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Indian Railway IRCTC : नवंबर माह में दक्षिण पूर्वी रेल क्षेत्र में ट्रैक फैक्चर में आई 65 प्रतिशत की कमी

दक्षिण पूर्व रेलवे ने 25 मार्च 2020 से कोविड 19 के कारण शुरू हुए देशव्यापी लॉकडाउन अवधि का बेहतर तरीके से उपयोग में लाया।रेल प्रबंधन ने श्रमिकों और अधिकारियों ने कोविड 19 की प्रतिकूल स्थिति के बावजूद रेलवे के बुनियादी ढ़ाचे को बेहतर बनाने और विकास कार्यो का पालन किया।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 09:57 AM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 09:57 AM (IST)
Indian Railway IRCTC : नवंबर माह में दक्षिण पूर्वी रेल क्षेत्र में ट्रैक फैक्चर में आई 65 प्रतिशत की कमी
नवंबर माह में दक्षिण पूर्वी रेल क्षेत्र में ट्रैक फैक्चर में आई 65 प्रतिशत की कमी

जमशेदपुर : दक्षिण पूर्व रेलवे ने 25 मार्च 2020 से कोविड 19 के कारण शुरू हुए देशव्यापी लॉकडाउन अवधि का बेहतर तरीके से उपयोग में लाया।रेल प्रबंधन ने श्रमिकों और अधिकारियों ने कोविड 19 की प्रतिकूल स्थिति के बावजूद रेलवे के बुनियादी ढ़ाचे को बेहतर बनाने और विकास कार्यो का पालन किया।

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दक्षिण पूर्व रेलवे के सिविल इंजीनियरिंग विभाग ने कोविड 19 को चुनौती के रूप में लेते हुए सभी चार मंडल, खड़गपुर, आद्रा, चक्रधरपुर और रांची में अपने पूरे नेटवर्क को बढ़ा दिया और रेलवे के बुनियादी ढांचे में काफी सुधार किया। कोविड 19 के स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के सख्ती से पालन करते हुए इंजीनियरिंग विभाग ने सुरक्षा संबंधी कार्यों का रखरखाव, ट्रैक संरचना सदृढ़ीकरण, ट्रैक नवीकरण, गिट्टी का उचित स्तर, रेल फ्रैक्चर की नियमित जांच, वेल्ड विफलताओं की निगरानी के काम को तेज किया।

साथ ही पटरी की पेंटिंग, उचित गेजिंग का बखूबी ख्याल रखा। सभी कार्यों में अच्छी तरह से करते हुए इंजीनियरिंग विभाग ने वार्षिक लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल रहे। इसके अलावा, ट्रैक की विश्वसनीयता में सुधार से संबंधित अन्य कार्य, अनुभागीय गति को बढ़ाने, मानवयुक्त स्तर के क्रॉसिंग को समाप्त करने का काम नवंबर, 2020 में इंजीनियरिंग विभाग द्वारा सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

नतीजतन, इंजीनियरिंग विभाग के अनुसार नवंबर माह में कोई दुर्घटना नहीं घटी। इंजीनियरिंग विभाग के अनुसार रेल फ्रैक्चर की घटनाओं के साथ-साथ वेल्ड विफलता की घटनाएं भी पूरी तरह से नियंत्रण में है। जबकि पिछले वर्ष 2019 की इसी अवधि की तुलना में 49 के मुकाबले केवल 17 संख्या में रेल फ्रैक्चर पाए गए। जो पिछले साल की तुलना में 65 प्रतिशत कम है।


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