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RPF Dress Code: राष्ट्रीय समारोह में आरपीएफ के जवान पहनेंगे एक जैसी वर्दी, जाने क्यों आदेश हुआ यह जारी

गणतंत्र व स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस दौरान परेड का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें आरपीएफ सशस्त्र जवान वर्दी के साथ शामिल होते हैं लेकिन वर्दी के अलग-अलग रंग के कारण यह देखने में अच्छा नहीं लगता था।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 04 Sep 2021 05:51 PM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 05:51 PM (IST)
राष्ट्रीय समारोह में आरपीएफ के जवान एक जैसी वर्दी पहनेंगे।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। राष्ट्रीय महत्व के समारोह में अब रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान एक जैसी वर्दी पहनेंगे। रेलवे सुरक्षा बल, चक्रधरपुर मंडल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त ओंकार सिंह ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। बकौल ओंकार सिंह, पहले आरपीएफ के सभी अधिकारी व जवानों को रेलवे सुरक्षा बल के स्टोर से वर्दी का कपड़ा और अन्य सामान का वितरण किया जाता था लेकिन अब नए नियम के अनुसार सभी अधिकारियों और जवानों को सलाना वर्दी भत्ता मिलता है।

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जिसकी मदद से सभी जवान अपनी इच्छा और पसंद के अनुसार अपनी वर्दी सिलवाते हैं। अक्सर यह देखा जाता है कि परेड के दौरान या किसी अन्य राष्ट्रीय समारोह में जब अधिकारी व जवान इकट्ठा होते हैं तो उनकी वर्दी के कपडे के रंग में भिन्नता पाई जाती है जो एक सशस्त्र बल के लिए अच्छा संदेश नहीं होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए रेलवे सुरक्षा बल चक्रधरपुर कैंटी इंचार्ज को यह सलाह दी है कि वे कैंटीन में एक रंग की वर्दी का कपड़ा उपलब्ध कराए। कैंटीन रेट (बाजार मूल्य से सस्ते दर पर) अधिकारियों और जवानों को इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करे। मंडल के सभी अधिकारियों और जवानों को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे परेड व अन्य राष्ट्रीय समारोह के अवसर पर पहने जाने वाले रेलवे सुरक्षा बल के सभी अधिकारी व जवानों (वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त से लेकर आरक्षक तक) एक जैसा लगे। जिससे परेड की सुंदरता, बल की एकता और अनुशासन का संदेश जाए।

परेड में होते हैं शामिल आरपीएफ जवान

रेलवे सुरक्षा बल द्वारा गणतंत्र व स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस दौरान परेड का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें आरपीएफ सशस्त्र जवान वर्दी के साथ शामिल होते हैं लेकिन वर्दी के अलग-अलग रंग के कारण यह देखने में अच्छा नहीं लगता था। जिसके बाद ओंकार सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।


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