Move to Jagran APP

चांडिल बांध के 116 गांव युवा विस्थापित संगठन के प्रतिनिधि पहुंचे उपायुक्त कार्यालय, सुनायी पीडा

चांडिल बांध के विस्थापितों की पीड़ा के साथ 116 गांव युवा विस्थापित संगठन के लोग मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय पहुंचे। उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए चांडिल बांध में वर्तमान कार्यरत कार्यपालक अभियंता को अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की गई।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 05:03 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 05:03 PM (IST)
चांडिल बांध के 116 गांव युवा विस्थापित संगठन के प्रतिनिधि पहुंचे उपायुक्त कार्यालय, सुनायी पीडा
उपायुक्त से मिलने आए 116 गांव युवा विस्थापित संगठन के सदस्य।

जागरण संवाददाता, सरायकेला। चांडिल बांध के विस्थापितों की पीड़ा के साथ 116 गांव युवा विस्थापित संगठन के लोग मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय पहुंचे। चंद्र प्रकाश साहदेव के नेतृत्व में उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए चांडिल बांध में वर्तमान कार्यरत कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार को अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की गई। 

loksabha election banner

सौंपे गए ज्ञापन में संगठन द्वारा बताया गया है कि बीते 35 से 40 सालों से निर्माणाधीन चांडिल बांध का अभी तक संपूर्ण मुआवजा पुनर्वास नीति के नियमानुसार नहीं मिला है। विस्थापित अपने पूर्वज के गांव में ही रह रहे थे। इसी बीच बीते 31 जुलाई को बांध का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से लगभग 43 गांव के अनेक लोगों के घर में आधी रात में पानी घुसने से कई घर धराशाई हो गए। जिसमें काफी जानमाल की क्षति भी हुई है। मौसम विज्ञान विभाग की चेतावनी के बावजूद चांडिल बांध का रेडियल गेट को बंद रखना भारी विभागीय भूल थी। संगठन द्वारा बताया गया कि चांडिल बांध का पानी से ना बिजली उत्पादन हो रहा है और ना ही सिंचाई के काम में इसका उपयोग हो रहा है। तो वर्षा के मौसम में इसके जलस्तर को 179 एमएम से ऊपर ले जाया जाना जांच का विषय है। बताया गया कि हाल ही में चक्रवाती तूफान यास के आने से बांध का जल स्तर काफी ऊंचा हो गया था। जिसके फलस्वरूप कटिया इलाकों में विस्थापित किसानों की कई एकड़ गरमा धान की फसल जलमग्न होने से इस कोरोना महामारी में काफी आर्थिक नुकसान पहुंचा था।

मुख्यमंत्री को दिया गया था ज्ञापन

संगठन द्वारा बीते 3 जून को मुख्यमंत्री और विभागीय सचिव को पत्र लिखकर चांडिल बांध का जलस्तर 179 एमएम से नीचे रखने का लिखित अनुरोध किया गया था। परंतु सारी बातों को अनदेखा करते हुए बांध के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार की लापरवाही से 43 गांव के विस्थापित ना घर के रहे न घाट के। आपदा प्रबंधन समिति के निर्देशों का भी कार्यपालक अभियंता द्वारा अवज्ञा किया गया है। संगठन द्वारा मांग की गई है कि इस तरह के अमानवीयकृत कार्य करने पर बिना सूचना दिए रात में सोते अवस्था में पानी घर में घुसा देना और घर तथा जानमाल की क्षति पहुंचाने वाले लापरवाह पदाधिकारी कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार को अविलंब यहां से हटाते हुए कहीं अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए। 10 दिनों के भीतर कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार का स्थानांतरण नहीं करने पर 116 गांव युवा विस्थापित संगठन विस्थापितों के दर्द को लेकर शांतिपूर्वक एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेगा।

ये रहे प्रतिनिधिमंडल में शामिल

इस अवसर पर संगठन के सचिव घनेश्याम सिंहदेव, उपाध्यक्ष रतन सिंह मुंडा, मुखिया पाहाड़ सिंह मुंडा, साबिर अंसारी, गेमन कैवर्त, मनोज पोद्दार, दशरथ मांझी, नवीन महतो, अश्वत्थामा कर्मकार, जितेन महतो, सनातन महतो, कोकिल माझी, तपन महतो, राजेश माझी, लखीकांत महतो, अभी महतो, बंकिम चंद्र महतो एवं धनंजय महतो सहित अन्य उपस्थित रहे।

महामारी फैलने की है प्रबल संभावना

प्रभावित 43 गांवों के विस्थापित ग्रामीण बताते हैं कि जलस्तर के घटने के बाद गांव में बदहाली की स्थिति बनी हुई है। कीचड़ और दलदल के साथ चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जिससे कभी भी प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र में भीषण महामारी और रोग फैलने की प्रबल संभावना बनी हुई है। परंतु दुखद स्थिति है कि ऐसी भयावह स्थिति को देखने तक भी कोई गांव तक नहीं पहुंचा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.