Weekly News Roundup Jamshedpur : पता कहीं का, दरबार कहीं और, पढ़िए सियासी दुनिया की अंदरूनी खबर
झारखंड विधानसभा के चुनाव में कई लोगों की लॉटरी लग गई। कोल्हान के कई नेताजी विधायक तो कुछ मंत्री बन गए। ये बात है कि सभी जनता के लिए सक्रिय हो गए हैं।
जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। Weekly News Roundup Jamshedpur siyaasee adda अपने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता काफी उत्साहित हैं। एमजीएम सहित पूरे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के लिए चिंतित रहते हैं। इसी बीच अपने क्षेत्र की जनता के लिए भी समय निकालना नहीं भूल रहे हैं। इसी वजह से उन्होंने शनिवार व रविवार को जनता दरबार लगाने की घोषणा की है, ताकि लोग वहां अपनी फरियाद लेकर आएं और ऑन द स्पॉट उनका समाधान हो।
पिछले शनिवार को भी बिष्टुपुर के तिलक पुस्तकालय में लोग समय से पहुंच गए थे। वहां एक वरिष्ठ कांग्रेसी समस्याओं को नोट कर रहे थे। इसी बीच पता चला कि मंत्री जी रांची निकल गए हैं, वहां कोई दुर्घटना हो गई है। मंत्री जी रांची गए और वहां से दोपहर को लौटे तो सोनारी के डिस्पेंसरी रोड में जनता दरबार लगाकर अपना कर्तव्य पूरा कर लिया। उधर कुछ जनता तिलक पुस्तकालय में इंतजार कर रही थी, तो कुछ शिकायत लिखाकर लौट रहे थे।
भाजपा चुनाव में नवरत्नों की धमक
पिछले दिनों साकची स्थित भाजपा के जिला कार्यालय में पहले मंडल अध्यक्ष, फिर जिलाध्यक्ष चुनने के लिए रायशुमारी हुई। यहां मुंडा व सरयू खेमे के खास लोग तो पहुंचे ही थे, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खासमखास भी जुटे थे। वैसे तो वहां सभी अपने-अपने खास लोगों के साथ टोली बनाकर गपशप व चुहलबाजी कर रहे थे, लेकिन यहां पूर्व मुख्यमंत्री के नवरत्नों की धमक दिखी। यही नहीं जिलाध्यक्ष के लिए दिनेश कुमार को जिस तरह से समर्थन मिल रहा था, उससे साफ हो गया कि जमशेदपुर में भाजपा की राजनीति रघुवर एंड टीम के बिना सोची भी नहीं जा सकती। जिन नवरत्नों को विधानसभा चुनाव के बाद हटाने-निकालने की बात उड़ी थी, वह कोरी अफवाह के सिवा कुछ नहीं था। ये आज भी ना केवल रघुवर दास के करीबी बने हुए हैं, बल्कि कार्यकर्ताओं में भी उनका वैसा ही भरोसा कायम है। उन्हें बाहर करने वाले ही अलग-थलग दिखे।
कांग्रेस को मिस्डकॉल पर भरोसा नहीं
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद झारखंड में कांग्रेस की जो लॉटरी लगी, उससे कांग्रेस के नेताओं में उत्साह का संचार हो गया है। उत्साहित कांग्रेस अपने माथे से 'नेताओं की पार्टी' का तमगा हटाने की दिशा में बढ़ चली है। निर्णय लिया गया कि झारखंड में प्रमंडल व जिला स्तर पर कैंप लगाकर सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। इसकी शुरुआत शनिवार को कोल्हान प्रमंडल के मुख्यालय चाईबासा से कर दी गई है। इसमें खास बात यह है कि सदस्यता ग्रहण करने वाले का नाम, पता, फोन नंबर के साथ रजिस्टर में हस्ताक्षर भी दर्ज किया जाएगा। कांग्रेसियों ने बताया कि उन्हें भाजपा की तरह मिस्डकॉल से सदस्य बनाकर आंकड़े बढ़ाने पर विश्वास नहीं है। इसका नतीजा दिख चुका है। झारखंड और दिल्ली में भी भाजपा को उतने वोट नहीं मिले, जितने उसके सदस्य थे। कांग्रेस ऐसे लोगों को सदस्य बनाना चाहती है, जो चुनाव के समय साथ भी दें।
फोन ही तय करेगा नेताजी का रिजल्ट
झारखंड विधानसभा के चुनाव में कई लोगों की लॉटरी लग गई। कोल्हान के कई नेताजी विधायक, तो कुछ मंत्री बन गए। ये बात है कि सभी जनता के लिए सक्रिय हो गए हैं। चाहे बन्ना गुप्ता हों या मंगल कालिंदी। समीर महंती तो आए दिन उपायुक्त कार्यालय आते रहते हैं। बताया जाता है कि समीर एक बड़ा बाबू का तबादला कराने के लिए परेशान थे, वह काम तो हो गया। लेकिन गड़बड़ है कि अब ये लोग जनता के लिए काम तो खूब कर रहे हैं, लेकिन फोन नहीं उठा रहे हैं। पिछले चुनाव में जनता ने उसी को जिताया था, जो जनता का फोन उठा रहे थे। सरयू राय मिसाल हैं। उन्हें जमशेदपुर की जनता ने इसी लिए सिर माथे पर बिठाया कि उन्होंने कभी फोन से दूरी नहीं बनाई। आज भी वे सबका फोन तो उठाते ही हैं, फेसबुक और ट्विटर पर भी सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं।