Jharkhand Tourism: दिखने में लोटस टेंपल, साईं उपासना के साथ पर्यटकों के लिए आकर्षण
Sai Mandir Bistupur. आकर्षक बनावट व साज-सज्जा की वजह से दूर से ही किसी का भी ध्यान इसकी ओर बरबस चला जाता है। यह है झारखंड के जमशेदपुर के सोनारी स्थित साई मंदिर।
जमशेदपुर, जेएनएन। Sai Mandir Bistupur देखने में तो यह नई दिल्ली के बहाई उपासना स्थल लोटस टेंपल की प्रतिकृति है लेकिन अंदर साईं बाबा की पूजा-अर्चना की जाती है। अपनी आकर्षक बनावट व साज-सज्जा की वजह से दूर से ही किसी का भी ध्यान इसकी ओर बरबस चला जाता है। यह है झारखंड के जमशेदपुर के सोनारी स्थित साई मंदिर है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
एक एकड़ में बना मंदिर, शिरडी की तरह अनुभूति कराने की कोशिश
लगभग एक एकड़ में फैले इस मंदिर का संचालन श्री साई सेंटर ट्रस्ट करती है। वर्ष 2012 में निर्मित इस मंदिर की अंदरुनी बनावट को शिरडी के साई मंदिर का लुक देने की कोशिश की गई है।
साईं भक्त वास्तुविदों ने तैयार किया डिजाइन, बनने में लगे छह साल
छह वर्षों में तैयार हुए इस साई मंदिर के आर्किटेक्ट दिल्ली के चंद्रशेखर हैं। स्ट्रक्चर इंजीनियर जैन और लैंड स्केप आर्किटेक्ट सविता पुंडे हैं। खास बात यह है कि तीनों साई भक्त हैं और मंदिर के निर्माण में इन्होंने एक रुपया भी नहीं लिया। श्री साई सेंटर के अध्यक्ष विजय मेहता बताते हैं कि जो भी श्रद्धालु शिरडी जाने में किसी वजह से सक्षम नहीं हैं वे यहां आते हैं। वे बताते हैं कि बाबा कि कृपा से यहां आने वाले भक्तों को शांति के परम आनंद का अनुभव होता है। हर साल हजारों लोग साई बाबा के दर्शन के लिए आते हैं।
सफाई व सुंदरता का अप्रतिम उदाहरण
इस मंदिर की एक और खासियत है। वह है यहां की सफाई और सुंदरता। यहां श्रद्धालु भी मंदिर की सफाई का ख्याल रखते हैं। इस मंदिर की संरक्षक टाटा स्टील के पूर्व एमडी डॉ. जेजे ईरानी की पत्नी डेजी ईरानी हैं।
शिरडी की तर्ज पर होती है कांकड़ आरती
सोनारी स्थित श्री साई सेंटर में शिरडी की तर्ज पर ही सुबह सवा सात बजे कंकड़ आरती होती है। आठ से नौ बजे तक अभिषेकम, 12 बजे मध्यम आरती, शाम छह बजे धूप आरती,रात नौ बजे सेज आरती होती है।