सरयू राय पहुंचे एमजीएम, कहा-कहीं तो कुछ नहीं बदला
झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री सह जमशेदपुर पूर्वी के वर्तमान विधायक सरयू राय मंगलवार को महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री सह जमशेदपुर पूर्वी के वर्तमान विधायक सरयू राय मंगलवार को महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। इससे एक दिन पूर्व यानी सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। तब उनको इमरजेंसी विभाग के मुख्य द्वार पर एक सुअर दिखाई दिया था, जिसे देखकर वह भड़क गए थे। उसका कारण जानने के लिए सरयू राय पूरे अस्पताल घूमे और वहां की अव्यवस्था को देखा। उन्होंने कहा कि मैं डेढ़ साल के बाद अस्पताल आ रहा हूं।
पहले कई बार अस्पताल की व्यवस्था में सुधार को लेकर आता था जिसकी रिपोर्ट मेरे पास मौजूद है। लेकिन, सोमवार को सचिव आए तो मेरा अस्पताल आने की उत्सुकता बढ़ गई और मैं चले आया। यहां आकर देखा कि दो साल पूर्व रांची में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय कितना धरातल पर उतरा। उसके बाद स्वास्थ्य मंत्री, विभाग के सचिव सहित अन्य पदाधिकारी भी अस्पताल पहुंचे और सभी बयान देकर चलते बने लेकिन क्या वह धरातल पर उतरा, उसे कोई नहीं देखता। सचिव निरीक्षण करने आएं, यह अच्छी बात है लेकिन पूर्व में लिए गए निर्णय कितना लागू हुआ उसे भी देखना चाहिए और अगर लागू नहीं हुआ तो उसपर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। नहीं तो फिर इसी तरह लोग आते रहेंगे और बयान देकर चलते बनेंगे। अस्पताल भी इसी तरह से चलते रहेगा।
सिर्फ खराब है व्यवस्था यह कहकर चले जाने से समाधान नहीं होगा
सरयू राय ने कहा कि मैंने पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान देखा कि चारदीवारी टूटी हुई है। ऐसे में सुअर, चोर व शरारती तत्व तो घुसेंगे ही न। इसके लिए चाहिए की जल्द से जल्द चारदीवारी बना दी जाए। ताकि दोबारा नहीं दिखाई दें। सरयू राय ने कहा कि अगर नियम-कानून से काम किया जाए तो छह माह में अस्पताल की सूरत बदली जा सकती है। सिर्फ खराब है व्यवस्था यह कहकर चले जाने से समाधान नहीं होगा।
अधीक्षक के सामने मंत्री प्रतिनिधि का कार्यालय कैसे हो सकता है
सरयू राय ने कहा कि मैं हैरान हूं। अधीक्षक के सामने स्वास्थ्य मंत्री के प्रतिनिधि का कार्यालय सुनकर, क्या यह नियम के अनुसार है। झारखंड के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में भी क्या इसी तरह का कार्यालय है। मैंने अभी तक देखा हूं कि एम्स या फिर रिम्स में स्वास्थ्य मंत्री का कार्यालय होता है लेकिन यहां प्रतिनिधि का कार्यालय होना कितना सही है।
फटी टाट में मखमल का पैबंद लगा देने से नहीं होगा
सरयू राय ने कहा कि अस्पताल के कैदी वार्ड के समीप भवन जर्जर है। वहीं, और भी कई खामियां है। उन्होंने कहा कि फटी टाटा में मखमल का पैबंद लगाकर कह देने से नहीं होगा कि साहब मैंने काफी अच्छा काम कर दिया। इससे बाहर निकलना होगा। डीसी, सिविल सर्जन सहित अन्य अधिकारी भी अस्पताल आते हैं तो क्या यह प्रोटोकल में शामिल है। इसे भी देखा जाना चाहिए। हालांकि, मैं जल्द ही इसपर आगे बढूंगा।