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रेलवे क्वार्टरों के पानी की बर्बादी रोकने को लगेंगे स्विच Jamshedpur News

टाटानगर के रेलवे क्वार्टरों स्टेशन व अन्य रेल संस्थानों में प्रतिदिन 12.20 लाख गैलन पानी की खपत प्रतिदिन हो रही है। वहीं टंकियों से पानी ओवर फ्लो होकर नाले में बह रहा है।

By Edited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 07:20 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 11:53 AM (IST)
रेलवे क्वार्टरों के पानी की बर्बादी रोकने को लगेंगे स्विच Jamshedpur News
रेलवे क्वार्टरों के पानी की बर्बादी रोकने को लगेंगे स्विच Jamshedpur News

जमशेदपुर (गुरदीप राज)। टाटानगर के रेलवे क्वार्टरों, स्टेशन व अन्य रेल संस्थानों में प्रतिदिन 12.20 लाख गैलन पानी की खपत प्रतिदिन हो रही है। वहीं रेलवे क्वार्टरों पर लगी टंकियों से पानी ओवर फ्लो होकर नालियों में हजारों लीटर पानी प्रतिदिन बह जा रहा है।

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पानी की किल्लत अब रेलवे महसूस करने लगा है जिसके कारण टाटानगर के बारह सौ रेलवे क्वार्टरों के टंकी में ऑटोमेटिक ओवर फ्लो स्वीच लगाया जाएगा। इस स्वीच के लगने से टंकी के भरते ही पानी की सप्लाई बंद हो जाएगी और पानी की बर्बादी को रोका जा सकेगा। स्वीच लगाने के निर्देश चक्रधरपुर मंडल के डीआरएम वीके साहू ने दिए हैं। करीब चार माह के अंदर सभी 12 सौ क्वार्टरों में ऑटोमेटिक ओवर फ्लो स्वीच लगा दिए जाएंगे। इतना ही नहीं चक्रधरपुर मंडल के राउरकेला, चक्रधरपुर सहित विभिन्न क्षेत्रों के रेलवे क्वार्टरों में भी ओवर फ्लो स्वीच सिस्टम को लगाया जाएगा।

छह लाख की लागत से लगेंगे स्विच

एक रेलवे क्वार्टर की टंकी में ऑटोमेटिक ओवर फ्लो  स्विच लगाने के लिए रेलवे को करीब 500 रुपये खर्च आएगा। करीब 12 सौ क्वार्टरों में इस  स्विच को लगाने के लिए रेलवे को छह लाख रुपये का खर्च वहन करना होगा।

बॉल कॉक सिस्टम को रेलकर्मियों ने किया बेकार

टाटानगर के रेलवे क्वार्टरों में रेलवे ने पानी के ओवर फ्लो को रोकने के लिए बॉल कॉक सिस्टम लगाया था, लेकिन पानी की सप्लाई कम होने के कारण रेलकर्मियों ने बॉल कॉक सिस्टम को हटा दिया था। तो कहीं वह टूट कर खुद ही बेकार हो गया। कुल मिलाकर यह बॉल काक सिस्टम पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया। इस कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद होना शुरू हो गया। इसकी जानकारी जब चक्रधरपुर मंडल के डीआरएम को हुई तो उन्होंने इस पर तुरंत संज्ञान लिया और चार माह के अंदर पूरे सिस्टम को ठीक कर पानी की बर्बादी को रोकने के निर्देश जारी किए।

स्वीच लगने से कम चलाना होगा मोटर

पानी की टंकियों में ऑटोमेटिक ओवर फ्लो स्वीच लगाने पर जो मुख्य मोटर अभी 15 से 16 घंटे प्रतिदिन पानी टंकी में चढ़ाने के लिए चलता है, स्वीच के लगने पर पानी की बर्बादी कम होगी और 11 से 12 घंटे मोटर चलाने पर ही पानी टंकी में भर जाएगा।

'टाटानगर रेलवे क्वार्टरों में प्रतिदिन हजारों लीटर पानी टंकी से ओवर फ्लो होकर बर्बाद हो रहा है। जिसे रोकने के लिए चार माह के अंदर 12 सौ क्वार्टरों में ऑटोमेटिक ओवर फ्लो स्वीच टंकियों में लगाए जाएंगे, जिसकी मंजूरी डीआरएम कार्यालय से मिल गई है। शशि मिश्रा मेंस यूनियन के मंडल संयोजक


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