Sawan 2021: सावन के गीतों से झूम रही लौहनगरी, धूम मचा रहे जमशेदपुर के कलाकार
सावन की तीसरी सोमवारी को जमशेदपुर के मंदिरों में भक्तों की लाइन लगी हुई है। पूजा-पाठ के साथ-साथ मंदिरों में गीत-संगीत भी प्रस्तुत किया जा रहा है। खास बात यह है कि अधिकांश गीतों में शहर के कलाकारों ने ही आवाज दी है जिसे खूब पसंद किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। सावन की तीसरी सोमवारी को जमशेदपुर शहर के मंदिरों में भक्तों की लाइन लगी हुई है। इस दौरान पूजा-पाठ के साथ-साथ मंदिरों में गीत-संगीत भी प्रस्तुत किया जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि अधिकांश गीतों में शहर के कलाकारों ने ही आवाज दी है जिसे खूब पसंद किया जा रहा है। जमशेदपुर की गायिका ज्योति पांडे के गीत इन दिनों धूम मचा रहे हैं। सावन में उनके गाने खूब पसंद किए जा रहे हैं। ज्योति पांडे इससे पूर्व भी कई गाना गा चुकी है। साथ ही वह शॉर्ट फिल्म में काम भी कर चुकी है।
फिलहाल दो गाने रिलीज हुए हैं इसमें सावन सोमवारी की भीड़ भईला बा...होता जयकार बाबा गोसइयां हो... और दूसरा बैठी कैलाश रऊवां... शामिल है। इसके अलावे आदित्यपुर के युवा गायक चंदन कुमार के गाने भी काफी चर्चा में हैं। यूट्यूब पर इन गानों को आप सुन सकते हैं। सावन की सोमवारी के शुभ अवसर पर सोमवार को सिंह फिल्म प्रोडक्शन की शुरुआत यूट्यूब पर की गई। इसमें अभी शिव भक्ति के दो गानों को शामिल किया गया है। इसमें पहले गाने देख ना नयनववा के खोल...और गउरा के सरिया...को शामिल किया गया है। इन दोनों गीतों में ज्योति पांडे ने आवाज दी है। वहीं, इस गीत को केंद्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति के केंद्रीय अध्यक्ष शिव पूजन सिंह ने लिखा है।
जल्द रिलीज होंगे सैनिक व प्रवासी मजदूरों पर गीत
शिव पूजन सिंह ने कहा कि जल्द ही सैनिक व प्रवासी मजदूरों की व्यथा पर गीत रिलीज की जाएगी। फिलहाल इसे लिखा जा रहा है। इस गीत में भी ज्योति पांडे की आवाज होगी। ज्योति पांडे शहर की जानी-मानी गायिका है। उनके द्वारा गाए हुए गानों को इंटरनेट मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है।
भोजपुरी के प्रति लोगों को जागरूक करना मुख्य उद्देश्य
शिव पूजन सिंह ने कहा कि वह सभी गानों को स्वयं लिख रहे हैं। इन सभी गीतों को रिलीज किया जाएगा ताकि भोजपुरी के प्रति अधिक से अधिक लोग जागरूक हो सकें। उनका गीत लिखने का मुख्य उद्देश्य भोजपुरी के प्रति राग को जागृत करना और अश्लील गीतों को समाप्त करना है। साथ ही, झारखंड के कलाकारों को उचित मंच भी देना मकसद है।