60 दिनों के अंदर विक्रेता ने बिल अपलोड नहीं किया तो लगेगा जुर्माना
पहली अप्रैल 2020 से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) रिटर्न में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नए नियमों के तहत यदि किसी सप्लायर ने 60 दिनों के अंदर बेचे गए माल के बिल को विभाग के आधिकारिक पोर्टल पर अपलोड नहीं किया और क्रेता ने खुद ही बिल अपलोड कर देता है तो ऐसी स्थिति में विक्रेता पर विभाग जुर्माना लगाएगा।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पहली अप्रैल 2020 से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) रिटर्न में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नए नियमों के तहत यदि किसी सप्लायर ने 60 दिनों के अंदर बेचे गए माल के बिल को विभाग के आधिकारिक पोर्टल पर अपलोड नहीं किया और क्रेता ने खुद ही बिल अपलोड कर देता है, तो ऐसी स्थिति में विक्रेता पर विभाग जुर्माना लगाएगा।
सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा बुधवार शाम चैंबर भवन में नए जीएसटी रिटर्न पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसे संबोधित करते हुए सेंट्रल जीएसटी के अधीक्षक केके मिश्रा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले के प्रावधान के तहत यदि विक्रेता ने बिल अपलोड नहीं करते थे तो क्रेताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलता था। लेकिन नए प्रावधान के तहत अब किसी भी तरह का माल बेचने वाले विक्रेताओं की जिम्मेदारी और भूमिका बढ़ जाएगी। यदि किसी कारण से विक्रेता ने बिल अपलोड नहीं किया तो क्रेता खुद बिल अपलोड कर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ले सकता है और विभाग उसके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई भी नहीं करेगा।
अधीक्षक ने बताया कि नए प्रावधानों के तहत अब जीएसटी रिटर्न भरने पर सभी करदाताओं को अपने रिटर्न में संशोधन करने की सुविधा भी मिलेगी। उन्होंने सभी उद्यमियों से अपील की है कि पोर्टल में नए जीएसटी के अनुभाग-1 व अनुभाग-2 के प्रोटो टाइप को खुले और ट्राइल के रूप में उसे भरें। इससे उन्हें पता चल पाएगा कि नए जीएसटी रिटर्न भरने में किस तरह की परेशानी हो रही है। उनके द्वारा भरे गए आंकड़ों का उपयोग उनकी समीक्षा में नहीं होगी।
इस मौके पर सेंट्रल जीएसटी के सहायक आयुक्त संजीव रंजन, डी राय, राम माझी, अधीक्षक राजीव कुमार, चैंबर महासचिव भरत वसानी, उपाध्यक्ष दिनेश चौधरी, मानव केडिया, सचिव राजीव अग्रवाल, कोषाध्यक्ष किशोर गोलछा, पूर्व अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया, रमाकांत गुप्ता, पीयूष चौधरी, भरत मकानी, बीएन शर्मा, राजेश अग्रवाल, बजरंग अग्रवाल सहित कई टैक्स विशेषज्ञ व चैंबर सदस्य उपस्थित थे।