Move to Jagran APP

Corona Fighter: इन बुजुर्गों की जीवटता को कीजिए सलाम, जिन्होंने जीत ली कोरोना की जंग

Corona Fighter कोरोना की दूसरी लहर इतनी खतरनाक है कि हट्टे-कट्टे जवान भी इसके गाल में समा जा रहे हैं। ऐसे में उन बुजुर्गों को देखकर सुखद आश्चर्य होता है जिन्होंने इस भयावह बीमारी से दो-दो हाथ किया और परास्त करके स्वस्थ हुए।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 11:10 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 01:44 PM (IST)
Corona Fighter: इन बुजुर्गों की जीवटता को कीजिए सलाम, जिन्होंने जीत ली कोरोना की जंग
ये बुजुर्ग कोरोना मरीजों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। आप भी जानिए।

जमशेदपुर, जासं। कोरोना की दूसरी लहर इतनी खतरनाक है कि हट्टे-कट्टे जवान भी इसके गाल में समा जा रहे हैं। ऐसे में उन बुजुर्गों को देखकर सुखद आश्चर्य होता है, जिन्होंने इस भयावह बीमारी से दो-दो हाथ किया और परास्त करके स्वस्थ हुए। वास्तव में ये बुजुर्ग अपने परिचितों के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जिन्होंने अपनी दिनचर्या, खानपान व संतुलित जीवनशैली से इस बीमारी को मात दी। दैनिक जागरण ने ऐसे ही कुछ बुजुर्गों से बात की, ताकि शहरवासी भी इनसे प्रेरणा लें और कोरोना को मात देने का हौसला रखें।

prime article banner

वैक्सीन लगाने के बाद हुआ संक्रमित, फिर भी हिम्मत नहीं हारी

मेरी उम्र 65 साल है। जब मुझे कोरोना हुआ तो थोड़ी घबराहट जरूर थी, लेकिन मैंने पास में ही आक्सीमीटर रखा था। इसके माध्यम से आक्सीजन लेवल देखता था। होम आइसोलेशन में रहा। इस दौरान मास्क पहनकर रहता था, ताकि दूसरे संक्रमित नहीं हों। खानपान अलग रहता था। एयरकंडीशंड का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं किया। गर्म पानी पीता रहा। भाप लेता था। एक गिलास सुषुम पानी में एक नींबू निचोड़कर उसे पीता था। चाय की तरह इसे पीता था। मैंने वैक्सीन का दोनों डोज ले लिया है। आप लोग भी लीजिए। यह वैक्सीन काफी बचाव कर रहा है। अगर शरीर में वायरस प्रवेश भी करता है तो उसके खिलाफ लड़ता है और कम नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में वैक्सीन सभी लें। कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक है। कोरोना संक्रमित होने पर घबराएं नहीं। जो नियम है, उसका सख्ती से पालन करें। दवा लें। इससे आप ठीक हो जाएंगे। हौसला बढ़ाए रखें। मन से नकारात्मक चीजों को निकाल दें। प्रभु का नाम लें।

- डॉ. सुशील कुमार शर्मा, स्मृति सेवा सदन, डिमना रोड, मानगो

यम को दूर भगाता संयम व नियम

संयम और नियम में दो यम है यदि इसका अक्षरश: पालन करेंगे तो एक यम वाला यमराज आपके पास नहीं आएगा। मेरी उम्र 84 साल है लेकिन मैंने इसी दो यम का पालन किया, सकारात्मक सोच रखी और कोविड 19 को हरा दिया। सितंबर 2020 में 22 दिनों तक अस्पताल भर्ती रहा, लेकिन हमेशा भगवान पर विश्वास रखा और यह मान कर चला कि मुझे इस कोविड को हराना है। अस्पताल से छुट्टी होने पर भी जब ठीक हो गया तो नियमों का पालन करना नहीं छोड़ा। घर के देसी नुस्खे जैसे तुलसी पत्ते व गुड़ का काढ़ा पीना, नीबू पानी और दालचीनी का नियमित सेवन करता रहा। मेरा सभी युवाओं से यही बात कहना है कि जब मैं कोविड को अपनी सकारात्मक सोच से हरा सकता हूं, तो आप क्यों नहीं। सर्दी, बुखार हो तो तुरंत डाक्टर से सलाह लें।

