Child Trafficking: झुग्गी-झोपड़ियों के बच्चों की होगी मैपिंग, तैयार होगा रिकार्ड
Child Trafficking. देश भर में झुग्गी-झोपड़ियों में रहनेवाले गरीब तबके के बच्चों के बाल अधिकार की रक्षा के लिए अब सामुदायिक स्तर पर मैपिंग होगी और उनका रिकार्ड तैयार होगा ताकि ऐसे बच्चों को चाइल्ड ट्रैफिकिंग से बचाया जा सके। इसका खाका तैयार हो गया है।
जमशेदपुर, जासं। Tatanagar Railway Child Line देश भर में झुग्गी-झोपड़ियों में रहनेवाले अधिकतर बच्चे चाइल्ड ट्रैफिकिंग के सबसे ज्यादा शिकार बनते हैं या वे बाल मजदूरी के शिकार होते हैं। ऐसे में गरीब तबके के बच्चों को इससे बचाने और उनके बाल अधिकार की रक्षा के लिए अब सामुदायिक स्तर पर सभी बच्चों की मैपिंग होगी और उनका रिकार्ड तैयार होगा ताकि ऐसे बच्चों को चाइल्ड ट्रैफिकिंग से बचाया जा सके।
टाटानगर रेलवे चाइल्ड लाइन, चाइल्ड लाइन कोलाबा और पूर्वी सिंहभूम महिला कल्याण की ओर से रिर्सोस ऑर्गेनाइजेशन मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों के रिकार्ड तैयार करने पर सहमति बनी। क्योंकि अक्सर देखा गया है कि बच्चों को काम कराने के लिए बेच दिया जाता है। इसलिए बैठक में तय हुआ कि स्कूल जाने वाले सभी बच्चों का रिकार्ड तय होगा और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा ताकि बच्चों को बाल विवाह, बाल मजदूरी पर पूर्णत रोकथाम लगाई जा सके। जो बच्चे स्कूल जाते हैं उन्हें नियमित रखा जाए और बच्चे ड्राप आउट हो चुके हैं उन्हें वापस स्कूल से जोड़ा जा सके। इसके अलावे वर्तमान में कितनी छात्राएं स्कूल जाती है इसका भी रिकार्ड तैयार करने पर भी सहमति बनी।
बैठक में इन्होंने रखी बात
तय हुआ कि सामुदायिक स्तर पर सभी बच्चों के लिए रिकार्ड तैयार किए जाएंगे और इसमें सभी वार्ड पार्षदों से मदद ली जाएगी। इस बैठक में आदर्श सेवा संस्थान की निदेशक प्रभा जायसवाल, वार्ड सदस्य निर्मला शुक्ला, बाल कल्याण समिति की सदस्य सीमा मुखर्जी, पुष्पा रानी तिर्की, लखी दास, श्रमजीवी महिला समिति की पूर्वी पाल, स्वयंसेवी संस्था युवा से बरणाली, निश्चय फाउंडेशन से तरुण कुमार सहित रेलवे चाइल्ड लाइन, टाटानगर व चाइल्ड लाइन, पूर्वी सिंहभूम के कई सदस्यों ने अपनी बातों को रखा।