रेलवे बोर्ड और रेल कर्मचारी यूनियन के बीच चार्टर्ड ऑफ डिमांड पर चली तीन दिवसीय बैठक, मिला आश्वासन
Rail News रेलवे कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उनका महंगाई भत्ता जनवरी 2020 से बंद है। बैठक के बाद डीए का पैसा रिलीज करने को लेकर कोई घोषणा होगी। लेकिन बैठक के बाद रेलवे बोर्ड से कर्मचारी यूनियन को आश्वासन मिला।
जमशेदपुर, जासं। देश भर में कार्यरत रेल कर्मचारियों की विभिन्न मांगों पर चार्टर्ड ऑफ डिमांड के तहत रेलवे बोर्ड और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन की तीन दिवसीय मैराथन बैठक नई दिल्ली में संपन्न हुई। रेलवे कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उनका महंगाई भत्ता जनवरी 2020 से बंद है। बैठक के बाद डीए का पैसा रिलीज करने को लेकर कोई घोषणा होगी। लेकिन बैठक के बाद रेलवे बोर्ड से कर्मचारी यूनियन को आश्वासन मिला।
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि वे यूनियन की मांगों को वित्त विभाग के पास लेकर जाएंगे। इसके बाद ही कर्मचारियों के विभिन्न मांगों पर कोई निर्णय लिया जाएगा। रेलवे कर्मचारी यूनियन के नेताओं को उम्मीद थी कि चार्टर्ड ऑफ डिमांड में शामिल 26 मुद्दों में से कई पर सहमति बनेगी। लेकिन रेलवे बोर्ड ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया। सचिव मंडल ने सिर्फ यही कहा कि एक्सपेंडिचर विभाग केबिनेट से फ्रीज डीए व डीआर को पहली जुलाई से प्रभावी कराने का प्रयास करेंगे। लेकिन इस पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ही लेंगी। शेष सभी विषयों को नोट कर आगे बढ़ाने या अगली बैठक में निर्णय लेने की बात कहते हुए सभी मुद्दों को टाल दिया गया है। कर्मचारी यूनियन का कहना है कि बैठक को लेकर देश भर में कार्यरत रेल कर्मचारी काफी उत्सुक थे। उन्हें उम्मीद थी कि सरकार बिना किसी तरह की परिवर्तन किए उनकी सुविधाओं में विस्तार करेगी। लेकिन कर्मचारी यूनियन का कहना है कि जब तक देश भर में कार्यरत सभी रेल कर्मचारी, यूनियन और सभी विभाग मिलकर एक साथ हल्ला बोल कर आंदोलन नहीं करेगी। तब तक भारत सरकार या रेल मंत्रालय उन्हें कुछ नहीं देने वाली
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन की मुख्य मांगे
-रेलवे कर्मचारियों के लंबित महंगाई भत्ता (डीए) व महंगाई राहत (डीआर) की सभी किस्तों व एरियर का भुगतान जल्द हो।
-एक जुलाई 2020 से एक जनवरी 2021 के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिले।
-वेतन सीलिंग हटाकार सभी वर्ग के कर्मचारियों को नाइट एलाउंस की सुविधा मिले।
-रनिंग स्टॉफ के कर्मचारियों पर इनकम टैक्स की गणना के आधार 70 प्रतिशत का नियम लगाकर किया जाए।