Ratan Tata : रिटायरमेंट के बाद रतन ने नहीं खेला गोल्फ या ली कॉकटेल की चुस्की, ऐसे कर रहे देश की सेवा
Ratan Tata 84 साल के रतन टाटा पर लोग यूं ही प्यार नहीं बरसाते हैं। रिटायरमेंट के बाद जहां लोग गोल्फ खेलना शुरू कर देते हैं या फिर चौक-चौराहें पर गप्पे लड़ाते हैं। लेकिन रतन टाटा आज भी देश को संवारने में जुटे हुए हैं...
जमशेदपुर : टाटा समूह के दिग्गज और टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा भले ही अपने काम से रिटायर हो चुके हो लेकिन उन्होंने गोल्फ खेलकर या समुद्र के किनारे कॉकटेल की चुस्की लेकर कुछ पढ़ने के बजाए कुछ नई पहल कर रहे हैं जिससे देश में बदलाव की नई नींव स्थापित कर रहे हैं।
बकौल रतन टाटज्ञ, टाटा समूह ने हमेशा सामाजिक सरोकार और लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए काम किया। हम देश में कैंसर से उपचार से जीवन को आसान बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इसके लिए टाटा ट्रस्ट कई तरह की पहल करते हुए देश के विभिन्न इलाकों में न सिर्फ कैंसर अस्पताल का निर्माण किया बल्कि जीवन को आसान बनाने की दिशा में भी पहल की। मैं सामाजिक कार्य करके ही जीवन के अंतिम चरण का आनंद उठा रहा हूं।
अब भी सीख रहा हूं
रतन टाटा का कहना है कि जीवन के अंतिम पड़ाव पर आने के बावजूद भी मैं हर दिन कुछ नया सीखने का प्रयास करता हूं। इसके लिए मैं अपने नए व पुराने दोस्तों, सभी आयु वर्ग वालों से सीखने का प्रयास करता हूं। वर्ष 2009 में जब मैं मुंबई की एक सड़क पर एक परिवार को बारिश में जाते हुए देखा तो मैंने बजट वाली नैनो कार लांच लांच करने की सोची। मैं मध्यम पपरिवार को कुछ अधिक देना चाहता था। जो विकल्प के अभाव में अपनी जान जोखिम में डालते हैं। इसके लिए मैं उन सभी परिवारों से वादा किया ताकि वे अपनी बजट पर कार खरीद सके। आज इतने समय बाद जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो मुझे खुद के लिए फैसले पर गर्व होता है।
स्टार्टअप के जरिए बदलते हैं लोगों का जीवन
रतन टाटा वर्तमान में कई तरह से जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं। युवाओं को स्टार्टअप करने के लिए प्रेरित भी करते हैं। जिन युवाओं का स्टार्टअप अच्छा होता हैं उसमें निवेश भी करते हैं। इसके अलावा कई उद्यमियों के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को समूह में नया व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करते हैं।
शांतनु हैं उनके सबसे अच्छे दोस्त
रतन टाटा ने आजीवन विवाह नहीं किया। एक लड़की से प्रेम किया लेकिन जीवन में ऐसा मोड़ आया कि वे उनसे विवाह नहीं कर सके। वे अपनी दादी के साथ लगाव के कारण उस पल को कभी नहीं भूल पाते हैं। वे बताते हैं कि इस उम्र में भी मेरा जीवन बिल्कुल साधारण है। उन्होंने अपने 84 वीं जन्मदिन में अपने दोस्त शांतनु के साथ जन्मदिन मनाया। वे बताते हैं शांतनू ने ही उन्हें इंस्टाग्राम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। मुझे इससे जुड़कर काफी अच्छा लगता है जहां लोग मेरे पोस्ट को देखते और उस पर अच्छे-अच्छे कमेंट्स करते हैं।