पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले के स्कूली बच्चों को अब मिलेगा अंडा Jamshedpur News
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां के स्कूली बच्चों को अब अंडा मिलेगा। दरअसल मिड डे मील में सेंट्रलाइज किचेन से अंडा नहीं मिलता है। अब अलग से व्यवस्था होगी।
By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 09:50 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 09:50 AM (IST)
खुशखबरी
- पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां के स्कूली बच्चों को अब मिलेगा अंडा
- मिड डे मील में सेंट्रलाइज किचेन से नहीं मिलता अंडा, अलग से होगी व्यवस्था
जमशेदपुर, जासं। झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम तथा सरायकेला-खरसावां जिले में मध्याह्न भोजन की आपूर्ति सेंट्रलाइज किचेन से की जा रही है, लेकिन इसमें बच्चों को अंडा नहीं दिया जा रहा है। अब राज्य सरकार ने इन जिलों के स्कूलों के बच्चों को अलग से अंडा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
दरअसल, सोशल ऑडिट की राज्य स्तर पर हुई सुनवाई में यह बात सामने आई कि इस्कॉन संस्था द्वारा पूरक पोषाहार के तौर पर पूर्वी सिंहभूम के 348 स्कूलों तथा सरायकेला-खरसावां के 83 स्कूलों में बच्चों को अंडा के बजाय केवल फल (सेव या केला) दिया जा रहा है, जबकि 90 फीसद बच्चों ने अंडा खाने में रुचि दिखाई है। इसपर निर्णय लिया गया कि जिन स्कूलों में सेंट्रलाइज किचेन के माध्यम से मध्याह्न भोजन की आपूर्ति हो रही है, उन स्कूलों के लिए झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकरण द्वारा अलग से पूरक पोषाहार (अंडा/फल) के लिए राशि आवंटित करते हुए स्कूलों में रसोई गैस की व्यवस्था की जाएगी ताकि स्कूल में कार्यरत रसोइया अंडा उबालकर बच्चों को दिया जा सके।
इस्कॉन से राशि की होगी कटौती
इसके लिए अलग से ईंधन के लिए भी राशि प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। बदले में इस्कॉन से यह राशि समानुपातिक रूप से कटौती की जाएगी। बता दें कि राज्य सरकार बच्चों को मध्याह्न भोजन के साथ पूरक पोषाहार के रूप में अंडा या फल देती है, लेकिन इस्कॉन द्वारा अंडा के बजाए फल ही बच्चों को दिए जा रहे हैं।
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