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बोले एमजीएम के नए अधीक्षक - 22 साल से कर रहा मरीजों की सेवा, नजर में हैंं खामियां Jamshedpur News

सचिवालय के दबाव में डॉ. मंधान ने एमजीएम के नए अधीक्षक डॉ. संजय को दिया प्रभार प्रभार ग्रहण करने के बाद डॉ संजय ने दिया कमियों को दूर करने का आश्‍वासन।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 08:12 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 08:12 PM (IST)
बोले एमजीएम के नए अधीक्षक - 22 साल से कर रहा मरीजों की सेवा, नजर में हैंं खामियां Jamshedpur News
बोले एमजीएम के नए अधीक्षक - 22 साल से कर रहा मरीजों की सेवा, नजर में हैंं खामियां Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। शुक्रवार की दोपहर डेढ़ बजे सरकार के उपसचिव अभिषेक श्रीवास्तव का फोन वर्तमान अधीक्षक डॉ. आरके मंधान को आता है और नए अधीक्षक डॉ. संजय कुमार को प्रभार देने का निर्देश दिया जाता है। उस समय डॉ. आरके मंधान अपने चैंबर में ही बैठे हुए थे।

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उन्हें अबतक आधिकारिक रूप से पदमुक्त नहीं किया गया है, पर सचिवालय के दबाव में उन्होंने अपना प्रभार डॉ. संजय कुमार को सौंपना पड़ा है। डॉ. मंधान ने उन्हें बधाई देते हुए अधीक्षक कुर्सी पर बैठाते है। इसके बाद डॉ. संजय कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहते है कि 22 साल से एमजीएम अस्पताल से जुड़ा हूं। इससे पूर्व पटना स्थित पीएमसीएच अस्पताल में कार्यरत था। एक दिसंबर 1997 को एमजीएम में योगदान दिया। तब से यहां अलग-अलग पदों पर रहकर मरीजों की सेवा कर रहा हूं। इसलिए सभी खामियां को समझता हूं, जानता हूं, उसे दुरुस्त करने का काम किया जाएगा।

डॉ. संजय कुमार की पहली प्राथमिकता इमरजेंसी विभाग की व्यवस्था दुरुस्त करना है। उन्होंने कहा कि 24 घंटे मरीजों को बेहतर सेवा देने को एक सिस्टम विकसित की जाएगी। ताकि मरीजों की शिकायत कम से कम आए। प्रभार ग्रहण करते समय एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी, डॉ. देवेंद्रजी सहित अन्य डॉक्टर उपस्थित थे।

फांकी मारने वाले चिकित्सकों पर होगी कार्रवाई
डॉ. संजय कुमार प्रभार ग्रहण करते ही एक्शन में आ गए है। उनके कड़े तेवर में कहा कि हमारे पास जो भी संसाधन है, उसका बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इमरजेंसी व ओपीडी से गायब रहने वाले चिकित्सकों पर सख्ती के साथ कार्रवाई होगी। अधिकांश समय देखा जाता है कि शाम के वक्त ओपीडी में सीनियर डॉक्टर नहीं पहुंचते है, जो गलत है। वैसे डॉक्टरों को चिन्हित किया जाएगा और कार्रवाई भी तय होगी। डॉ. संजय कुमार ने कहा मरीजों को बेहतर सुविधा देकर अस्पताल की छवि सुधारने की कोशिश किया जाएगा।
ड्रेसर, वार्ड ब्वाय को लेकर सरकार को लिखा जाएगा पत्र
अस्पताल में जो भी खामियां है उसे दुरुस्त करने को लेकर सभी विभागाध्यक्षों के साथ एक बैठक की जाएगी। उसके आधार पर एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार को पत्र लिखा जाएगा। ड्रेसर व वार्ड ब्याय के बिना अस्पताल को चलाना मुश्किल काम है। जल्द से जल्द रिक्त पड़े हुए पदों पर कर्मचारियों की बहाली करने की कोशिश होगी।
अधीक्षक के सामने होंगे चुनौतियां
सुबह ओपीडी में एक से डेढ़ घंटे देर से पहुंचते है डॉक्टर।
शाम के समय अधिकांश सीनियर डॉक्टर ओपीडी नहीं पहुंचते।
इनडोर में शाम व रात के वक्त नहीं रहता कोई डॉक्टर।
सेंट्रल रजिस्ट्रेशन सुविधा सही ढंग से नहीं कर रहा काम।
इमरजेंसी में ड्रेसर व वार्ड ब्वाय नहीं रहने से आय दिन होगा हंगामा।
इमरजेंसी में मरीजों की संख्या अधिक होने से मरीजों को बेड नहीं मिल पाना।
साफ-सफाई की कमी से मरीजों को संक्रमण रोग फैलने का अधिक खतरा।
मुख्यालय में योगदान देंगे डॉ. मंधान
सचिवालय की ओर से डॉ. आरके मंधान के नए पदस्थापना या अधीक्षक पद से मुक्ति के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। नियमानुसार नव पदस्थापना की अधिसूचना न आने तक डॉ. आरके मंधान मुख्यालय में योगदान देंगे। हालांकि, डॉ. आरके मंधान का कहना है कि वह विभाग के दिशा-निर्देश का इंतजार कर रहे है। उसके बाद ही आरे का निर्णय लिया जाएगा।
 

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