RBI Alert : अब बिना इंटरनेट के ऑफलाइन ऐसे कीजिए पेमेंट, आरबीआई ने दी मंजूरी
RBI Bank Rule Alert अब डिजिटल पेमेंट करने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसकी मंजूरी दे दी है। अब कोई भी ग्राहक ऑफलाइन मोड में पेमेंट कर सकता है। जाने कैसे आप करेंगे ऑफलाइन पेमेंट...
जमशेदपुर : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दूर-दराज के गांवों व कस्बों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रति ट्रांजेक्शन 200 रुपये तक के ऑफलाइन भुगतान को मंज़ूरी दे दी है। आरबीआई ने सोमवार को इसके लिए एक फ्रेमवर्क जारी किया है। इसके तहत ऑफलाइन भुगतान की कुल सीमा 2000 रुपये तय की गई है।
क्या है ऑफलाइन डिजिटल भुगतान
ऑफलाइन डिजिटल भुगतान का अर्थ ऐसे लेनदेन ( Bank Transaction) से है जिसमें इंटरनेट या टेलिकॉम कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है। ऑफलाइन मोड में आप अपने कार्ड, कार्ड, वॉलेट और मोबाइल से सामने वाले को भुगतान कर सकते हैं। रिजर्व बैंक के अनुसार इस तरह के ट्रांजैक्शन के लिए ऑथेंटिकेशन की जरूरत नहीं होगी। भुगतान के ऑफलाइन होने के कारण कस्टमर को अलर्ट तुरंत न मिलकर कुछ देर बाद मिलेगा।
पिछले साल ऑफलाइन भुगतान का हुआ था पायलट परीक्षण
रिजर्व बैंक ने कहा कि सितंबर 2020 से लेकर जुलाई 2021 तक ऑफलाइन पेमेंट मोड का पायलट परीक्षण किया था। छह अगस्त को आरबीआई ने तकनीकी इनोवेशेन को बढ़ावा देने के लिए इस पायलट प्रोजेक्ट की अनुमति दी थी।
आरबीआई ने कहा कि अधिकृत पेमेंट सिस्टम ऑपरेटरों (पीएसओ) और पेमेंट सिस्टम पार्टिसिपेंट्स (पीएसपी) को छोटे मूल्य के ऑफलाइन डिजिटल भुगतान की सुविधा के लिए नए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। पेमेंट सिस्टम से एक बार में अधिकतम ऑफलाइन लेनदेन 2000 रुपए तक की जा सकती है। उपयोग की गई सीमा को फिर से भरने की अनुमति केवल ऑनलाइन मोड में दी जाएगी।
ग्राहक की सहमति के बाद ही होगा भुगतान
आरबीआई ने कहा कि भुगतान साधन ग्राहक की स्पष्ट सहमति के बाद ही ऑफलाइन लेनदेन के लिए सक्षम होंगे। इसके अलावा, कार्ड का उपयोग करने वाले इन संपर्क रहित लेनदेन चैनल को चालू करने की आवश्यकता के बिना अनुमति दी जाएगी।
ग्राहकों को शिकायत निवारण के लिए रिजर्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना (Integrated Ombudsman Scheme) का सहारा लेना होगा। रिजर्व बैंक ऐसे किसी भी भुगतान समाधान के संचालन को रोकने या संशोधित करने का अधिकार रखता है जो ऑफ़लाइन मोड में छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान को सक्षम बनाता है।
अभी भी देश के कई हिस्सों में इंटरनेट की पहुंच नहीं
भारत में सस्ते स्मार्टफोन और यहां तक कि सस्ते डेटा कनेक्शन की बिक्री में तेजी देखी गई है, लेकिन इंटरनेट कनेक्टिविटी अभी भी देश के कई हिस्सों तक नहीं पहुंच पाई है। विश्व बैंक के नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों से पता चला है कि 2019 में, भारत की 41% आबादी के पास इंटरनेट कनेक्शन था। इसलिए, ऑफलाइन भुगतान को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई का कदम समावेशी है क्योंकि ऐसा पहली बार होगा जब स्मार्टफोन के बिना कई ग्राहक डिजिटलीकरण का लाभ उठा सकेगा।
RBI कुछ वर्षों से ऑफ़लाइन भुगतान की अनुमति देने पर काम कर रहा है और इसे भुगतान और निपटान प्रणाली के लिए अपने विजन दस्तावेज़ 2019-21 में शामिल किया है।