Real Estate : आखिर 99 साल की लीज पर ही किसी फ्लैट का एग्रीमेंट क्यों होता है
Real Estate कभी आपने सोचा है कि किसी भी फ्लैट अपार्टमेंट व कॉमर्शियल प्रॉपर्टी का लीज एग्रीमेंट 99 साल का ही क्यों होता है। आखिर लीज एग्रीमेंट 100 साल या उससे अधिक का क्यों नहीं होता है। तो आज हम आपको बता रहे हैं इसके पीछे का कारण...
जमशेदपुर : कभी आपने गौर किया है कि किसी भी हाउसिंग या कॉमर्शियल प्रोपर्टी को 99 साल के लीज एग्रीमेंट पर ही क्यों दिया जाता है। इसे बढ़ाकर 100 वर्ष क्यों नहीं किया जाता। यदि आपको नहीं पता तो हम बता देते हैं। आखिर 99 साल के लिए क्यों होता है लीज एग्रीमेंट...
दो तरह की होती है अचल संपति
रियल इस्टेट मार्केट के विशेषज्ञ अनिल गुप्ता के अनुसार, 99 साल के लीज एग्रीमेंट से पहले यह जान लेते हैं कि अचल संपत्ति भी दो तरह की होती है। एक होती फ्री होल्ड प्रोपर्टी। यानि ऐसी अचल संपत्ति जो हमारे बाप-दादा से पीढ़ी-दर-पीढ़ी उनके आश्रितों को मिलती जा रही है। इस पर संबधित आश्रित या उनके परिवार का ही एकाधिकार होता है और दूसरा होता है लीज होल्ड प्रोपर्टी। यानि ऐसी अचल संपत्ति जिस पर आप व्यापार या आवासीय उपयोग के लिए सरकार से खरीदना चाहते हैं। इसके लिए सरकार आपको 99 साल का लीज देती है। झारखंड सरकार भी टाटा स्टील व टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों को 99 साल की लीज पर ही जमीन देती है।
क्या होती है लीज होल्ड प्रोपर्टी
जब कभी हम सरकार से आवासीय या वाणिज्यिक उपयोग वाली जमीन लेते हैं तो उसकी एक समय सीमा तय की जाती है।
उदाहरण के लिए आपने किसी स्थान पर बना बनाया फ्लैट खरीदा। लेकिन फ्लैट खरीदने से पहले यह पता कर लें कि संबधित बिल्डर को उक्त भूखंड कब और कितने साल के लीज एग्रीमेंट के तहत मिला। यदि आपके द्वारा खरीदा गया फ्लैट वर्ष 2021 में कब्जा मिला है तो उससे बनने में भी पांच से छह साल लगा होगा। यानि संबधित बिल्डर को सरकार से छह साल पहले यानि वर्ष 2015 में ही लीज एग्रीमेंट के तहत 99 साल के लिए भूखंड मिल गया है। ऐसे में आपको वह फ्लैट अब 93 साल के लिए ही मिलेगी।
99 साल पर ही लीज एग्रीमेंट ही क्यों
केंद्र सरकार द्वारा जमीन के लिए नियम बनाए गए हैं। इस देश की सभी संपत्तियों पर केंद्र सरकार का ही स्वामित्व है। सरकार राजस्व के लिए उसे लीज पर देती है। लेकिन यह लीज केवल 99 साल के लिए ही होता है। इसके बाद सरकार को चुकाए गए राजस्व की राशि शून्य मानी जाती है और अवधि समाप्त होने पर सरकार फिर से उक्त भूखंड का स्वामी होता है।
विकास के लिए जरूरी है यह व्यवस्था
सरकार के निर्देशों के तहत 99 साल की अवधि के बाद लीज एग्रीमेंट को समाप्त मान लिया जाता है। इसके बाद सरकारी अधिकारी उक्त जमीन को संबधित लीजधारक से खाली करवाता है। इसका उद्देश्य विकास से भी है क्योंकि यदि किसी भूखंड में 99 साल पहले कोई इमारत या फ्लैट बना है तो उसकी लाइफ भी समाप्त हो जाती है और सुरक्षा के दृष्टिकोण से उसे गिराया जाना भी जरूरी होता है।
संबधित लीजधारक चाहे तो सरकार के पास आवेदन देकर अपनी लीज की अवधि को फिर से बढ़ा सकता है। नहीं तो सरकार संबधित भूखंड पर बने इमारत को गिराकर नया व आधुनिक मकान या अपनी जरूरत के अनुसार प्रोजेक्ट खड़ा करती है।