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Jharkhand Politics : केबुल कंपनी में पुलिस की मदद से हो रही चोरी, सरयू ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र

जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने झारखंड के मुख्य सचिव से कहा कि इंकैब में चोरी हुए अरबों रुपये की संपत्ति के अनुसंधान को लेकर जमशेदपुर पुलिस गंभीर नहीं है। पत्र में कंपनी के पुनरुद्धार मामले में राज्य सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह भी किया गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 30 Sep 2021 11:43 AM (IST)Updated: Thu, 30 Sep 2021 11:43 AM (IST)
Jharkhand Politics : केबुल कंपनी में पुलिस की मदद से हो रही चोरी, सरयू ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
झारखंड के जमशेदपुर में बंद पडी केबुल कंपनी। फाइल फोटो

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। गोलमुरी स्थित इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केबुल कंपनी) करीब 21 वर्ष से बंद पड़ी है। कंपनी के अधिग्रहण का मामला एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) कोलकाता में लंबित है। इस अवधि में कंपनी से लगातार चोरी हो रही है, जिस पर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिखा है।

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सरयू ने लिखा है कि 28 सितंबर को केबुल कर्मियों ने मुझे एक सचित्र वाट्सएप भेजा, जिससे प्रतीत हो रहा है कि गोलमुरी थाना के टाइगर मोबाइल के जवानों की मिलीभगत से इंकैब परिसर से भारी वाहन पर चोरों द्वारा सामान लादकर ले जाया जा रहा है। कार्रवाई के निवेदन के साथ इसे मैंने गोलमुरी थाना के इंस्पेक्टर को वाट्सएप फारवर्ड कर दिया। प्रश्न है कि क्या इंकैब के सामानों का चोरी रोकना और चोरों को पकड़ना राज्य सरकार की पुलिस का दायित्व है या इसमें संलिप्त होना।सरयू ने लिखा है कि इस संबंध में मैंने 22 सितंबर को झारखंड सरकार के पुलिस महानिदेशक को सप्रमाण सूचित किया है कि किस प्रकार इंकैब इंडस्ट्रीज की भारी मशीनों एवं अन्य परिसंपत्तियों की चोरी हो गई है और हो रही है। इससे पहले 15 दिसंबर 2020 को मैंने एक हस्तलिखित प्राथमिकी जमशेदपुर के गोलमुरी थाना में दर्ज करायी थी। केबुल वर्कर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने भी 14 अक्टूबर 2020 को एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

पुलिस पर गंभीर नहीं होने का आरोप

विधानसभा में सात सितंबर को पूछे गए मेरे अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में झारखंड सरकार के उद्योग विभाग ने बताया कि प्राथमिकी नहीं दर्ज कर उस प्राथमिकी को सनहा के रूप में दर्ज किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि इंकैब में चोरी हुए अरबों रुपये की संपत्ति के अनुसंधान को लेकर जमशेदपुर पुलिस गंभीर नहीं है। पत्र में कंपनी के पुनरुद्धार मामले में राज्य सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह भी किया गया है।


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