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Jamshedpur east Jharkhand Election Result 2019 : 25 साल से मालिकाना के मुद़दे पर जीतते रहे रघुवर, छोड़ते ही हारे

jamshedpur east मुख्यमंत्री बनने के बाद रघुवर ने शुरुकर दी इस मुद्दे की अनदेखी मालिकाना हक दिलाने का दिलाया भरोसा तो जीत गए सरयू ।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 08:38 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 08:38 PM (IST)
Jamshedpur east Jharkhand Election Result 2019 : 25 साल से मालिकाना के मुद़दे पर जीतते रहे रघुवर, छोड़ते ही हारे
Jamshedpur east Jharkhand Election Result 2019 : 25 साल से मालिकाना के मुद़दे पर जीतते रहे रघुवर, छोड़ते ही हारे

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से लगातार 25 साल से 86 बस्तियों को मालिकाना हक का अधिकार देने के नाम पर चुनाव लड़ कर जीतते रहे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रघुवर दास ने 2019 के चुनाव में मालिकाना हक देने का मुद्दा छोड़ दिया या फिर इसकी अनदेखी की।

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इसका परिणाम हुआ कि रघुवर दास को मुख्यमंत्री रहते हुए हार का सामना करना पड़ा। रघुवर दास ने जैसे ही 86 बस्तियों को मालिकाना हक का मुद्दा छोड़ा। मालिकाना का मुद्दा को सरयू राय ने पकड़ लिया। सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी के 86 बस्तियों को दिल्ली के तर्ज पर मालिकाना हक दिलाने की घोषणा की। हर बार की तरह इस बार भी जमशेदपुर पूर्वी के मतदाताओं ने मालिकाना का मुद्दा उठाने वाले सरयू राय को सिर आंखों पर बिठाया और सरयू राय को अपना नेता चुन लिया। 

बिरसानगर को बसाने वाले बिरसा सेवा दल के संस्थापक स्व. कुंजल लकड़ा ने पहली बार 1994 में मालिकाना का मुद्दा उठाया था। उस समय अविभाजित बिहार में बस्ती विकास समिति के तत्वावधान में मालिकाना का मुद्दा उठाया गया। उसके बाद 1995 में विस चुनाव हुआ जिसमें मालिकाना हक की बात उठी। 1995 से अब तक हरेक चुनाव में यह मुद्दा गंभीरता से उठता रहा है, और क्षेत्र से रघुवर दास जीतते रहे। 1999 में मालिकाना हक दिलाने के लिए लेकर गोपाल मैदान में आंदोलन हुआ, लेकिन आज तक 86 बस्ती में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक नहीं मिल सका। 

सरयू राय पर लोगों ने जताया भरोसा 

जमशेदपुर पूर्वी में लगभग एक लाख मतदाता हैं जो 86 बस्ती में निवास करते हैं। जब रघुवर दास मुख्यमंत्री बने तो  मालिकाना हक का भुला दिया जो लोगों को नागवार लगा। वहीं रघुवर दास के खिलाफ ताल ठोक चुके सरयू राय ने 86 बस्तीवासी को दिल्ली के तर्ज पर मालिकाना हक दिलाने की बात कही। जनता ने उनकी बातों पर विश्वास किया और सरयू राय के पक्ष में मतदान कर जीत दिला दी। 


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