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राजस्व में पिछड़ने पर मत्स्य व खनन विभाग को शोकॉज

पूर्वी सिंहभूम के अपर उपायुक्त (एडीसी) सौरव कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को राजस्व वसूली पर बैठक बुलाई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 08:00 AM (IST)
राजस्व में पिछड़ने पर मत्स्य व खनन विभाग को शोकॉज
राजस्व में पिछड़ने पर मत्स्य व खनन विभाग को शोकॉज

जासं, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम के अपर उपायुक्त (एडीसी) सौरव कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को राजस्व वसूली की बैठक बुलाई, जिसमें समीक्षा के बाद आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

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वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिला खनन विभाग द्वारा तय लक्ष्य के विरुद्ध अब तक कुल 4368.80 लाख रुपए की वसूली की गई है, जो वार्षिक लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 29.13 प्रतिशत है। वहीं जिला मत्स्य विभाग ने 23.20 लाख रुपए की वसूली की, जो वार्षिक लक्ष्य का 43.36 प्रतिशत है। एडीसी ने दोनों विभाग के प्रभारी को कारण बताओ (शोकॉज) नोटिस जारी किया है।

उत्पाद विभाग द्वारा 15165.95 लाख रुपए की वसूली की गई, जो वार्षिक लक्ष्य का 67.51 प्रतिशत है। जिला निबंधन कार्यालय द्वारा 2785.65 लाख रुपए की वसूली की गई है, जो वार्षिक लक्ष्य का 44.89 प्रतिशत है। जिला परिवहन विभाग द्वारा 10158.40 लाख रुपए की वसूली की गई, जो वार्षिक लक्ष्य का 52.64 प्रतिशत है। वहीं नगर निकाय की बात करें तो जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति द्वारा अब तक कुल 92.71 लाख रुपए की वसूली की गई है, जो वार्षिक लक्ष्य का 92.71 प्रतिशत है। वहीं मानगो नगर निगम द्वारा 431.14 लाख रुपए की वसूली की गई है, जो वार्षिक लक्ष्य का 50.54 प्रतिशत है। जुगसलाई नगर परिषद द्वारा 151.48 लाख रुपए की वसूली की गई है जो वार्षिक लक्ष्य का 62.60 प्रतिशत है। अपर उपायुक्त ने समीक्षा के दौरान सभी विभागों के पदाधिकारियों को फरवरी तक शत प्रतिशत राजस्व वसूली करने का निर्देश दिया।

राज्य कर के खजाने में आए 1794 करोड़ :

राजस्व वसूली में झारखंड राज्य कर (जीएसटी) विभाग सबसे अव्वल रहा। विभाग ने जमशेदपुर से 1794 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह किया है, जबकि इसका लक्ष्य 3736.83 करोड़ रुपये है। इस संग्रह में नागरीय अंचल 31698.58 रुपये (34.98 फीसद), जमशेदपुर अंचल 89737.92 रुपये (53.25 फीसद), सिंहभूम अंचल 12894.74 (52.30 फीसद) व आदित्यपुर अंचल 45063.48 रुपये (50.12 फीसद) रहा। राज्य कर विभाग ने राजस्व संग्रह में कमी का कारण टाटा मोटर्स समेत विभिन्न कंपनियों में ब्लॉक क्लोजर व कारोबार में कमी बताया।


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