Move to Jagran APP

जमशेदपुर की बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने को सरयू रेस, सीएम ने दिया ये भरोसा

जमशेदपुर की बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने को लेकर विधायक सरयू राय रेस हो गए हैं। उन्‍होंने मुख्यमंत्री से मिलकर शीघ्र निर्णय लेने का आग्रह किया।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 09:43 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 09:43 AM (IST)
जमशेदपुर की बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने को सरयू रेस, सीएम ने दिया ये भरोसा
जमशेदपुर की बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने को सरयू रेस, सीएम ने दिया ये भरोसा

रांची, राज्य ब्यूरो।  बस्तीवासियों को मालिकाना हक दिलाने के लिए जमशेदपुर पूर्व के विधायक सरयू राय ने प्रयास तेज कर दिया है। उन्होंने इस मामले पर गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और जल्द से जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे विस्तृत अध्ययन कर सकारात्मक फैसला लेंगे। सरयू राय के मुताबिक इस फैसले का लाभ अन्य जिलों के लोगों को भी मिलेगा। 

prime article banner

विधायक का मानना है कि जब देश के प्रधानमंत्री दिल्ली व आसपास के इलाकों के लिए कानून बनाकर मालिकाना दे सकते हैं तो जमशेदपुर के बस्तियों में रहने वाले लोगों को भी यह अधिकार मिल सकता है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ जमशेदपुर ही नहीं, राज्य के दूसरे शहरों में भी हैं, जहां अलग-अलग तरीके से मांग की जाती रही है। 

मालिकाना मुद्दे को उठाकर रघुवर दास पहली बार पहुंचे थे विस

उल्लेखनीय है कि इसी मालिकाना मुद्दे को उठाकर रघुवर दास 1995 में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। उसके बाद से लेकर 2014 तक इस मुद्दे की बदौलत रघुवर विधानसभा पहुंचते रहे। 2014 में मुख्यमंत्री बनने के बाद भी रघुवर बस्तीवासियों को मालिकाना हक नहीं दिलवा पाएं। 2019 के चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कह दिया कि मालिकाना हक देने में सीएनटी व एसपीटी बाधक है। वहीं सरयू राय दिल्ली की नजीर पेश कर लोगों के सपने का जगाए रखा, जिसका उन्हें लाभ भी मिला। अब चुनाव जीतने के बाद प्राथमिकता के आधार पर मालिकाना का पेच सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री से मिले। 

विद्यापतिनगर मामले में गेंद प्रशासन के पाले में 

अतिक्रमण हटाने के लिए न्यायालय के नोटिस के बाद चर्चा में आए बारीडीह के विद्यापतिनगर का मामला जिला प्रशासन के पाले में है। विधायक सरयू राय ने उस मामले में उपायुक्त रविशंकर शुक्ला से मुलाकात कर उन्हें जमीन टाटा लीज से बाहर होने की बात बताई थी। साथ बताया कि राजस्व विभाग के खतियान में यह जमीन सरकारी है। ऐसे में जिला प्रशासन की अनुशंसा पर सरकार फैसला ले सकती है। गुरुवार को सरयू राय ने राजस्व खाते का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि विद्यापतिनगर की जमीन टाटा लीज की नहीं, सरकार की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK