Ratan Tata : रतन टाटा ने इंस्टाग्राम पर ऐसा क्या पोस्ट किया कि नेटीजंस कर रहे खूब कमेंट
Ratan Tata रतन टाटा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। नेटीजंस को उनके हर एक पोस्ट का इंतजार होता है। भारत के युवाओं के आदर्श रतन टाटा ने इस बार अपने प्रशंसकों को ऐसा कुछ पोस्ट किया कि लोग इंस्टाग्राम पर खूब कमेंट कर रहे हैं...
जमशेदपुर : टाटा ट्रस्ट के मानद चेयरमैन इंस्टाग्राम से जुड़े हुए हैं और वे महत्वपूर्ण पलों में नए-नए पोस्ट करते रहते हैं। रतन टाटा के इंस्टाग्राम से जुड़ने के बाद उनके एक लाख से अधिक फॉलोवर हो चुके हैं जिन्हें उनके पोस्ट का बेसब्री से इंतजार रहता है।
टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने शनिवार सुबह लगभग नौ बजे अपना एक नया पोस्ट इंस्टाग्राम में किया है। जिसमें उन्होंने अपने हाथ से लिखी एक चिट्ठी को जारी किया है। साथ ही उसके साथ कुर्सी में बैठे अपनी एक तस्वीर भी सभी के साथ साझा की हुई है। ब्लू चेक में पहने शर्ट में रतन टाटा काफी खुश दिखाई दे रहे हैं।
ये लिखा है अपने पत्र में
रतन टाटा ने पांच से छह लाइन में हाथ से लिखी एक चिट्ठी भी सभी के साथ साझा की है जिसमें उन्होंने लिखा है कि पिछला वर्ष अधिकांश के लिए चुनौती भरा रहा। लेकिन आने वाले फेस्टिवल सीजन में मैं सभी को अपनी शुभकामना देता हूं। साथ ही उम्मीद करता हूं कि नववर्ष हमारे सभी प्रियजनों के लिए अच्छा हो, उनका स्वास्थ्य बेहतर हो और नव वर्ष सभी के लिए खुशियां लेकर आए।
रतन टाटा के इस पोस्ट के बाद उनके फॉलोवर का जबदस्त कमेंट मिल रहा है। कुछ उन्हें वर्ल्ड ग्रेटेस्ट फादर तो कुछ सिग्मा मैन का टाइटल दे रहे हैं। शनिवार रात 10 बजे तक रतन टाटा के पोस्ट को 6.50 लाख से अधिक लोगों ने लाइक जबकि 10 हजार से अधिक ने कमेंट कर दिया है।
रतन टाटा की सादगी के कायल हैं सभी
रतन टाटा भले ही टाटा समूह के चेयरमैन हैं लेकिन वे हमेशा डाउन टू अर्थ रहते हैं। वे छोटी-छोटी चीजों से बड़ा बदलाव लाने के लिए खुद पहल करते हैं। फिर चाहे सड़क में दुर्घटनाग्रस्त आवारा जानवरों का इलाज करना हो या रात में सड़क पर बैठे मवेशियों को रेडियम वाला चमकीला बेल्ट देना हो। रतन टाटा हमेशा ऐसे काम के लिए खुद ही पहल करते हैं।
उनके इसी स्वभाव और सादगी के लिए लोग हमेशा उनके कायल रहते हैं। आपको बता दें कि रतन टाटा ने अपने कामकाजी जीवन की शुरूआत झारखंड के शहर जमशेदपुर से की थी। भले ही उनके परिवार ने ही टाटा समूह की नींव रखी थी लेकिन उन्होंने अपने प्रारंभिक जीवन की शुरूआत आम कर्मचारी के रूप में पहले टाटा मोटर्स और फिर बाद में टाटा स्टील में की। वे लगभग 11-12 वर्षों तक जमशेदपुर में ही रहे और व्यवसाय की बारिकियों को समझा। वे हर एक कर्मचारी के लिए भगवान के समान हैं।