Jharkhand Politics: सरयू राय बोले, झारखंड की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करें रघुवर
Jharkhand Politics. मुख्यमंत्री को मात देकर सुर्खियों में बने विधायक सरयू राय ने कहा है कि रघुवर दास श्वेत पत्र जारी कर बताएं कि राज्य के खजाने में कितनी राशि है ।
जमशेदपुर, जासं। विधायक सरयू राय ने कहा कि झारखंड सरकार के कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास को पद छोडऩे के पहले यह बताना चाहिए कि राज्य सरकार की वर्तमान आर्थिक स्थिति कैसी है। उनके कार्यकाल में कितनी सहायता राशि केंद्र सरकार से मिली, कितनी राशि वित्तीय संस्थानों से कर्ज एवं उधार के रूप में ली गई तथा कितनी राशि राज्य सरकार के कर एवं गैर कर स्रोतों से आय के रूप में प्राप्त हुई।
सरयू ने कहा कि 2015 से 2019 के बीच पांच वर्षों में राज्य के ऊपर कर्ज का कितना बोझ बढ़ा। कितने की योजना प्रत्येक वर्ष बनी और कितना पैसा खर्च हुआ। जो बजट और योजना की राशि सरकार ने प्रत्येक वर्ष व्यय के रूप में निर्धारित की वह कितना वास्तविक था और कितना जनता को दिखाने के लिए बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया। खासकर वर्तमान वित्तीय वर्ष में ये आंकड़े क्या हैं और कितना धन पीएल अकाउंट में जमा कर खर्च दिखाया गया है।
खजाना खाली होने का दावा
सरयू ने कहा कि वस्तुस्थिति यह है कि फिलहाल राज्य सरकार का खजाना बिल्कुल खाली हो गया है और रोजाना के खर्चों की भरपाई करने के लिए वित्त विभाग को धन जुटाना मुश्किल हो रहा है। राज्य के कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है और हजारों करोड़ रुपये का भुगतान रुका हुआ है। इस वर्ष सरकार ने 80,000 करोड़ रुपये का बजट बनाया था, जबकि उसकी क्षमता 60,000 करोड़ से अधिक की नहीं थी। इसी तरह 44,000 करोड़ का योजना बजट बना। कुछ महीनों के बाद इसको घटाकर 33,000 करोड़ कर दिया गया। वस्तुस्थिति यह है कि 25,000 करोड़ से अधिक योजना मद में खर्च नहीं हो सकेगा। जो खर्च नहीं हो रहा है उसे पीएल अकाउंट में जमा दिखाकर खर्च बता दिया जा रहा है।
आनेवाली सरकार को मिल रही दिवालिया अर्थव्यवस्था
सरयू ने कहा कि दो दिन बाद आने वाली सरकार को यह सरकार एक दिवालिया अर्थव्यवस्था सौंप रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष के तीन महीने अभी बाकी हैं। सरकार टकटकी लगाए बैठी रहेगी कि केंद्रीय सहायता अकाउंट्स कब आ रहा है। पहले तो डबल इंजन सरकार थी तब राज्य की अर्थव्यवस्था दिवालिया हो गई। अब क्या होगा, यह एक बड़ा प्रश्न है। इसलिए पद छोडऩे के पहले कार्यवाहक मुख्यमंत्री को इस बारे में एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए और बताना चाहिए कि राज्य के वित्त व्यवस्था की स्थिति आखिर ऐसी किन कारणों से हो गई।