साढ़े सात लाख बच्चों को दी जाएगी मिजिल्स-रूबेला वैक्सीन
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले में सात लाख 73 हजार 686 बच्चों को मिजिल्स-रूबेला का
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले में सात लाख 73 हजार 686 बच्चों को मिजिल्स-रूबेला का वैक्सीन देने के लिए चयनित किया गया है। सरकार सभी बच्चों को यह वैक्सीन मुफ्त में दे रही है। हालांकि, कुछ निजी स्कूलों ने इस वैक्सीन को लेने से इन्कार कर दिया है। इन इन्कार करने वाले स्कूलों के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई कर सकता है। वैसे, जिले में हर साल मिजिल्स (खसरा) के मरीज सामने आते रहे हैं। इलाज के अभाव में कई बच्चों की मौत भी अक्सर होती है। ऐसे में इस रोग से लड़ने के लिए यह वैक्सीन जरूरी है। इसे लेने के बाद बीमारी होने की संभावना करीब करीब खत्म हो जाएगी। इतना ही नहीं, यह वैक्सीन रूबेला, दस्त, निमोनिया, जन्मजात दिल की बीमारियां, मानसिक मंदत्ता, अंधापन, बहरापन और जीवन के लिए घातक अन्य समस्याओं से भी बच्चों की सुरक्षा करेगी। निजी क्लिनिकों में इस तरह के वैक्सीन दो से तीन हजार रुपये में मिलते हैं और इतने कारगार भी नहीं होते। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अबतक जिले में कुल एक लाख 89 हजार 454 बच्चों को वैक्सीन दिया जा चुका है। बाकि पांच लाख 84 हजार 232 बच्चों को भी दिया जाना है।
--------------
इस क्षेत्र में तेजी से फैलता रहा है मिजिल्स
बीते वर्ष जिले में मिजिल्स तेजी से बढ़ा था। पटमदा स्थित आंधर जोड़ गांव पूरी तरह से चपेट में आ गया था। इसी तरह, मुसाबनी स्थित गुमडीह बेड़ा, पटमदा स्थित जरकी गांव व मोहनपुर में फैला था। वहीं वर्ष 2018 में भी मिजिल्स तेजी से फैल रहा है। जुगसलाई स्थित प्रतिमा नगर, धालभूमगढ़ स्थित स्वर्णचेरा गांव, पोटका स्थित रसूनचोपा गांव व हल्दीपोखर में मरीजों की संख्या बढ़ी है। इस क्षेत्र के अधिकांश बच्चों ने मिजिल्स का वैक्सीन नहीं लिया है।
--------------
क्या है मिजिल्स : मिजिल्स एक जानलेवा रोग है जोकि वायरस द्वारा फैलता है। बच्चों में मिजिल्स के कारण विकलांगता तथा असमय मृत्यु हो सकती है।
---------
क्या है रूबेला : रुबेला एक संक्रामक रोग है जो वायरस द्वारा फैलता है। इसके लक्षण मिजिल्स रोग जैसे होते हैं। यह लड़के या लड़की दोनों को संक्रमित कर सकता है। यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरुआती चरण में इससे संक्रमित हो जाए तो कंजेनिटल रुबेला सिंड्रोम हो सकता है। जोकि उसके भ्रूण तथा नवजात शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
---------
कोट ::
बच्चों के लिए यह वैक्सीन काफी जरूरी है। इसे लेने के बाद बीमारियां नहीं होगी। अभियान को सफल बनाने के लिए 1750 स्कूलों को जोड़ा गया है। नौ माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को वैक्सीन दिया जाएगा।
- डॉ. साहिर पॉल, जिला सर्विलांस पदाधिकारी।
-------