Jharkhand Assembly Election 2019 : जमशेदपुर में 25 साल से हर चुनाव में उठता रहा है मालिकाना का मुद्दा
करीब 25 साल से विधानसभा के हर चुनाव में मालिकाना हक दिलाने का मुद्दा खूब उठाया जाता रहा है। क्षेत्र के सभी प्रत्याशी इस बार भी 86 बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने की बात कर रहे हैं।
जमशेदपुर, जासं। Jharkhand Assembly Election 2019 जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में हर बार चुनाव में मालिकाना हक का जिन्न बाहर आ जाता है। इस चुनाव में भी मालिकाना हक दिलाने का मामला छाया हुआ है। करीब 25 साल से विधानसभा के हर चुनाव में मालिकाना हक दिलाने का मुद्दा खूब उठाया जाता रहा है। क्षेत्र के सभी प्रत्याशी इस बार भी 86 बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने की बात कर रहे हैं। उनकी मानें तो चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता मालिकाना हक दिलाना होगा।
अविभाजित बिहार के समय से यह मुद्दा इस क्षेत्र के लिए अहम बना हुआ है। किसी प्रत्याशी को जीत दर्ज कराने में बिरसानगर के 86 बस्तियों का वोट अहम माना जाता है। ऐसे में क्षेत्र के प्रत्याशी इन वोटरों को रिझाने में लगे हुए हैं। एक अनुमान के मुताबिक पूर्वी विधानसभा में एक लाख से ज्यादा वोटर मालिकाना से संबंधित हैं। यहीं वजह है कि हरेक प्रत्याशी मालिकाना को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ रहे हैं।
पहली बार 1994 में उठा था मालिकाना का मुद्दा
बिरसानगर को बसाने वाले बिरसा सेवा दल के संस्थापक स्व. कुंजल लकड़ा ने पहली बार 1994 में मालिकाना का मुद्दा उठाया था। उस समय अविभाजित बिहार में बस्ती विकास समिति के तत्वावधान में मालिकाना का मुद्दा उठाया गया। उसके बाद 1995 में विस चुनाव हुआ उसमें भी मालिकाना हक की बातें उठी थी। तब से अब तक हरेक चुनाव में यह मुद्दा गंभीरता से उठता रहा है। 1999 में मालिकाना हक को लेकर गोपाल मैदान से आंदोलन का श्रीगणेश हुआ उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा भी इस पर विचार करने का आश्वासन मिला था।