social Boycott in Chaibasa: ईसाई धर्म अपनाने वाले परिवार का ग्रामीणों ने किया सामाजिक बहिष्कार, चाइबासा में ग्रामसभा का फैसला
पश्चिमी सिंहभूम के जगन्नाथपुर के कोंदर कोड़ा ग्राम में लाल सिंह दोराई ने परिवार संग धर्म परिवर्तन कर लिया। इसके बाद आदिवासी हो समाज व ग्रामीणों ने समझाने का प्रयास किया। घर वापसी से मना करने पर परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला लिया गया।
संवाद सूत्र, जैंतगढ़ : ग्रामीण क्षेत्र में आए दिन धर्म परिवर्तन को लेकर विवाद हो रहा है। गांव के भोले -भाले लोगों को बहला फुसला कर धर्म परिवर्तन कराने के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया जगन्नाथपुर थाना अन्तर्गत कोंदर कोड़ा ग्राम से। इस ग्राम के लाल सिंह दोराई ने अपनी पत्नी, चचेरा भाई और चचेरी बहन के साथ ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया है। लाल सिंह गांव में ही अपने धर्म का अनुपालन करते हैं।
इसकी खबर ग्रामीणों को मिली तो पहले सामाजिक रूप से समझने का प्रयास किया। उन्हें वापस धर्म में लौटने को कहा गया पर लाल सिंह नहीं माना तो मानकी मुंडा और आदिवासी हो समाज महा सभा के सदस्यों ने भी समझने का प्रयास किया। जब बात नहीं बनी तो बुधवार को कोंदरकोड़ा में ग्राम सभा का आयोजन कर लाल सिंह और उसके तीनों साथियों को सामाजिक बहिष्कार किया गया। ग्राम सभा द्वारा निर्णय लिया गया की इनके सामाजिक कार्यों में ग्रामीण सहयोग नहीं करेंगे। ग्राम में होने वाले किसी भी सामाजिक कार्य में इनकी सहभागिता नहीं होगी।
इस अवसर पर आदिवासी हो समाज युवा महा सभा के केंद्रीय महा सचिव गब्बर सिंह हेंब्रम ने कहा कि कुछ लोग भोले-भाले थाना प्रभारी ने कही ये बात
ग्रामीणों को बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। कुछ जगह जबरन भी धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है जो गलत है। ये हमारे संस्कृति के खिलाफ साजिश है। थाना प्रभारी यशराज सिंह ने कहा कि धर्म मानने की आज़ादी है पर किसी को जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराना गलत है।
मैंने ईसाई धर्म से प्रभावित होकर बदला धर्म : लाल सिंह दोराई
लाल सिंह दोराई ने कहा कि मैंने सोच समझ कर ईसाई धर्म से प्रभावित होकर धर्म परिवर्तन किया है। मैं किसी भी सूरत में वापसी नहीं करूंगा।