सत्ता बौरा जाती है, सेवक दंभी हो जाता है, तो जनता रास्ते पर ला देती है
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय को विधानसभा में शपथ ग्रहण किए गुरुवार को एक वर्ष पूरे हो गए। इस मौके पर उन्होंने संवाददाता सम्मेलन कर एक वर्ष की उपलब्धियां गिनाई तो कार्यों का लेखा-जोखा भी रखा।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय को विधानसभा में शपथ ग्रहण किए गुरुवार को एक वर्ष पूरे हो गए। इस मौके पर उन्होंने संवाददाता सम्मेलन कर एक वर्ष की उपलब्धियां गिनाई, तो कार्यों का लेखा-जोखा भी रखा।
बिष्टुपुर स्थित आवास पर सरयू ने कहा कि वह आज भी कहते हैं कि उनकी जीत, जनता की जीत है। मुझे अपने दायित्व का पूरा अहसास है। कहा, जब कभी सत्ता बौरा जाती है, बर्बर हो जाती है, सेवक का नकाब ओढे़ शासक दंभी हो जाता है तो जनता उसे रास्ते पर ला देती है। गत विधानसभा चुनाव में लोकतंत्र की इस विशेषता को जमशेदपुर पूर्वी, कोल्हान और कमोबेश पूरे राज्य की जनता ने चरितार्थ किया। एक सबक सिखाया।
सरयू ने कहा कि गत एक वर्ष में विधायी कार्यों का निष्पादन करते समय मैंने इस सबक की कसौटी पर और आपकी उम्मीदों पर खरा उतरने का भरसक प्रयत्न किया है।
सात जनवरी 2020 को विधानसभा में शपथ ग्रहण के बाद पंचम झारखंड विधानसभा का पहला बजट सत्र 28 फरवरी 2020 को आरंभ हुआ। इस दौरान मैंने जमशेदपुर पूर्वी के प्रतिनिधि के रूप में जनहित के अनेक मुद्दों को उठाया। मेरे कई सवालों पर सरकार ने जांच का आश्वासन दिया, कई सवालों पर सरकार को निरूत्तर होना पड़ा। कइयों के संतोषजनक जवाब सरकार नहीं दे पाई। विधानसभा में मैंने 34 प्रश्न किया, जिसमें से 24 का जवाब सरकार ने दिया। शेष 10 के जवाब के लिये मैंने अलग से विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया है। विधान सभा सत्र के दौरान मैंने भरपूर कोशिश की कि चुनाव के समय मैंने जो कहा था, उसपर अमल करूं। मेरी यह कोशिश आगे भी जारी रहेगी।
इस दौरान सरयू ने कोविड-19 (कोरोना) के कारण लॉकडाउन के समय की गई सेवाओं की याद दिलाई, तो
जमशेदपुर पूर्वी की समस्याओं का जिक्र भी किया। सरयू ने कहा कि गत एक वर्ष में महसूस किया कि जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में समस्याओं का अंबार है। 50 हजार से अधिक परिवारों के लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। सरकारी प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति बदतर है। स्वास्थ्य सुविधा लचर है। कानून व्यवस्था के क्षेत्र में दबंगई का वातावरण बना हुआ है। समाज कल्याण के कार्यों की गुणवत्ता अधर में है। औद्योगिक क्षेत्र, जन सरोकार के कार्य से दूर है। इनकी प्राथमिकता जनहित नहीं, बल्कि चुनिदा लोगों के परिवार के लिए है। कंपनियों द्वारा दी जाने वाली जनसुविधाओं का कोई नियामक तंत्र नहीं है। इन सभी क्षेत्रों में हालात बदलने की दिशा में हमने कार्रवाई की है। जनसुविधाओं के लिए विकास आयुक्त को नोडल पदाधिकारी बनाने का मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है। मैंने यह शक्ति कोल्हान आयुक्त को देने का सुझाव दिया है। एमजीएम अस्पताल की स्थिति सुधारने का दायित्व स्थानीय स्वास्थ्य मंत्री पर है। इसे सुधारने में उन्हें सक्रिय सहयोग किया जाएगा।