की स्थापना हुई जिसने भारत में औद्योगिकीकरण की नींव रखा। यहां कार्यरत कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर पहली बार वर्ष 1920 में जब हड़ताल की तो मजदूरों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक मजदूर संगठन की जरूरत पड़ी। ऐसे में जमशेदपुर लेबर एसोसिएशन (वर्तमान में टाटा वर्कर्स यूनियन) की का गठन हुआ। एसएन हलधर इस यूनियन के पहले अध्यक्ष बने। टाटा स्टील में कार्यरत कर्मचारियों का स्वतंत्रता सेनानी सीएफ एंड्रूज, प्रो. अब्दुल बारी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस से लेकर वीजी गोपाल तक ने कर्मचारियों का नेतृत्व किया। पेश है निर्मल प्रसाद की रिपोर्ट :
जाने किस अध्यक्ष का कब तक का रहा कार्यकाल
- 1920-22 : एसएन हलदरवर्ष
- 1922-28 : सीएफ एंड्रूज वर्ष
- 1928-37 : नेताजी सुभाष चंद्र बोस
- 1936-47 : प्रो. अब्दुल बारी
- 1947-77 : माइकल जॉन
- 1977-93 : वीजी गोपाल
- 1993-2002 : एसके बेंजामिन
- 2002-05 : आरबीबी सिंह
- 2006-12 : रघुनाथ पांडेय
- 2012-15 : पीएन सिंह
- 2015-21 : आर रवि प्रसाद
सबसे ज्यादा 30 वर्षों तक अध्यक्ष रहे माइकल जॉन
टाटा वर्कर्स यूनियन के इतिहास में सबसे ज्यादा लंबे समय तक अध्यक्ष बनने का रिकार्ड माइकल जॉन के नाम है। वे स्वतंत्रता सेनानी प्रोफेसर अब्दुल बारी की की हत्या के बाद वर्ष 1947 में टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष बने और लगातार 30 वर्षो तक इस पद पर सेवा की। इसके बाद दूसरा सबसे ज्यादा लंबे समय तक अध्यक्ष बनने का रिकार्ड स्व. वीजी गोपाल का रहा। ये माइकल जॉन के निधन के बाद वर्ष 1977 में यूनियन के अध्यक्ष बने और वर्ष 1993 तक लगातार 16 वर्षो तक अध्यक्ष रहे। 14 अक्टूबर 1993 को यूनियन कार्यालय के बाहर इनकी हत्या कर दी गई थी। विगत वर्षों में रघुनाथ पांडेय (वर्ष 2006-09 व 2009-12) के दो कार्यकाल के बाद आर रवि प्रसाद (वर्ष 2015-18 व 2018-21) ही अध्यक्ष रहे।
ये भी जाने
- 24 फरवरी 1920 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी में हुई पहली हड़ताल।
- 5 मार्च 1920 को टाटा वर्कर्स यूनियन का हुआ था गठन, एसएन हलधर बने थे पहले अध्यक्ष।
- 15 मार्च 1920 को शांतिपूर्ण ढ़ंग से हड़ताल के दौरान प्रदर्शन कर रहे मजदूरों पर पुलिस ने अचानक फायरिंग कर दी। इसमें पांच श्रमिक शहीद और 21 मजदूर घायल हो गए।
- 19 मार्च को प्रबंधन के साथ सवैतिनक छुट्टी, ग्रेच्युटी, पीएफ, दुर्घटना क्षतिपूर्ति पर समझौता हुआ।
- 20 सितंबर 1922 में कंपनी प्रबंधन से हुए मतभेद के बाद टाटा स्टील में दूसरी बार हड़ताल हुई।
- सात अगस्त 1925 में महात्मा गांधी ने कंपनी प्रबंधन और मजदूर यूनियन के बीच कराया था समझौता।
- एक जून 1928 में कंपनी में हुआ तीसरी बार हड़ताल।
- 9 दिसंबर 1938 में जमशेदपुर लेबर एसोसिएशन का नाम बदलकर हुआ टाटा वर्कर्स यूनियन।
- 28 मार्च 1947 को पटना जाते हुए फतुहा जाते समय पूर्व अध्यक्ष प्रो. अब्दुल बारी की कर दी गई थी हत्या।
- वर्ष 1948 में कंपनी में कार्यरत सुपरवाइजर व टेक्नीशियन के लिए सुपरवाइजरी यूनिट की स्थापना।
- वर्ष 1954 में पहली बार यूनियन में डिप्टी प्रेसिडेंट पद का सृजन हुआ।
- वर्ष 1956 कंपनी के तत्कालीन चेयरमैन जेआरडी टाटा और यूनियन अध्यक्ष माइकल जॉन के बीच 1956 का एतिहासिक समझौता हुआ। कंपनी में बनी संयुक्त परामर्श प्रणाली।
- वर्ष 1979 में पहली बार केंद्र सरकार की राष्ट्रीयकरण की नीति का टाटा वर्कर्स यूनियन द्वारा विरोध किया गया।
- वर्ष 1984 में यूनियन कार्यालय में माइकल जॉन स्मृति सेंटर बना। मानव संसाधन विकास केंद्र, लाइब्रेरी व शोध केंद्र स्थापित।
- 14 अक्टूबर 1993 में यूनियन कार्यालय के बाहर अध्यक्ष वीजी गोपाल की गोली मारकर हत्या।
- 214 कमेटी मेंबर हैं टाटा वर्कर्स यूनियन में
- 11 पद है यूनियन में पदाधिकारियों की
- 12,157 मतदाताओं ने किया है मतदान