मुश्किल से मिला है यह दुर्लभ पेड़, आपको जानना जानिए इसकी खासियत
Medicinal Plants. औषधीय पौधे अशोक का हर भाग अलग-अलग बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। अशोक वृक्ष मूलरूप से स्त्रीजनक रोगों के लिए रामबाण है। इसके अलावा सांस संबंधी बीमारी में भी इसका उपयोग किया जाता है।
जमशेदपुर, मनोज सिंह। जमशेदपुर में दुर्लभ चमत्कारिक गुणों से भरपूर सीता अशोक के पेड़ पाए गए हैं। दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के डीएफओ डा. अभिषेक कुमार ने विशेषज्ञों की टीम द्वारा दुर्लभ जीव - जंतुओं व पेड़- पौधों का सर्वे कराया था। इस दौरान दुर्लभ चमत्कारिक गुणों से भरपूर सीता अशोक के पेड़ पाए गए।
सर्वे टीम के सदस्य व विशेषज्ञ राजा घोष ने बताया कि अब तक उन्हें चार अशोक पेड़ के बारे में जानकारी मिली। दो पेड़ सोनारी, तीसरा साकची तथा चौथा पेड़ टाटा कॉलेज चाईबासा में पाया गया। सीता अशोक के बारे में कहा जाता है कि माता सीता को रावण ने अगवा कर श्रीलंका में जिस वाटिका में रखा था वह अशोक का ही पेड़ था। इसके अलावा इसके फल, फूल, बीज, छाल का उपयोग विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। राजा घोष ने बताया कि सर्वे के दौरान कई दुर्लभ प्रकार के पेड़ -पौधे व जीव- जंतु दलमा व शहर के आसपास के जंगलों में पाए गए हैं। इसी कड़ी में यह अशोक का पेड़ है।
वनऔषधीय में दिव्य रत्न है सीता अशोक
औषधीय पौधे अशोक का हर भाग अलग-अलग बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। अशोक वृक्ष मूलरूप से स्त्रीजनक रोगों के लिए रामबाण है। इसके अलावा सांस संबंधी बीमारी में भी इसका उपयोग किया जाता है। यदि सांस लेने में परेशानी हो रही है तो अशोक बीज का चूर्ण को पान के साथ खाने से सांस संबंधी बीमारी में लाभ मिलता है। बच्चों को यदि उल्टी हो रही हो तो अशोक के फूल को पीसकर उसका लेप कर दूध पिलाने से स्तनपाई शिशुओं की उल्टी रुक जाती है। दस्त रंकने का नाम नहीं लेने पर तीन-चार ग्राम फूल को पानी के साथ पीसकर पिलाने से दस्त रुक जाती है। बवासीर यदि गंभीर रूप ले ले तब अशोक के छाल का काढा बनाकर पिलाने से फायदा होता है। इसके अलावा मासिक विकार, पथरी के दर्द से राहत दिलाती है। प्रदर रोग, टूटी हुई हड़्डी में अशोक का छाल को दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने तथा इसका लेप करने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। चर्मरोग, मुहांसे, अल्सर, याददास्त बढ़ाने, बदन दर्द आदि दूर होता है। यदि किसी खास बीमारी के इलाज के लिए अशोक का उपयोग करते हैं तो आयुर्वेद चिकित्सक की अवश्य सलाह लें।
- डा. मनीष डूडीया, एमडी आयुर्वेद
अशोक बीज को संरक्षित कर नर्सरी में तैयार कराएंगे पौधे
जमशेदपुर के सोनारी व साकची में पाए गए औषधीय पेड़ों में दिव्य रत्न अशोक के पेड़ को संरक्षित किया जाएगा। इसके बीज को जमा किया जाएगा। जमा करने के बाद अशोक बीज से नर्सरी में पौधे तैयार किए जाएंगे। नर्सरी में तैयार पौधे को दलमा व इसके आसपास के इलाके में लगाए जाएंगे ताकि धीरे-धीरे खत्म होने के कगार पर पहुंच चुके अशोक पेड़ की संख्या को बढ़ाया जा सके।
- डा. अभिषेक कुमार, डीएफओ, दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी