MS Dhoni : अपना माही यूं ही नहीं है खास, पढिए महेंद्र सिंह धौनी से जुडी ताजा खबर
जमशेदपुर धौनी की हर पल खबर रखता है। उनकी ताजा खबर आइ तो कानोकान फैल गइ। धौनी की अर्धांगिनी साक्षी ने इंटरनेट मीडिया पर तस्वीरें साझा की तो उनके फैन कह उठे-वाह। दरअसल इस तस्वीर में धौनी अपने पुराने दोस्तों के साथ खाना खाते नजर आ रहे हैं।
जमशेदपुर, जासं। अपना माही। जी हां, महेंद्र सिंह धौनी। धौनी की यही खासयित उन्हें दूसरों से अलग करती है। जमशेदपुर से माही का खास रिश्ता है। अगर झारखंड का रांची माही का जन्मभूमि है तो जमशेदपुर कर्मभूमि। जमशेदपुर का कीनन स्टेडियम धौनी की जिंदगी में अहम स्थान रखता है।
जमशेदपुर धौनी की हर पल खबर रखता है। उनकी ताजा खबर आइ तो कानोकान फैल गइ। धौनी की अर्धांगिनी साक्षी ने इंटरनेट मीडिया पर तस्वीरें साझा की तो उनके फैन कह उठे-वाह। दरअसल, इस तस्वीर में धौनी अपने पुराने दोस्तों के साथ खाना खाते नजर आ रहे हैं। फोटो में धोनी के साथ दोस्त सीमंत लोहानी और एक अन्य व्यक्त दिख रहा है। तस्वीर में पीछे खास तरह की कार नजर आ रही है। इसे विंटेज कार बताया जा रहा है।
बालाजी का डोसा व काशी की चाय
धौनी जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में जब भी रणजी मैच खेलते या फिर अभ्यास करने आते, दोराबजी टाटा पार्क स्थित काशी की चाय का स्वाद लेना नहीं भूलते। काशी बताते हैं कि धैनी काफी सौम्य स्वभाव का लड़का था। कभी-कभी मुझसे भी मजाक कर लिया करता था। बालाजी होटल का डोसा हो या फिर होटल से कीनन स्टेडियम ऑटो से आना। यह इस बात का द्योतक है कि वह हमेशा से जमीन से जुड़ा लड़का रहा है। रणजी ट्रॉफी के कोच रहे टेल्को के काजल दास के साथ धौनी ने लंबा वक्त बिताया। पुराने दिनों को याद करते हुए काजल दास बताते हैं कि सीनियरों को आदर करना कोई धौनी से सीखे। उनके जैसा क्रिकेटर ना तो आजतक पैदा लिया है और ना भविष्य में लेगा। एक विकेटकीपर होने के बाद भारतीय टीम की कप्तानी करना किसी के वश की बात नहीं होती। लेकिन धौनी को यूं ही चुनौतियों के बाजीगर नहीं कहा जाता। मैदान की तरह वह ड्रेसिंग रूम में भी हमेशा कूल रहता था। उसके दिमाग में हमेशा प्लान ए के साथ प्लान बी भी तैयार रहता था। भले ही धौनी का जन्मभूमि रांची हो, लेकिन उनकी कर्मभूमि जमशेदपुर ही रहा है।
यही से शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय सफर
अंडर-16, अंडर-19, रणजी ट्रॉफी से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सफर धौनी ने ऐतिहासिक कीनन स्टेडियम से ही शुरू किया था। अंडर-19 में बेहतर प्रदर्शन करने वाले धौनी झारखंड की ओर से शानदार प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें झारखंड रणजी ट्रॉफी टीम में शामिल कर लिया गया था। नयन मोंगिया के रिटायर होने के बाद उनके स्तर का एक बेहतरीन विकेटकीपर की तलाश थी। उस समय दिनेश कार्तिक के साथ महेंद्र सिंह धौनी भारतीय टीम के लिए विकल्प के तौर पर उभरे थे। पूर्व विकेटकीपर सैयत किरमानी दिनेश कार्तिक का पक्ष ले रहे थे, लेकिन चयनकर्ताओं ने महेंद्र सिंह धौनी पर विश्वास जताया था। 2004 अगस्त का महीना था। जिस समय भारत ए में धौनी के शामिल होने की घोषणा हुई, वह बिष्टुपुर में होटल बुलेवर्ड के बगल में कैफेटेरिया में अपने दोस्त के साथ कॉफी पी रहे थे। वह कीनन से अभ्यास कर निकले ही थे और होटल राजहंस जाने के पहले कैफेटेरिया में कॉफी पी रहे थे। जब उनसे पूछा गया कि आपको विश्वास था कि आपका चयन टीम में हो जाएगा। उन्होंने विश्वासपूर्ण लहजे में कहा था, बिल्कुल। मेरी ही चयन होना था।