shikar Parv: बासाडेरा के घने जंगलों में शुरू हुआ शिकार पर्व, वन देवी - देवता की पूजा- अर्चना के बाद निकले सेंदरा वीर
Jhakhand culture पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड के कालचिति पंचायत स्थित सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र बासाडेरा के घने जंगलों में शिकार पर्व को लेकर कई गांव के सेंदरा वीर पहाड़ पर चढे। इससे पूर्व विधिवत वन देवी देवताओं की पूजा अर्चना की गइ।
घाटशिला (पूर्वी सिंहभूम), जासं। पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड के कालचिति पंचायत स्थित सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र बासाडेरा के घने जंगलों में शिकार पर्व को लेकर कई गांव के सेंदरा वीर पहाड़ पर चढे। दीघा, चापड़ी, टिकड़ी डाईनमारी समेत आसपास के गांव से सेंदरा वीरों का जुटान सुबह से ही पहाड की तलहटी में होने लगा।
आदिवासी समुदाय के सैकडों युवा एवं वरिष्ठ सेंदरा वीरों के द्वारा पूर्वजों के जमाने से चली आ रही पौराणिक धार्मिक परंपरा का निर्वहन करते हुए विधिवत वन देवी देवताओं की पूजा अर्चना की गइ। पूजा - अर्चना संपन्न होने के पश्चात सभी सेंदरा वीर वन विभाग की रोक -टोक से बेखौफ जंगल में मौजूद विभिन्न प्रजातियों के जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए अपने अपने हाथों में तीर धनुष समेत पारंपरिक हथियारों को लेकर अलग अलग टोलियों में घने जंगलों की ओर रुख किया। बासाडेरा, धारागिरी के ऊंचे ऊंचे पहाड़ों के जंगल में शिकार करने में लगे हैं।
सेंदरा पर्व गैरकानूनी
इस संबंध में घाटशिला के रेंजर दिनेश सिंह ने बताया कि शिकार पर्व गैरकानूनी है। इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया गया है। वन विभाग के द्वारा शिकारियों को शिकार में जाने से रोकने के लिए के लिए वन रक्षियों की टीम गठन की गई है। शिकार पर आ रहे ग्रामीणों को जंगली जानवरों की रक्षा करने को लेकर जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके लिए गांव में भी बैठक कर जानकारी दी गई है।