शुरू हो गया रमजान का दूसरा अशरा, मिलेगी मगफेरत
रमजान का दूसरा अशरा शुरू हो गया है। मगफेरत का ये अशरा गुरुवार की शाम यानी 10 रमजान को इफ्तार के बाद से शुरू हो गया है। इस अशरे में रोजेदार अल्लाह से मगफेरत तलब करेंगे। उन्हें गुनाहों से माफी मिलेगी।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : रमजान का दूसरा अशरा शुरू हो गया है। मगफेरत का ये अशरा गुरुवार की शाम यानी 10 रमजान को इफ्तार के बाद से शुरू हो गया है। इस अशरे में रोजेदार अल्लाह से मगफेरत तलब करेंगे। उन्हें गुनाहों से माफी मिलेगी। इस अशरे में रोजेदारों को अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए।
रमजान में तीन अशरे होते हैं। एक अशरे में 10 दिन होते हैं। इस तरह रमजान के 30 दिनों को तीन अशरे में बांटा गया है। एक रमजान से 10 रमजान तक पहला अशरा रहमत का है। इस अशरे में अल्लाह पाक अपने बंदों पर रहमत नाजिल करता है। दूसरा अशरा मगफेरत का है। यानि गुनाहों से माफी का। ये अशरा 10 रमजान से शुरू होकर 20 रमजान तक है। रमजान के महीने में रहमत के दरवाजे खुल जाते हैं। इस अशरे में गुनाहगारों की तौबा कुबूल की जाती है। इसलिए इस अशरे में रोजेदारों को गुनाहों के लिए माफी तलब करनी चाहिए।
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क्या करें इस अशरे में
-- अस्तगफिरुलल्लाह रब्बी वातुबो इलैह कसरत से पढ़ें।
-- अल्लाह की इबादत कसरत से करें।
-- कुरआन करीम की तिलावत करें।
-- भूखों को खाना खिलाएं, रोजेदारों को इफ्तार कराएं
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हजरत खदीजा की वफात की याद
10 रमजान को पैगंबर-ए-अकरम हजरत मोहम्मद मुस्तफा स. की शरीके हयात हजरत खदीजा की वफात हुई थी। जाकिर नगर की शिया जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद हसन रिजवी बताते हैं कि हजरत खदीजा उम्मुल मोमनीन यानि मोमनीन की मां हैं। वो अरब की सबसे मालदार महिला थीं और अपनी सारी दौलत अल्लाह की राह में खर्च करने के लिए पैगंबर-ए-अकरम के कदमों में डाल दी थी। उन्होंने पैगंबर-ए-अकरम का हर कदम पर साथ दिया।
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पांच साल के मोहम्मद हसन ने रखा रोजा
कदमा के रानीकुदर के बसेरा कांप्लेक्स निवासी शाने हसन के पांच साल के बेटे अब्दुल्ला हसन ने अपना पहला रोजा रखा। इंसानियत वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष हसन अख्तर इमाम का नवासा अब्दुल्ला शेर वुड कॉलेज में यूकेजी का छात्र है।
मुस्लिम इलाकों में बर्फ की बढ़ी बिक्री
रमजान में गर्मी के चलते मुस्लिम इलाकों में बर्फ की बिक्री बढ़ गई है। जिन के घरों में फ्रिज नहीं है वो लोग बर्फ डाल कर पानी को ठंडा कर रहे हैं। गर्मी के चलते लोग ठंडे पानी और शरबत से रोजा खोलते हैं। रोजेदार रोजा की वजह से सूखी हलक को तर करने के लिए कई गिलास शरबत पी रहे हैं।