रेलवे अस्पताल में टीवी का इलाज नहीं, एमआरआइ को जाना पड़ता दस किमी दूर
चक्रधरपुर रेल मंडल का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे अस्पताल टाटानगर में है। इसमें डॉक्टरों की कमी तो है ही मरीजों के लिए एमआरआइ व सिटी स्कैन की व्यवस्था भी नहीं है।
गुरदीप राज, जमशेदपुर : चक्रधरपुर रेल मंडल का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे अस्पताल टाटानगर में है। इसमें डॉक्टरों की कमी तो है ही मरीजों के लिए एमआरआइ व सिटी स्कैन की व्यवस्था भी नहीं है। एमआरआइ-सिटी स्कैन कराने के लिए मरीजों को अस्पताल से 10 किलोमीटर दूर साकची जाना पड़ता है। खर्च भी जेब से करना पड़ता है। टीवी मरीजों के लिए भी यहां इलाज उपलब्ध नहीं है।
वैसे, रेलवे ने सिटी स्कैन-एमआरआइ सहित 148 तरह की जांच कराने के लिए तीन प्राइवेट पैथोलॉजी सेटर से टाइअप किया था, लेकिन सबकुछ धरा का धरा रह गया। कुछ प्राइवेट पैथोलॉजी सेंटरों को तो टाइअप के मुताबिक रेलवे ने भुगतान नहीं किया, तो वहीं कुछ पैथोलाजी सेंटर रेलवे की नियमों पर खरे नहीं उतर पाए, सो रेलवे से नाता तोड़ दिया। वहीं दूसरे पैथोलॉजी सेटर ने टाइअप होने के बाद भी काम शुरू नहीं किया।
आदित्यपुर स्थित संजीवनी पैथोलाजी सेटर का टाइअप तीन माह पहले ही समाप्त हो चुका है। रीटेंडर के लिए संजीवनी ने टेंडर भरा है। तीनों पैथलॉजी से रेलवे ने एक वर्ष के लिए टेंडर किया था। जिसके कारण इन सेटरों में रेलकर्मियों की ब्लड जांच व अन्य जांच की सुविधा बंद कर दी गई है। बहरहाल, रेलवे अस्पताल में सुविधा के अभाव के कारण रेलकर्मियों को प्राइवेट इलाज कराना पड़ रहा है। रेलवे अस्पताल में सेमी ऑटो मशीन पैथोलॉजी यूनिट में लगाया गया है जिससे कुछ मरीजों के ब्लड की जांच की जा रही है। लेकिन ज्यादातर मरीजों की ब्लड जांच बाहर से ही कराई जा रही हैं। टाटानगर रेल अस्पताल में प्रत्येक दिन ओपीडी में 280 से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं।
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दांतों के डॉक्टर का टेंडर समाप्त
रेलवे अस्पताल में दांत के डॉक्टर का टेंडर समाप्त होने की वजह से दस दिनों से दांत से जुड़े इलाज रेलवे अस्पताल में बंद कर दिए गए हैं।
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टीवी विभाग नहीं है अस्पताल में
टाटानगर रेल अस्पताल में टीवी विभाग नहीं होने के कारण इस अस्पताल में आने वाले टीवी के मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है। रेलवे ऐसे मरीजों को टाटा मोटर्स या फिर कोलकाता रेफर कर देता है। कोलकाता में टीवी मरीजों के साथ रहने खाने में रेलकर्मचारियों को काफी रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
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आदित्यपुर हेल्थ यूनिट में नहीं है एक वर्ष से डॉक्टर
रेलवे के आदित्यपुर हेल्थ यूनिट में डा. पीके सिंह के सेवानिवृत होने के बाद यहां किसी डॉक्टर की पदस्थापना नहीं की गई है। करीब एक वर्ष से इस हेल्थ यूनिट में एक भी डॉक्टर नहीं है। डॉक्टर नहीं होने के कारण एक हजार रेलकर्मचारियों व उनके परिवार के लोगों को टाटानगर रेलवे अस्पताल या फिर प्राइवेट में इलाज कराना पड़ रहा है।
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सीनी हेल्थ यूनिट एक डॉक्टर के भरोसे
सीनी हेल्थ यूनिट एक ही डॉक्टर के भरोसे है। इस यूनिट में करीब 1500 रेलकर्मियों व उनके आश्रितों का इलाज होता है। यहां डॉ. राजू तिर्की मरीजों का इलाज करते हैं लेकिन टाटानगर रेल अस्पताल में डॉक्टर की कमी होने के कारण डा. राजू तिर्की को भी कभी-कभी टाटानगर रेलवे अस्पताल बुला लिया जाता है। ऐसे में सीनी हेल्थ यूनिट में इलाज बंद हो जाता है।
