छह माह में ही निकल गया 46 लाख की सड़क का दम Jamshedpur News
करीब ढेड़ किमी सड़क का निर्माण तीन भाग में होना था। पहला भाग 26 लाख दूसरा 20 व तीसरा भाग 20 लाख रुपये का। फंड नहीं होने की बात कह तीसरे भाग को अधूरा छोड़ दिया गया।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। परसुडीह बाजार समिति की ओर खासमहल चार खंभा चौक से लेकर मंडी फल मार्केट तक लगभग 46 लाख की लागत से बनी सड़क का छह माह में ही दम टूटने लगा है। कई स्थानों पर सड़क से गिट्टी उखडऩे लगी है।
कारोबारी सत्यनारायण अग्रवाल उर्फ मुन्ना ने बाजार समिति के महाप्रबंधक, एसडीओ समेत सचिव को पत्र लिखकर इसके घटिया निर्माण होने की शिकायत की थी। कारोबारी की शिकायत पर महाप्रबंधक ने व्यापारियों को अश्वस्त कराया गया था कि सड़क टिकाऊ और दमदार बनेगी। सड़क से संबंधित जानकारी मुन्ना ने आरटीआइ के जरिये मांगी थी मगर आज तक उन्हें उसकी जानकारी नहीं दी गई। इसके साथ ही सड़क की दोनों ओर करीब एक फीट गड्ढा है, जिसे अब तक नहीं भरा गया हैं। जबकि बाजार समिति परिसर में रोजाना बड़े-बड़े ट्रक अनाज लेकर आते हैं। ऐसे में जरा सी चूक होने पर दुर्घटना तय है।
अधूरी है मुख्य सड़क, हो रहा दूसरा विकास कार्य
करीब ढेड़ किमी सड़क का मंडी में निर्माण तीन भाग में होना था। पहला भाग 26 लाख, दूसरा 20 व तीसरा भाग 20 लाख रुपये का। फंड नहीं होने की बात कहकर तीसरे भाग को अधूरा छोड़ दिया गया हैं। जबकि अन्य दूसरे विकास कार्य धड़ल्ले से चल रहे हैं। सारा खेल कमीशन का है। जिस विकास योजना में ज्यादा कमीशन है, अधिकारी उसी को पास कर रहे हैं। जिसे ठेकेदार के साथ-साथ उनकी जेब भी भरी जा सकें। ऐसे-ऐसे विकास कार्यों को पास कर दिया गया है, जिसका सड़क से अधिक महत्व नहीं हैं। सड़क निर्माण का ठेका रांची के ठेकेदार को दिया गया हैं।
मंडी के कारोबारियों का काम करना मुश्किल
परसुडीह मंडी में जन सुविधाओं का अभाव हैं। मंडी के चारों ओर गंदगी का ढेर है। बरसात में कई दुकानों के आगे गंदा पानी के साथ कीचड़ जमा हुआ है। दुकान में प्रवेश करने में दुकानदारों को काफी मश्क्कत करनी पड़ती है। कीचड़ जमा होने के कारण कई ग्राहक भी इन दुकानों में जाने से कतराते हैं। मंडी परिसर में चारों को गंदगी का ढेर हैं। बरसात में इससे महामारी फैलने की संभावना हैं। बाजार समिति प्रबंधन केवल भाड़ा वसूलने तक से ही मतलब रखता हैं। ऐसे में मंडी के कारोबारी नरकीय जिवन जीने को मजबूर हैं।
कारोबारियों के बोल
दुकान के आगे तीन माह से गंदा पानी और कीचड़ जमा हुआ हैं। बाजार समिति के सचिव को बोल-बोल कर थक चुके हैं। सचिव फंड नही होनें की बात कह रहे हैं। जबकि कई अन्य विकास कार्य धल्लें से चल रहा हैं। गंदा पानी के कारण ग्राहक दुकान में आने से कतराते हैं।
राकेश शर्मा, कारोबारी बाजार समिति
छह माह में ही करीब 40 लाख की लागत से बना मंडी का मुख्य सड़क दम तोडऩे लगा हैं। सड़क का कुछ हिस्से को फंड नही होने की बात कह छोड़ दिया गया हैं। जबकि कमीशन के चक्कर में दूसरे विकास कार्य धड्डले से चल रहे हैं।
भीमसेन शर्मा, कारोबारी बाजार समिति
मंडी में चारों ओर गंदगी का अंबार हैं। बरसात में तो हालात नरकीय हो चुका हैं। मंडी प्रबंधन केवल रेंट लेने के लिए दबाव बनाता है जबकि साफ-सफाई पर कोई ध्यान नही हैं। कई गोदामों में पानी टपक्कने से अनाज खराब हो रहे हैं। छत का सीमेंट टूटकर गिरने का खतरा हमेशा बना रहता हैं।
आशीष शर्मा, कारोबारी बाजार समिति
घटिया निर्माण की शिकायत मैनें आरंभ में ही की थी। आश्वासन मिला था कि काम एक नंबर होगा। आरटीआई के तहत जानकारी भी मांगी मगर अब तक नही मिला। बाजार समिति के अधिकारियों को किसी का भय नही हैं वे अपनी मन की करते हैं।
सत्यनारयण अग्रवाल अर्फ मुन्ना, कारोबारी बाजार समिति
जल्द ही घटिया निर्माण समेत अन्य विकास कार्यों की जानकारी आरटीआई के तहत मागंगा। बाजार समिति में चल रहे घटिया निर्माण का विरोध करने पर ठेकेदार की ओर से झूठा मुकदमा दायर कर फंसाने का प्रयास किया जाता हैं। मेरे उपर एक बार झूठा मुकदमा भी किया जा चूका हैं।
कमलेश कुमार, आरटीआई कार्यकर्ता