Danish Murder Case : जमीन कारोबारी दानिश की हत्या में पुलिस की चुप्पी के निकाले जा रहे मायने, पूछे जा रहे ये सवाल
Danish Murder Case. पुलिस की चुप्पी सवालों के घेरे में है। 29 दिसंबर को दानिश की नूर कालोनी में उस वक्त स्कूटी सवार अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी जब वह नमाज पढ़कर वापस घर लौट रहा था। हत्या के विरोध में विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे थे।
जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर के मानगो के आजादनगर थाना क्षेत्र के नूर कालोनी में जमीन कारोबारी दानिश की हत्या के 11 दिन बीत गए। अब तक मामले में पुलिस कुछ नहीं कर पाई है। हत्या के बाद काफी सक्रियता पुलिस दिखा रही थी। शक और संभावना को लेकर हिरासत में लेकर दागियों से पूछताछ कर रही थी। अचानक मामले में चुप्पी साध गई। वास्तविकता यही है कि मामले को लेकर पुलिस काफी दबाव में है और राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से कार्रवाई करने से हिचक रही है।
वरीय अधिकारी रट -रटाया जवाब दे रहे कि जांच चल रही है जबकि शूटरों की तस्वीर सीसीटीवी कैमर में कैद है और पुलिस के पास उपलब्ध है। उसके बावजूद शूटर तक पुलिस नहीं पहुंच पाई। विगत 29 दिसंबर को दानिश की नूर कालोनी में उस वक्त स्कूटी सवार अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी जब वह नमाज पढ़कर वापस घर लौट रहा था। हत्या के विरोध में मानगो और कदमा में विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे थे। विधि व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे थे।
खुद थाने मेंं पहुंच गए दो युवक
इस बीच आजादनगर थाना में पूर्व के दागी सरफराज और सलीम पिस्तौल लेकर थाना पहुंचे। पुलिस अधिकारी को बताया कि हत्या में दोनों शामिल थे। जबकि दोनों को पुलिस हत्या में तलाश भी नहीं रही थी। अपराधी थाना में खुद उपस्थित होकर यह कहे कि हत्या में उसकी संलिप्तता है, वर्तमान में ऐसा शायद संभव नही है। दोनों ने पूछताछ में पुलिस को ये भी बताया हत्या सुपारी लेकर की थी। लेकिन कैसे-कैसे क्या हुए ये बता नही सके। थाना में आत्मसमर्पण करने वाले दोनों अपराधी को पुलिस ने आम्र्स एक्ट के मामले में जेल भेज दिया।
दोनों के बयान रहे गुमराह करनेवाले
दोनों के बयान भी पुलिस अनुसंधान को गुमराह करने वाला रहा। डाबला, बबलू और अन्य के खिलाफ आजादनगर थाना में हत्या की प्राथमिकी दानिश के पिता ने दर्ज कराई थी। डाबला से अब तक पूछताछ नही हो पाई। फिलहाल पुलिस की तफ्तीश जारी है। वहीं आपराधिक और राजनीतिक गलियारों में मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चा जारी है।