शहर के कई बिल्डरों ने किया नदी का अतिक्रमण : सरयू
शहर में नदी का अतिक्रमण कई स्थानों पर किया गया है। कई बिल्डरों ने बिना एनआसी नदी किनारे बिल्डिंग बना दी।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर में नदी का अतिक्रमण कई स्थानों पर किया गया है। कई बिल्डरों ने नदी का अतिक्रमण किया है। इसकी जांच होनी चाहिए। यही नहीं, झारखंड की 200 से ज्यादा बिल्डिंग अवैध तरीके से बनी हैं। इन भवनों का निर्माण पर्यावरण अनापत्ति प्रमाणपत्र के बिना किया गया है। ऐसे भवनों की संख्या बढ़ भी सकती है।
ये बातें झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री व जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कहीं। बिष्टुपुर स्थित आवास पर शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में सरयू ने कहा कि उनकी जानकारी के मुताबिक कुछ बिल्डिंग को प्रदूषण विभाग ने बिना जांच किए भवन निर्माण की अनुमति (कंसेंट टू ऑपरेट) का पत्र जारी कर दिया है। ऐसे में विभाग के अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र के विभाग कंसेंट टू ऑपरेट कैसे दे सकता है। जाहिर है कि विभाग ने अनुचित तरीके से अनुमति दी है।
नियम के मुताबिक 20 हजार वर्गफुट से अधिक के भवन को पर्यावरण अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य है, लेकिन उनकी जानकारी में किसी ने नहीं लिया है। इसमें शहर के एक्सएलआरआर व पीए मॉल से लेकर रांची का विधानसभा भवन तक शामिल है। यह मामला एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) तक के पास पहुंच गया है। सरयू ने कहा कि उन्होंने स्वर्णरेखा परियोजना के प्रशासक से नदी का कंट्रोल मैप उपलब्ध कराने के लिए कहा है। उन्होंने इस मामले को पिछले कार्यकाल में विधानसभा में भी उठाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बार भी हेमंत सरकार से इस संबंध में कार्रवाई के लिए आग्रह करेंगे। आखिर नियम-कानून से चलने में किसी को क्यों परेशानी हो सकती है।