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एक माह में तीन डॉक्टर मिलेंगे रेलवे अस्पताल को
टाटानगर रेलवे अस्पताल में एक माह के अंदर तीन डॉक्टरों का नियुक्ति की जाएगी। दक्षिण पूर्व मंडल ने कुल 40-45 डॉक्टर की बहाली की है। जिसमें चार डॉक्टर टाटानगर रेलवे अस्पताल में भेजे जाएंगे।
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सीनी में महिला डॉक्टर की होगी तैनाती
सीनी हेल्थ यूनियन में एक महिला डॉक्टर को पदस्थापित किया जाएगा। यह डॉक्टर सप्ताह में तीन दिन मरीजों को देखेंगी। आदित्यपुर में सप्ताह में तीन दिन मरीजों को देखा जाएगा। जिसमें एक महिला डॉक्टर व एक पुरुष डॉक्टर को पदस्थापित किया जाएगा। मेंस कांग्रेस ने इस संबंध में चक्रधरपुर मंडल के डीआरएम के समक्ष स्थाई वार्ता तंत्र आदित्यपुर व सीनी हेल्थ यूनिट में डॉक्टर की कमी की बात उठाई थी।
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एनेस्थेसिया मशीन तीन माह में लगेगी अस्पताल में
टाटानगर रेलवे अस्पताल में मरीजों को बेहोश करने के लिए एनेस्थेशिया मशीन (संबंधित उपकरण) लगाई जाएगी। जिसकी खरीदारी के लिए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। टाटानगर रेलवे अस्पताल में 30 लाख मूल्य के डिजिटल एक्सरे मशीन की खरीदारी विभाग ने कर ली है एक से डेढ़ माह के अंदर यह डिजिटल एक्सरे मशीन का इस्तेमाल टाटानगर रेलवे अस्पताल में शुरू हो जाएगा। इस मशीन को किस तरह से इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए एक्सरे टेक्निशियन को एक सप्ताह की ट्रेनिंग दी जाएगी।
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अब 25 हजार रुपये तक मरीज खर्च कर सकते हैं पॉकेट से
जमशेदपुर : आदित्यपुर व सीनी में रहने वाले रेलकर्मियों को अब प्राइवेट एम्बुलेंस या जांच में 25 हजार रुपये तक अपने पाकेट से खर्च करने की सुविधा रेलवे दे रही है। खर्च की गई रकम का बिल जमा करते हैं रेलकर्मियों को रेलवे भुगतान कर दिया जाएगा। आदित्यपुर व सीनी हेल्थ यूनिट में अगर मरीजों के मर्ज के हिसाब से सुविधा नहीं मिलती है तो वे प्राइवेट एम्बुलेंस कर टाटानगर रेलवे अस्पताल या रेफरल अस्पताल में जा सकते हैं। इतना ही नहीं हेल्थ यूनिट के डॉक्टर द्वारा लिखे गए जांच को भी मरीज प्राइवेट पैथोलॉजी से करवा सकते हैं। 25 हजार रुपये तक खर्च का पूरी रकम रेलवे रेलकर्मी को भुगतान कर देगा।
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विभागीय लापरवाही से 55 लाख की कूलर हवा योजना लंबित
टाटानगर रेलवे अस्पताल 55 बेड का अस्पताल है। इस अस्पताल में वैसे कमरों में पाइपिंग की जा रही है जिस कमरे में एसी की सुविधा नहीं है। अस्पताल में भर्ती मरीजों तक कूलर की हवा पहुंचाने के लिए रेलवे ने 55 लाख का टेंडर निकाला था। जिसके तहत रेलवे अस्पताल में बड़े बड़े कूलर लगाकर उसकी हवा को पाइप के माध्यम से मरीजों तक पहुंचाई जानी है। लेकिन अब तक यह सुविधा मरीजों को नहीं मिल पाई है। अस्पताल में सात बड़े बड़े कूलर तो रख दिए गए हैं, पाइपिंग का काम भी खत्म भी हो गया है लेकिन अब तक कूलर की हवा मरीजों तक नहीं पहुंच पाई है। इसमें विभागीय लापरवाही व ठेकेकर्मी की लापरवाही झलक रही है। ---
आदित्यपुर व सीनी हेल्थ यूनिट में जल्द ही मरीजों को सप्ताह में तीन-तीन दिन डॉक्टर की सेवा मिलेगी। मरीज अगर प्राइवेट गाड़ी व प्राइवेट जांच कराते हैं तो उन्हें 25 हजार रुपये तक की राशि रेलवे मुहैया कराएगी। पहले यह राशि पांच हजार रुपये थी।
शशि मिश्रा मेंस कांग्रेस मंडल संयोजक चक्रधरपुर --------------
टाटानगर स्टेशन में तीस लाख रुपये मूल्य से डिजिटल एक्सरे मशीन की खरीदारी की जा चुकी है। एक से डेढ़ माह में मरीजों को इसका लाभ मिलेगा।
- जवाहर, मेंस यूनियन मंडल संयोजक चक्रधरपुर