‘रहबर की राहजनी’ रामजी को समर्पित, पढिए सियासत की दुनिया की अंदरूनी खबर
Jamshedpur News.रहबर का अर्थ तो आप जानते हैं ना। इससे मिलता-जुलता नाम मन में आ रहा है तो अभी दिमागा से हटा दें। इसका शाब्दिक अर्थ मार्गदर्शक होता है जो राह दिखाए। राहजनी का मतलब डाका या डकैती है। अर्थ खुद निकाल सकते हैं कि लेखक क्या कहना चाहता है।
जमशेदपुर, वीरेंद्र आेझा। लम्हों की खता’ की अपार सफलता के बाद घोटालों की नई कहानी ‘रहबर की राहजनी’ नामक उपन्यास की शक्ल में आई है। इसे भी कई घोटालों को उजागर करने वाले मशहूर विधायक सरयू राय ने लिखा है। इस बार अंतर यही रहा कि पुस्तक का लोकार्पण खुद नहीं कर सके।
कोरोना संक्रमित होने की वजह से यह काम उनकी पार्टी भारतीय जनतंत्र मोर्चा के सिपहसालारों ने किया। उन्होंने इस पुस्तक का लोकार्पण भी टेल्को के उसी राम मंदिर में किया, जहां से पिछले विधानसभा चुनाव में विजय रथ का श्रीगणेश किया था। रहबर का अर्थ तो आप जानते हैं, ना। इससे मिलता-जुलता नाम मन में आ रहा है, तो अभी दिमागा से हटा दें। इसका शाब्दिक अर्थ मार्गदर्शक होता है, जो राह दिखाए। राहजनी का मतलब डाका या डकैती है। अब इसका अर्थ आप खुद निकाल सकते हैं कि लेखक क्या कहना चाहता है। कोरोना के बाद पढ़ लीजिएगा।
दुलाल ने सपरिवार लिया कोरोना का टीका
झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री व झामुमो के हाशिए पर चल रहे वरिष्ठ नेता दुलाल भुइयां ने पिछले सप्ताह कोरोना का टीका लिया। आप कहेंगे कि इसमें खास बात क्या है। टीका तो हर कोई ले रहा है, तो दुलाल ने लिया तो क्या बात हो गई। बात है, इसलिए तो बता रहा हूं। ये वही दुलाल हैं, जिन्होंने शहीद निर्मल महतो की जयंती पर चमरिया गेस्ट हाउस के सामने मास्क पहनने से इन्कार कर दिया था। एक बड़े अधिकारी से बहस कर लिया था कि कोरोना-वोरोना कुछ नहीं है, सब ड्रामा है। ये वही दुलाल हैं, जो कोरोना जांच कराने के नाम पर भड़क गए थे। डीसी आफिस के गेट पर ही बैठ गए थे। ये जब एमजीएम अस्पताल अपने पिता और परिवार के साथ झुंड में पहुंचे तो देखने वाले हैरान रह गए। सबने सोचा कि आज जरूर कोई बवाल होगा, लेकिन पता चला तो सुकून मिला।
मिठाई दुकान को बना दिया टापू
काेरोना है भाई। सबके लिए नियम-कानून एक जैसा होना चाहिए, लेकिन ऐसा होता नहीं है। कम से कम अपने जमशेदपुर में तो खास और आम का अंतर दिखता है। अब ना तो इतने आदर्शवादी नेता रहे, ना उनका परिवार। नेताजी भले ही दिखावे के लिए ही सही आदर्शवाद का चोला ओढ़ लें, परिवार के लोग और चेले-चपाटी तो खुद को नेताजी से भी ऊपर की चीज समझते हैं। इसका नमूना तब देखने को पता चला, जब एक साहब गुड़ के रसगुल्ले की खुशबू सूंघने मिठाई की दुकान में चले गए। चेलों को लगा कि साहब फ्री में सूंघने-चखने आ गए हैं, तो झिड़क दिया। साहब को भी ताव आ गया। उनके बस में जो था कर दिया। मिठाई दुकान को टापू बनाकर छोड़ दिया। तीन तरफ से रास्ता ही बंद हो जाएगा, तो खाली रसगुल्ला खरीदने भला कितने लोग आएंगे। बाकी का हिसाब बाद में देखा जाएगा।
सरयू को मिल रही भाजपा के दिग्गजों की शुभकामना
भाजपा में रहे सरयू राय भले ही अभी निर्दलीय विधायक हैं, लेकिन धीरे-धीरे वे सर्वमान्य नेता बनने की ओर अग्रसर हैं। हालिया घटनाएं तो यही संकेत दे रही हैं। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मान-सम्मान तो उन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान से ही मिल रहा है। अब कोरोना हुआ तो सरयू राय को भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फोन करके कुशलक्षेम पूछा। भाजपा के दूसरे बड़े नेता डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने संक्षिप्त संदेश भेजकर शीघ्र स्वस्थ होने की मंगल कामना की। भाजपा की इन महान हस्तियों का फोन करना या मैसेज करना छोटी बात नहीं है। इससे भी बड़ी बात। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी ट्वीट करके सरयू राय के शीघ्र स्वस्थ होने की मंगलकामना की। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी पीछे नहीं रहे। अब सरयू जल्द स्वस्थ हो जाएंगे।