Jharkhand Politics: सरयू राय ने खुद पर लगे आरोपों की जांच कराने के लिए गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र
Jharkhand Politics झारखंड के पूर्व मंत्री एवं जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर खुद पर लगाए गए आरोपों की सीबीआइ से जांच कराने का आग्रह किया है। यह आग्रह उन्होंने भाजपा के आरोपों के बाद किया है।
जमशेदपुर, जासं। Jharkhand Politics झारखंड के पूर्व मंत्री एवं जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर खुद पर लगाए गए आरोपों की सीबीआइ से जांच कराने का आग्रह किया है। यह आग्रह उन्होंने भाजपा के आरोपों के बाद किया है।
सरयू ने लिखा है कि मैं वर्ष 2015 से 2019 के बीच झारखंड सरकार में मंत्री था, जिसके मुख्यमंत्री रघुुवर दास थे। इसके बाद मुझे रघुवर दास के विरूद्ध उनके विधानसभा क्षेत्र, जमशेदपुर पूर्वी से विधानसभा का चुनाव 2019 में लड़ना पड़ा। इस चुनाव में उन्हें परास्त कर मैं विजयी हुआ। इसकी कसक जमशेदपुर में रहनेवाले उनके कतिपय निकटस्थ व्यक्तियों के मन में अभी भी बनी हुई है। वे यदा-कदा मेरे ऊपर आरोप लगाते रहते हैं कि मंत्री रहते हुए मैंने अनुचित कार्य किया है। कतिपय व्यक्तियों और संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया है।
सबसे पहले अभय सिंह ने लगाया आरोप
सबसे पहले अभय सिंह, जो 2019 के विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी से झारखंड विकास मोर्चा के प्रत्याशी थे। मुझसे चुनाव हारने के बाद बाबूलाल मरांडी के साथ भाजपा में शामिल हो गए, ने 18 मार्च को उपायुक्त कार्यालय, जमशेदपुर के सामने संवाददाता को संबोधित किया और मेरे ऊपर आरोप लगाया कि मैंने खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग, झारखंड सरकार से जमशेदपुर के झारखंड प्रिंटर्स को बिना टेंडर के काम देकर उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाया है, जबकि झारखंड प्रिंटर्स ने प्रासंगिक कार्य निविदा के आधार पर खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग, झारखंड सरकार के निदेशालय से प्राप्त किया था। इस निविदा में रांची के कई बड़े प्रिंटर्स ने भी हिस्सा लिया था। इसके बावजूद अभय सिंह चाहते है कि मेरे विरूद्ध उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच सीबीआई करे।
देवेंद्र के आरोप का भी जिक्र
इसके तुरंत बाद 24 मार्च को देवेंद्र सिंह, जो झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 में जमशेदपुर पश्चिमी से भाजपा के उम्मीदवार थे और पराजित हुए, ने मुझ पर आरोप लगाया कि मैंने युगांतर भारती नामक एक स्वयंसेवी संस्था को एक मंत्री के रूप में अपने विभाग से करोड़ों रूपये का लाभ पहुंचाया है। उनका यह कथन शत-प्रतिशत असत्य है। फिर भी उन्होंने मांग किया है कि मेरे विरूद्ध उनके द्वारा लगाए गए आरोप की जांच सीबीआई करे। महाशय, सीबीआई भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन है। इसलिए मेरा अनुरोध है कि पराजित मानसिकता वाले उपर्युक्त व्यक्तियों द्वारा मेरे विरूद्ध लगाए गए आरोपों की जांच सीबीआई से कराने का आदेश देने की कृपा करें, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।