-एके श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष, सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

पहला डोज लेने के बाद हो गया संक्रमित, फिर भी नहीं घबराया

मैंने 23 मार्च को वैक्सीन का पहला डोज लिया, लेकिन 20 अप्रैल को पॉजिटिव हो गया। 79 साल होने के बावजूद आठ दिनों में मैंने कोविड 19 को हराकर अस्पताल से घर आ गया। पॉजिटिव होने के बावजूद मैंने सकारात्मक सोच रखी। नियमों का पालन किया और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखा। मेरा सभी से यही अपील है कि कोविड महामारी जानलेवा है यह सोच अपने दिमाग से निकाल दें। यह एक वायरस है जिसे सहीं नियम और रहन-सहन से हराया जा सकता है। पॉजिटिव होने पर घबराने के बजाए डाक्टरों की सलाह लें। नियमित दवा लेने के साथ-साथ गर्म पानी, नीबू पानी का सेवन करें। बार-बार गरारा करें।

-बीएन दीक्षित, पूर्व अध्यक्ष, जमशेदपुर बिल्डर्स एसोसिएशन

85 वर्षीय एसएन पोद्दार ने कोरोना की मात

छोटा गोविदंपुर स्थित सामुदायिक विकास केंद्र के पास रहने वाले 85 वर्षीय एसएन पोद्दार ने कोरोना का मात दी है। कहा जाता है कि बीमारी भी वृद्ध को पहचानती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। टाटा मोटर्स के पूर्व कर्मचारी ने अपनी हिम्मत व विश्वास के बल पर कोरोना को हराया है। इन्होंने कोरोना का वैक्सीन भी नहीं लिया है। टाटा मोटर्स के आइसीयू में तीन दिन रहकर वे स्वस्थ होकर अपने घर लौटे हैं। अब सकुशल अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। 13 अप्रैल को कोराेना जांच के बाद पता चला है कि कोरोना पॉजिटिव हैं। आज एसएन पोद्दार बिल्कुल स्वस्थ हैं। दिनचर्या के मुताबिक खाने-पीने की बेहतर व्यवस्था है। हंसी-खुशी अपने परिवार के साथ रह रहे हैं।

64 वर्षीय बीके सिंह ने भी कोरोना की दी मात

छोटा गोविंदपुर में पुराना थाना के पास रहने वाले बीके सिंह ने भी कोरोना की जंग जीती है। 13 अप्रैल को बीके सिंह को टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से इन्हें 19 अप्रैल को छुट्टी दे दी गई। दूढ़ विश्वास व मजबूत इरादे वाले बीके सिंह कोरोना होने के बाद भी नहीं घबराए। डाक्टरी सलाह के मुताबिक नियमित दवा लेते थे तथा पौष्टिक आहार लेते थे। गरम पानी, काढ़ा, नींबु पानी का सेवन आज भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना से घबराना नहीं, बल्कि उसका डटकर मुकाबला करना है।

दयाल सिटी निवासी बीके सिन्हा भी हुए थे कोरोना संक्रमित

गोविंदपुर स्थित दयाल सिटी में रहने वाले बीके सिन्हा व उनकी पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव हुई थीं। बीके सिन्हा की उम्र 65 साल व पत्नी करीब 60 साल की हैं। बीके सिन्हा टीएमएच में भर्ती थे, जहां पांच दिनों के इलाज के बाद सकुशल घर लौटे। उनकी पत्नी भी अब स्वस्थ हैं। दोनों कोरोना को मात देखकर हंसी-खुशी अपने घर में रह रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.