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दो लाख में एक ठेला, जुबिली पार्क के साकची गेट की सबसे ऊंची कीमत

जमशेदपुर के साकची में जुबिली पार्क गेट के पास ठेला डेढ़ से दो लाख रुपये तक में मिलेगा, जबकि बिष्टुपुर में लगभग इतनी ही कीमत चुकानी पड़ेगी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 12:40 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 12:40 PM (IST)
दो लाख में एक ठेला, जुबिली पार्क के साकची गेट की सबसे ऊंची कीमत
दो लाख में एक ठेला, जुबिली पार्क के साकची गेट की सबसे ऊंची कीमत

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। रोजगार की मारामारी हर जगह है, चाहे नौकरी हो या व्यापार। नौकरी के अभाव की चर्चा जब भी होती है तो आमतौर पर यही कहा जाता है कि कहीं चाय-पकौड़े का ठेला लगा लेंगे। यह काम आसान तो है, लेकिन इसमें भी मारामारी है। जैसे ही आप किसी बढिय़ा स्थान पर ठेला लगाने की कोशिश करेंगे, कई ताकतें आपको वहां से ठेलकर भगाने में लग जाएंगी।

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जमशेदपुर में भी यही हाल है। यहां तो बाकायदा फूड प्लाजा तक की घोषणा हो गई है, जहां ठेला लगाना आसान नहीं है। यदि आप यहां व्यवसाय करना चाहते हैं, तो सोच लें। साकची में जुबिली पार्क गेट के पास ठेला डेढ़ से दो लाख रुपये तक मिलेगा, जबकि बिष्टुपुर के डीएम मदन स्कूल के पास लगभग इतनी ही कीमत चुकानी पड़ेगी। हाल के दिनों में ऐसे करीब एक दर्जन सौदे हुए हैं। यदि आप खरीद नहीं सकते तो 5-10 हजार रुपये महीने की दर से किराये पर भी ले सकते हैं। ऐसे ठेले हर जगह मिल जाएंगे। इसकी कीमत भी ठेला लगाने के स्थान पर ज्यादा निर्भर करती है। यह सबकुछ ठेले की कीमत ब्रांड वैल्यू पर निर्भर करती है। वैसे एक सामान्य ठेला 20-25 हजार रुपये में बन जाता है। 

कइयों को करना पड़ेगा खुश

ठेला लेने के बाद छुटभैयों को खुश करना होगा, जिनकी वहां जमींदारी होती है। उन्हें हफ्ते या महीने में एक से दो हजार रुपये तक देना पड़ सकता है। वसूली करने वाले आपके लिए पानी-बिजली की व्यवस्था भी कराते हैं, वरना इसके लिए अलग जहमत उठानी पड़ सकती है। इनका दावा रहता है कि उन्हें खुश कर दिया तो कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। हाकिम भी कुछ नहीं करेंगे। यदि आप दबंगई नहीं दिखा सकते या ऊंची पैरवी नहीं रखते तो चुपचाप इनकी बात मानने के सिवा कोई चारा नहीं बचता। बीच-बीच में आपकी दुकान पर मुफ्तखोरी वाले भी आएंगे, बस उन्हें खिलाते रहना होगा। इसकी भरपाई आपको सामग्री में डंडी मारकर या दाम बढ़ाकर करनी होगी। 

बीस रुपये में एक बल्ब

इन दुकानदारों को कंपनी की बिजली मिलती है, लेकिन एक दिन में एक बल्ब का 20 रुपये देना पड़ता है। इसकी वसूली आमतौर पर रोज होती है। कहीं-कहीं हफ्ते में लिया जाता है।  इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप सीएफएल का बल्ब जला रहे हैं या एलइडी का। पैसा उतना ही लगेगा।      


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