Gudri Massacre: 7 ग्रामीणों की निर्मम हत्या के बाद पश्चिमी सिंहभूम के तीन प्रखंडों में धारा 144 लागू
पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन ने चक्रधरपुरसोनुआ और गुदड़ी प्रखंड क्षेत्र में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दिया है। निषेधाज्ञा 26 जनवरी तक प्रभावी रहेगी।
जमशेदपुर/ चाईबासा, जेएनएन। Section 144 applied in three blocks of West Singhbhum गुदड़ी प्रखंड के बुरुकुलीकेरा में सात लोगों की हत्या के बाद पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन ने चक्रधरपुर,सोनुआ और गुदड़ी प्रखंड क्षेत्र में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दिया है। निषेधाज्ञा 26 जनवरी तक प्रभावी रहेगी। पश्चिमी सिंहभूम के जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अरवा राजकमल ने भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत शक्ति का प्रयोग करते हुए यह फैसला लिया है। हालांकि, विधि व्यवस्था में लगे पदाधिकारी, कर्मचारी, पुलिस पदाधिकारी,पुलिस बल एवं धार्मिक कार्य, श्मशान घाट पर जाने वाली जुलूस इस निषेधाज्ञा की परिधि से बाहर रहेंगे।
उपद्रव की योजना की मिली थी सूचना
उपायुक्त ने बताया कि गुदड़ी के प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं थाना प्रभारी गुदड़ी ने सूचित किया है कि बुरुगुलीकेरा में हुई हत्या के मामले में पुलिस द्वारा गठित एसआईटी जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा संबंधित आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना है। इस अवसर पर अवांछनीय तत्वों द्वारा अपनी गतिविधियों से गंभीर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न किए जाने की सूचना है। ऐसे में सार्वजनिक शांति तथा आम जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की पूरी संभावना है।
इस बात की होगी मनाही
उन्होंने बताया कि निषेधाज्ञा लागू रहने तक क्षेत्र में किसी प्रकार का हरवे-हथियार लेकर निकलना या चलना प्रतिबंधित रहेगा। चौक- चौराहे पर चार या चार से अधिक व्यक्तियों का एकत्रित होना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। इस दौरान सक्षम पदाधिकारी से अनुमति प्राप्त किए बिना किसी प्रकार की बैठक, धरना-प्रदर्शन, जुलूस,सभा आयोजित करने एवं ध्वनि विस्तारक यंत्र का व्यवहार करने पर पूर्ण रूप से पाबंदी रहेगी। निषेधाज्ञा के दौरान इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता की धारा 186 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
सीएम ने दिए थे एसआइटी जांच के आदेश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 22 जनवरी को एसआईटी गठन कर तमाम पहलुओं की जांच का आदेश दिया था उन्होंने 23 जनवरी को प्रभावित गांव का दौरा किया था और पीडि़त परिवारों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। कानून को हाथ में लेने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। कानून को किसी को भी अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। जो लोग ऐसे काम करेंगे, सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी।