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Fraud in JEE Main: पान गुमटी चलाने वाले के खाते से रंजीत शर्मा करता था करोड़ों का लेन-देन

रंजीत शर्मा एक-दो नहीं करीब चार वर्ष से इंट्रेंस एक्जाम में फर्जीवाड़ा करता था। पहले वह बेंगलुरू में जब इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गया तो वहीं इस धंधे में शामिल हो गया था। पहले एडमिशन के नाम पर कमाने लगा था। उसने बेंगलुरू में ही आफिस खोल लिया था।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 12:50 PM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 12:50 PM (IST)
Fraud in JEE Main:  पान गुमटी चलाने वाले के खाते से रंजीत शर्मा करता था करोड़ों का लेन-देन
सीबीआइ की टीम अब भी जमशेदपुर में ही है।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। जेईई मेन परीक्षा के फर्जीवाड़ा मामले में सीबीआइ ने पहले जिस सोनू ठाकुर को गिरफ्तार किया, वह तो एक मुखौटा भर था। इस पूरे खेल का असली खिलाड़ी रंजीत शर्मा ही था, जो पान गुमटी चलाने वाले अपने रिश्तेदार सोनू ठाकुर का बैंक खाता इस्तेमाल करता था। जानकार बताते हैं कि सोनू ठाकुर को बस इतना पता था कि रंजीत शर्मा उसके बैंक खाते का इस्तेमाल करता है, लेकिन सोनू कहां से इतने पैसे कमाता है, उसे कुछ नहीं मालूम था।

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यही वजह रही कि जब सीबीआइ की टीम सोनू ठाकुर के घर पहुंची और उसे गिरफ्तार किया तो वह फूट-फूटकर रोने लगा। दो मिनट में ही उसने सबकुछ बता दिया। जब सीबीआइ टीम को पता चला कि असली खिलाड़़ी रंजीत शर्मा है, तो टीम तत्काल आदित्यपुर के हरिओमनगर स्थित शर्मा के घर पहुंची, लेकिन तब तक रंजीत शर्मा अपने घर से निकल चुका था। जैसे ही सीबीआइ की टीम सोनू ठाकुर के घर पहुंची थी, रंजीत शर्मा को इसकी सूचना मिल गई थी। वह आनन-फानन रुपये पैसे-एटीएम आदि लेकर घर से निकल गया। उसके जाने के पांच मिनट बाद सीबीआइ की टीम पहुंची।

जेईई ही नहीं मेडिकल समेत सभी इंट्रेंस एक्जाम में करता था फर्जीवाड़ा

रंजीत शर्मा एक-दो नहीं करीब चार वर्ष से इंट्रेंस एक्जाम में फर्जीवाड़ा करता था। पहले वह बेंगलुरू में जब इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गया, तो वहीं इस धंधे में शामिल हो गया था। पहले एडमिशन के नाम पर कमाने लगा था। इसके लिए उसने बेंगलुरू में ही आफिस खोल लिया था। वहीं से जेईई, मेडिकल, डिफेंस आदि के इंट्रेंस एक्जाम में फर्जीवाड़ा करने लगा। गत वर्ष जब कोरोना की वजह से सबकुछ ऑनलाइन होने लगा, तब यहां के छात्र दक्षिण भारत नहीं पहुंच रहे थे, तो इससे उसका बिजनेस लगभग ठप सा हो गया था। तब वह आदित्यपुर आकर अपने घर में रहने लगा। यहीं से काम करने लगा। यहां बता दें कि वह क्वेश्चन सोल्वर नहीं था, सिर्फ सेंटर समेत सबकुद मैनेज करता था।

जगुआर से घूमता था, राइफल भी रखता था

एंट्रेंस एक्जाम और मेडिकल-इंजीनियरिंग कालेज में एडमिशन आदि से रंजीत शर्मा ने करोड़ों रुपये कमाए। वह जगुआर लैंडरोवर समेत पांच महंगी कारें रखता था। वह हमेशा अपने पास राइफल भी रखता था। बिल्डर के पेशे में आने के बाद उसने आदित्यपुर व गम्हरिया मेें करोड़ों रुपये की जमीन भी खरीदी थी। गम्हरिया के पास एक जमीन में नर्सिंग होम खोलने की तैयारी में भी था। इस वजह से उसने करीब 60 लड़के भी रखे थे।

घर में छूट गई थी राइफल

सीबीआइ के आने की सूचना से रंजीत शर्मा अपने घर से जगुआर से ही भागा था। हड़बड़ी में घर पर उसकी राइफल और लैपटॉप छूट गई थी। जब उसे अहसास हो गया कि लैपटाॅप और राइफल घर में ही है, तो उसने तत्काल एक लड़़के को अपने घर भेजा। उससे कहा कि जल्दी से दोनों सामान लेकर निकल जाओ। नहीं निकल सको तो घर के आगे बालू के ढेर में दबा देना। हालांकि वह लड़का ऑटो लेकर घर आया और दोनों सामान लेकर निकल गया।

खरकई में फेंक दिया मोबाइल फोन

रंजीत शर्मा घर से निकलते समय रास्ते में आदित्यपुर के खरकई नदी में अपना मोबाइल फेंक दिया था, इसी वजह से उसका मोबाइल ट्रेस नहीं हो पा रहा है। अब वह कहां है, किसी को कुछ नहीं पता। फिलहाल सीबीआइ ने जिन चार-पांच लड़कों को गिरफ्तार किया है, वे उसके स्टाफ हैं।

सीबीआइ की टीम जमशेदपुर में ही घूम रही

सीबीआइ की टीम अब भी जमशेदपुर में ही है। शुक्रवार को भी सीबीआइ के अधिकारी उसके घर के आसपास घूमते देखे गए थे। शनिवार को भी आए थे। वह कह रहे थे कि रंजीत जितना भाग रहा है, अपने लिए उतनी मुुसीबत खड़ा कर रहा है।


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