बोले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, झारखंड का हर दिव्यांग दौड़ेगा Jamshedpur News
भारत माता की जयकार के साथ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि झारखंड का हर दिव्यांग दौड़ेगा।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। भारत माता की जयकार के साथ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि झारखंड का हर दिव्यांग दौड़ेगा। भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति एवं जयपुर फुट यूएसए के सौजन्य से देशभर में अबतक 18 लाख दिव्यांगों को कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण किया जा चुका है। झारखंड में कुल साढ़े चार लाख दिव्यांग हैं, उनकी मदद के लिए वे राज्य के मुख्यमंत्री से बात करेंगे।
यहां अधिक से अधिक शिविर लगाकर दिव्यांगों का अंग प्रत्यारोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जयपुर फुट यूएसए के चेयरमैन प्रेम भंडारी के पास इतनी क्षमता है कि वे सभी दिव्यांगों का अंग प्रत्यारोपण करा सकते हैं। अमेरिका में रहकर भारत के जरुरतमंदों की निस्वार्थ भाव से सेवा करना देश के लिए सौभाग्य की बात है। अबतक भंडारी 30 देशों में अंग प्रत्यारोपण शिविर लगा चुके हैं।
यहां तक कि पकिस्तान में भी शिविर लगाकर वहां के लोगों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की। झारखंड में इंडियन रेडक्रास सोसाइटी व केके एजुकेशनल फाउंडेशन ट्रस्ट बधाई के पात्र हैं, जो इतने बड़े कार्यक्रम में अहम भूमिका निभा रही है। उनकी मदद से ही इस शिविर में अबतक 850 दिव्यांगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। इसे आगे भी जारी रखा जाएगा। कैलाश विजयवर्गीय जयपुर फुट यूएसए के सलाहकार भी हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड का एक भी दिव्यांग ऐसा नहीं बचेगा, जिनका कृत्रिम पैर व हाथ का प्रत्यारोपण नहीं हुआ है। अंग प्रत्यारोपण के बाद दिव्यांग एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही जिंदगी गुजार सकता है। वह दौडऩे के साथ-साथ हर काम कर सकता है।
ममता को दे देना चाहिए इस्तीफा
भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। ङ्क्षहसा का जवाब ङ्क्षहसा से नहीं दिया जा सकता है। विधि-व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। बंगाल में टारगेट कर किसी एक दल के नेता व कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है, जो दुखद है। वे इस संदर्भ में जल्द ही पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से मिलेंगे।
कहां गए पुरस्कार लौटाने वाले बुद्धिजीवी
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बात-बात पर चिट्ठी लिखने व पुरस्कार लौटाने वाले बुद्धजीवी कहां गए? अब क्यों नहीं कोई चिट्ठी लिख रहा या पुरस्कार लौटने की बात कह रहा? क्या उन्हें पश्चिम बंगाल में हो रही हत्या नहीं दिख रही। पश्चिम बंगाल में लगातार टारगेट कर हत्या की जा रही है। बीते चार दिन में आठ और लोकसभा चुनाव के बाद 30 हत्याएं हो चुकी है लेकिन यह हमारे बुद्धिजीवियों को दिखाई नहीं दे रही है।
हाथ, पैर देख दिव्यांगों के खिले चेहरे, कहा-इससे खुशी का पल और नहीं हो सकती
कृत्रिम अंग ही सही पर दिव्यांगों के चेहरे खिले हुए थे। किसी का पैर लगाया जा रहा था तो किसी का हाथ। झारखंड से ही नहीं बल्कि बिहार से भी दिव्यांग पहुंचे हुए थे। मौका था भारतीय रेड क्रास सोसाइटी व केके एजुकेशन फाउंडेशन ट्रस्ट के आमंत्रण पर भगवान महावीर विकलांग सहायता शिविर एवं जयपुर फुट यूएसए द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय निश्शुल्क कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण शिविर का।
