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Ratan Tata : प्रधानमंत्री राहत कोष में धन नहीं जुटाया तो अमेरिका की इस अदालत ने नोटिस थमाया

Ratan Tata रतन टाटा की कंपनी टाटा अमेरिका आजकल विवादों में घेरे में है। विवाद भी बड़ा है। आरोप है कि टाटा अमेरिका ने प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए धन जुटाने में कोई सहायता नहीं की। अब अमेरिका की इस अदालत ने नोटिस थमा दिया है...

By Jitendra SinghEdited By: Published: Wed, 15 Dec 2021 07:20 AM (IST)Updated: Wed, 15 Dec 2021 07:20 AM (IST)
Ratan Tata : प्रधानमंत्री राहत कोष में धन नहीं जुटाया तो अमेरिका की इस अदालत ने नोटिस थमाया
Ratan Tata : प्रधानमंत्री राहत कोष में धन नहीं जुटाया तो अमेरिका की इस अदालत ने नोटिस थमाया

जमशेदपुर, जासं। यह तो आप जानते ही होंगे कि टाटा की मौजूदगी दुनिया के लगभग हर देश में किसी न किसी रूप में है। इसी तरह की एक संस्था टाटा अमेरिका भी है, जो अमेरिका स्थित न्यूयॉर्क में चलती है। बताया जाता है कि टाटा समूह की कंपनी टाटा अमेरिका को टाटा समूह के संरक्षक रतन टाटा ने प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए 500 मिलियन डॉलर जुटाने का निर्देश दिया था।

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टाटा अमेरिका इंटरनेशनल कारपोरेशन ने यह काम नहीं किया, तो इस कंपनी के सलाहकार पंकज फडनीस ने न्यूयार्क की अदालत में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद न्यूयॉर्क कोर्ट ने टाटा अमेरिका को नोटिस दिया कि वह अदालत को बताए कि उसने ऐसा क्यों नहीं किया।

बताते हैं कि टाटा अमेरिका ने कोर्ट के इस सम्मन को महत्वहीन करार देते हुए कहा है कि वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। बात यहीं खत्म नहीं हुई, टाटा अमेरिका ने उस पर आरोप लगाने वाले पंकज के फडनीस को चेतावनी दी कि अगर वह याचिका तुरंत वापस नहीं लेते हैं तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

फडणीस ने कहा कि रतन टाटा ने मुझसे कहा था

पंकज फडणीस वर्ष 2017-18 के दौरान टाटा ट्रस्ट के वरिष्ठ सलाहकार थे। फडणीस की याचिका पर यूएस फेडरल कोर्ट के जज एडगार्डो रामोस ने तीन दिसंबर को टाटा अमेरिका को तलब किया था। इस याचिका में फडणीस ने कहा था कि खुद रतन टाटा ने मुझे प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए 500 मिलियन डॉलर जुटाने में मदद करने को कहा था। इसके लिए मुझे न्यूयॉर्क स्थित एक इंडियन पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंधन में सुधार करने को कहा था। हालांकि इस संबंध में रतन टाटा और टाटा संस को इसका संदेश अब तक नहीं मिला है। टाटा संस के प्रवक्ता की ओर से भी कोई जवाब नहीं मिला है।

फ्रैमरोज दिनशॉ ने टाटा को दिया था उधार

न्यूयॉर्क स्थित टाटा अमेरिका ट्रस्ट का गठन 1970 में दिनशॉ एडुलजी की मृत्यु के बाद किया गया था। दिनशॉ के पिता फ्रैमरोज़ दिनशॉ थे, जिन्होंने बीसवीं सदी के शुरुआती दशकों में टाटा स्टील और टाटा पावर को बड़ी रकम उधार दी थी। फडनीस ने अपनी याचिका में कहा है कि रतन टाटा ने ही मुझे दिनशॉ ट्रस्ट को ठीक करने और प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए फंड जुटाने के लिए कहा था। यह काम टाटा अमेरिका ट्रस्ट के जरिए होना था, लेकिन इस कंपनी ने निर्देशों का पालन नहीं किया।

टाटा अमेरिका ने कहा मुझ पर आरोप गलत

टाटा अमेरिका ट्रस्ट के अनुसार न्यूयॉर्क की इसी अदालत ने मार्च में फडनीस की पहली याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वादी टाटा ट्रस्ट और टाटा संस के दायित्वों को टाटा अमेरिका पर थोपने के कारणों की वजह स्पष्ट नहीं है। कंपनी के मुताबिक कथित समझौता फडनीस और टाटा ट्रस्ट के बीच हुआ था।

इसका टाटा अमेरिका से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि फडनीस ने अपनी नई याचिका में कहा है कि टाटा ट्रस्ट के साथ उनका करार होने के बावजूद 24 अगस्त 2018 को खुद रतन टाटा ने मुझे बताया था कि उन्होंने मामले को टाटा अमेरिका को सौंप दिया है। दोनों पक्ष की इस दलील से मामला उलझ गया है। ऐसे में जब तक रतन टाटा या टाटा संस की ओर से अदालत को कोई जवाब नहीं मिलता, मामला लंबित रहेगा।


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