जुगसलाई में 150 मकान व 50 दुकान ध्वस्त
जुगसलाई ओवरब्रिज के निर्माण में आड़े आ रहे 150 रिहायशी मकानों और 50 दुकानों को तोड़ दिया गया। शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पोकलेन से इन्हें जमींदोज किया गया।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जुगसलाई ओवरब्रिज के निर्माण में आड़े आ रहे 150 रिहायशी मकानों और 50 दुकानों को तोड़ दिया गया। शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पोकलेन से इन्हें जमींदोज किया गया। इसके लिए जुगसलाई का रेलवे फाटक आठ घंटे तक बंद रहा। कार्रवाई के दौरान ट्रेनों की रफ्तार कम करके फाटक के पास से गुजारा जा रहा था। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की वीडियोग्राफी भी कराई।
पीले पंजे ने सबसे पहले भाजपा कार्यालय को नोचा
दिन में करीब 10:30 बजे रेल व जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटवाना शुरू किया। सबसे पहले फाटक के समीप के भाजपा कार्यालय को पीला पंजा (पोकलेन) ने नोच डाला। इसके बाद होटल गणगौड़ और फिर मोबिल की दुकान को ध्वस्त किया गया। फिर एक-एककर अतिक्रमण टूटने लगे। एक गोदाम में रखी गई लकड़ी को हटाने का मौका अधिकारियों ने दिया। लकड़ी को जैसे ही मालिक ने हटाया उसे भी ध्वस्त कर दिया गया। इसके बाद पोकलेन अपने रौ में अतिक्रमण को ध्वस्त करता गया। इस दौरान कुछ लोग आक्रोशित नजर आए किंतु कड़ी सुरक्षा की वजह से किसी ने विरोध नहीं किया। अतिक्रमण हटाने का काम शाम करीब 6:30 बजे तक चला। इसमें तीन पोकलेन लगे थे।
अतिक्रमण हटाने के दौरान सैकड़ों लोग थे एकत्र
जैसे ही पोकलेन जुगसलाई फाटक के पास पहुंचे, वहां पर लोगों की भीड़ लग गई। दुकानदार व मकान मालिक दहशत में आ गए। कुछ ही देर में मौके पर सैकड़ों लोग एकत्र हो गए। लोगों को हटाने के लिए जिला पुलिस व आरपीएफ के जवानों को मशक्कत करनी पड़ी।
मकानों पर चढ़कर अभियान को देखते रहे लोग
अतिक्रमण हटाओ अभियान को देखने के लिए लोग मकानों पर चढ़ गए। किसी तरह की कोई दुर्घटना न हो, इसके लिए बिजली कनेक्शन को काटने के लिए जिला प्रशासन की ओर से इलेक्ट्रिशियन को बुला लिया गया था।
आनन-फानन में दुकानें हो रही थीं खाली
जैसे ही पोकलेन दुकानों को तोड़ने के लिए पहुंचे, दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों को खाली करने लगे। लोग दुकान में रखे सामान को रिक्शा व आटो में लेकर जाने लगे। कई लोग बकरा-बकरी, मुर्गा-मुर्गी को भी आटो से लेकर सुरक्षित स्थान की ओर जाते देखे गए।
सायरन बजा कर किया जा रहा था अलर्ट
जुगसलाई फाटक को सुबह से शाम तक बंद कर दिया गया था। उधर जाने वाले वाहनों को लौटा दिया जाता था। सतर्कता के लिए फाटक के बीच में खड़ा होकर एक रेलकर्मी सायरन बजा रहा था।
कुछ देर के लिए रोकी गई हटिया-बिलासपुर ट्रेन
अतिक्रमण हटने के दौरान भीड़ पटरियों पर खड़ी थी। उसी वक्त हटिया बिलासपुर ट्रेन ने सायरन बजाते हुए आगे बढ़ती चली आई। उसे देखकर भीड़ को पटरियों से हटाने के लिए रेलकर्मी ने भी सायरन बजाना शुरू कर दिया। जब तक भीड़ वहां से हटती तब तक ट्रेन नजदीक आ गई। इससे ट्रेन को फाटक के पास रोक देना पड़ा। ट्रेन के रुकते ही लोग इधर-उधर भागने लगे। लोगों के हट जाने के बाद वह गंतव्य की ओर रवाना हुई।
ये लोग थे तैनात
एईएन एके सक्सेना, आरपीएफ थाना प्रभारी एमके सिंह, बागबेड़ा थाना प्रभारी मदन कुमार, दो मजिस्ट्रेट, आरपीएफ व जिला पुलिस के जवान मौजूद थे।