साकची स्थित रेड क्रास भवन में आयोजित शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय उपस्थित थे। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में राजस्थान मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन प्रकाश चंद्र टाटिया, राजस्थान के पूर्व लोकायुक्त एसएस कोठारी, झारखंड सरकार के मंत्री सरयू राय, सांसद विद्युत वरण महतो, सतीष चंद्रा, जयपुर फुट यूएसए के चेयरमैन प्रेम भंडारी व भगवान महाबीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक डीआर मेहता उपस्थित थे। अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में केके फाउंडेशन की ओर से नेत्रहीनों की संस्था दिव्य ज्योति को एक ई-रिक्शा दिया गया। वहीं दिव्यांगों को ट्राई साइकिल दिया गया।
कार्यक्रम का संचालन रेड क्रास के मानद सचिव विजय सिंह ने किया। वहीं धन्यवाद ज्ञापन केके फाउंडेशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने किया। कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. महेश्वर प्रसाद व 50 हजार से अधिक मोतियाबिंद की सर्जरी करने वाले डॉ. बीपी सिंह को सम्मानित किया गया। शिविर में अबतक 850 लोगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। पहले दिन 116 लोगों को कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण किया गया। इसमें पैर 55, कैलीपर्स 15, हाथ 06, ट्राई साइकिल 18, वैशाखी 11 शामिल है। इस अवसर पर भाजपा नेता अमरप्रीत सिंह काले, रेड क्रास के श्याम कुमार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
झारखंड मेरा दूसरा घर : प्रकाश टाटिया
राजस्थान मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन प्रकाश चंद्र टाटिया ने कहा कि झारखंड उनका दूसरा घर है। वे झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों की चेहरे पर मुस्कान देखकर जो खुशी उन्हें मिला वह आज तक न तो किसी भाषण से मिला और न ही प्रवचन सुनकर। उन्होंने कहा कि वह इस शिविर में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होता। उन्होंने कहा कि वे झारखंड के राजदूत बनकर दूसरे प्रदेश व विदेशों में काम करते है। झारखंड की सांस्कृतिक को आगे नहीं ले जाया गया जो दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं राजस्थान के पूर्व लोकायुक्त एसएस कोठरी ने कहा कि समाज के दिव्यांग तबके को सबसे अधिक मदद की जरूरत है लेकिन अबतक कहीं न कहीं पीछे छूटते आया है। उनके लिए यह शिविर काफी लाभदायक है।
सरकारी कमियां को दूर कर रहा जयपुर फुट
झारखंड के नि:शक्ता आयुक्त सतीष चंद्रा कहा कि सरकारी प्रक्रिया के तहत कृत्रिम अंग लगाना काफी मुश्किल है। फिलहाल यह काम बंद है। वहीं जयपुर फुट की ओर से सिर्फ पांच घंटे के अंदर कृत्रिम अंग लगाकर दिव्यांगों के चेहरे पर मुस्कान लौटाने का काम किया जा रहा है, जो काफी सराहनीय है। कृत्रिम अंग लगने के बाद दिव्यांग चलने के साथ-साथ दौड़ भी सकता है। हाल ही में कई दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय खेल-कूद प्रतियोगिता में गोल्ड जीतकर देश का नाम रौशन किया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को भी प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
दिव्यांगों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने की होगी कोशिश : मंत्री
झारखंड सरकार के मंत्री सरयू राय ने कहा कि दिव्यांगों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने की कोशिश होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का जमशेदपुर आना और इस कार्यक्रम में भाग लेना सुखद संकेत है। उन्होंने दिव्यांगों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि मजबूत इरादों वाले दिव्यांग भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं।
राजस्थान के लोग समाजसेवा में आगे : सांसद
सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि राजस्थान के लोग समाजसेवा में आगे रहते है। उन्होंने कहा कि आप देश के किसी भी क्षेत्र में चले जाए वहां राजस्थान भवन जरूर मिलेगा। जमशेदपुर में भी कई राजस्थान भवन संचालित होता है। जहां पर कम राशि में कोई भी व्यक्ति ठहर सकता है। उन्होंने दिव्यांगों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि मन में ढृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कोई भी मंजिल हासिल किया जा सकता है।
सरकार मदद करें, चक्कर न लगवाएं : भंडारी
जयपुर फुट यूएसए के चेयरमैन प्रेम भंडारी ने कहा कि पुलवामा शहीदों की श्रृद्धांजलि में मेगा दिव्यांग शिविर का आयोजन किया गया है। इसके माध्यम से दिव्यांगों को बेहतर क्वालिटी वाले कृत्रिम अंग लगाकर उन्हें चलने-फिरने में सक्षम बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह अमेरिया से निस्वार्थ भाव से सेवा करने के लिए भारत आते है। इसलिए यहां के सरकार उनकी मदद करें। न की चक्कर लगवाएं।
पांच किलोमीटर तक घसीटते रहा बैल
पोटका स्थित घुमरी गांव निवासी देवजनी मंडल (27) का दाया पैर कटा हुआ है। उनके घुटने के नीचे का अंग नहीं है। इससे चलने-फिरने में वह असमर्थ थी। कहीं जाने के लिए उसे किसी का सहारा लेना पड़ता था। लेकिन अब कृत्रिम पैर लग जाने से वह आसानी से चल-फिर पाएगी। देवजनी ने बताया कि पांच माह पूर्व वह बैल को बांध रही थी, तभी उसका रस्सी देवजनी के पैर में फंस गया और बैल भागने लगा। इस दौरान करीब पांच किलोमीटर तक बैल उसे घसीटते रहा। इससे उसकी जान बचाने के लिए पैर को काटना पड़ा।
पटना से आया हूं, दुर्घटना में कट गया था पैर
जमशेदपुर में शिविर लगाने की सूचना मिलने पर पटना निवासी (21) मो. वासीट भी आया था। उन्होंने बताया कि दो साल पूर्व पटना में ही हुई सड़क दुर्घटना में वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। वह मोटरसाइकिल से जा रहे थे, तभी एक टेंपो वाला ने धक्का मार दिया था। उसी दौरान उनका पैर का आधा हिस्सा कट गया था। इसके बाद चिकित्सकों ने उसे पूरा काट कर अलग कर दिया था। अब कृत्रिम पैर लगने से वह चल-फिर सकेगा। मो. वासीट ने कहा कि इस साल वह मैट्रिक का परीक्षा देगा।
बचपन से ही दिव्यांग है चंदना मंडल
घाटशिला स्थित काराडूबा निवासी चंदना मंडल (30) बचपन से ही दिव्यांग है। उन्होंने कहा कि शरीर के हर अंग स्वस्थ है लेकिन एक दिव्यांग है। हालांकि, उसे पूर्व में मारवाड़ी युवा मंच की ओर से कृत्रिम पैर लगाया गया था लेकिन वह अब खराब हो चुका था। इसके साथ ही वह काफी भारी भी था। जिससे पैर उठाने में परेशानी होती थी। जयपुर फुट द्वारा उपलब्ध करायी गई कृत्रिम पैर काफी हल्का है। इससे चलने फिरने में काफी आसानी होगी। दिव्यांगों के चेहरे पर मुस्कान लौटाने का यह अच्छा प्रयास है।
2008 में हुई दुर्घटना में काटना पड़ा पैर
साकची पुराना कोर्ट के समीप रहने वाले शिवा मुखी ने बताया कि वह मिनी बस में खलासी का काम करते थे। तभी वर्ष 2008 में टेल्को में दुर्घटना हो गई थी। बस व ट्रक का टक्कर हो गया था। इसमें उनका पैर टूट गया था और कट भी गया। इससे पैर में इंफेक्शन हो गया और पैर को काटने की नौबत आ गई। कुछ माह पूर्व ही सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर परिसर में कृत्रिम पैर लगवाया था। उसके बार से चलने फिरना आसान हो गया। हालांकि, वह थोड़ा भारी है। जिससे थोड़ा परेशानी हो रही है। हल्का वाले कृत्रिम पैर लगाने के लिए आया हूं।
1974 में हुई दुर्घटना में कट गया था पैर
कदमा स्थित रामजनम नगर निवासी अजुर्न बाग का पैर 12 अक्टूबर 1974 को टाटा नगर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर टाटा-बड़बिल ट्रेन से कट गई थी। उन्होंने बताया कि ट्रेन से उतरने के दौरान उनका पैर स्लीप कर गया था। इसके कुछ साल के बाद उनका कृत्रिम पैर लग सका। उन्होंने बताया कि कृत्रिम पैर की मदद से ही वह साइकिल चलाने के साथ-साथ सभी कार्य करते है। थोड़ा भी उन्हें परेशानी नहीं होती है। आम व्यक्ति की तरह ही वह पैंट व शर्ट पहनते है। इससे उनका कृत्रिम पैर भी ढक जाता है और लोगों को पाता भी नहीं चलता।