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चेचक व पोलियो की तर्ज पर कुष्ठ को भी खत्म करने का संकल्प,

कुष्ठ के विरूद्ध आखिरी युद्ध के तहत शनिवार को पूर्वी सिंहभूम जिले में दो बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पहला कार्यक्रम महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चर्म रोग विभाग व दूसरा कार्यक्रम साकची स्थित जिला कुष्ठ निवारण विभाग में हुआ।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 Jan 2021 09:30 AM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2021 09:30 AM (IST)
चेचक व पोलियो की तर्ज पर कुष्ठ को भी खत्म करने का संकल्प,
चेचक व पोलियो की तर्ज पर कुष्ठ को भी खत्म करने का संकल्प,

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : 'कुष्ठ के विरूद्ध, आखिरी युद्ध' के तहत शनिवार को पूर्वी सिंहभूम जिले में दो बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पहला कार्यक्रम महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चर्म रोग विभाग व दूसरा कार्यक्रम साकची स्थित जिला कुष्ठ निवारण विभाग में हुआ।

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सुबह 10.30 बजे इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट एवं लेप्रोलॉजिस्ट (आइएडीवीएल) की ओर से एमजीएम के चर्म रोग विभाग में कुष्ठ दिवस मनाया गया। इस मौके पर शहर के सभी निजी व सरकारी चर्म रोग विशेषज्ञ शामिल हुए और जिले को कुष्ठ से मुक्त करने का संकल्प लिया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिसिपल डॉ. पीके बारला उपस्थित थे। उन्होंने इस अभियान में भरपूर सहयोग करने की बात कहीं। वहीं, आइएडीवीएल झारखंड शाखा के सचिव डॉ. आर कुमार ने घोषणा किया कि शहर के सभी चर्म रोग विशेषज्ञ कुष्ठ रोगियों से फीस नहीं लेंगे। साथ में जो दवा मौजूद होगा वह भी मुफ्त में उपलब्ध कराएंगे। वहीं, एमजीएम के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. एएन झा ने कहा कि कुष्ठ रोगियों का इलाज संभव है।इसके प्रति लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। वहीं, बीआर सेवा सदन के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव ठाकुर ने कहा कि कुष्ठ छुआछूत की बीमारी नहीं है। यह बीमारी न तो वंशानुगत होती है और न हीं यह पिछले जन्म के किसी पाप का फल है। यह सिर्फ अंधविश्वास है और हमें ऐसी बातों पर बिल्कुल ध्यान नहीं देना चाहिए।

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ढाई सौ से अधिक कर्मचारियों व मरीजों ने लिया संकल्प

साकची स्थित जिला कुष्ठ निवारण विभाग में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद के उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि कुष्ठ को खत्म करने के लिए जन-आंलोदन चलाने की जरूरत है। वहीं इससे पूर्व ढाई से अधिक स्वास्थ्य कर्मी व कुष्ठ से मुक्त हो चुके लोगों ने कुष्ठ को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया। जिले में कुष्ठ के अब सिर्फ 170 एक्टिव केस ही बचे है। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. आरएन झा ने कहा कि जिस प्रकार से हमने अपने गांव एवं देश को चेचक एवं पोलियो जैसी बीमारी से मुक्त किया है उसी तरह हमें कुष्ठ रोग से भी मुक्त होना है। इसमें सबका सहयोग की जरूरत है।

इस अवसर पर एसीएमओ डॉ. साहिर पाल, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. एके लाल, डॉ. मीना कंडुलना, डॉ. बीएन उषा, डॉ. दीपक गिरी, डॉ. राजीव लोचन सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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कोरोना वारियर्स को किया गया सम्मानित

कार्यक्रम में लगभग 200 कोरोना वारियर्स व कुष्ठ आश्रम के मुख्य व छात्रों को सम्मानित किया गया। इसमें 120 स्वास्थ्य कर्मी, 24 एंबुलेंस चालक, 22 कुष्ठ आश्रम के मुखिया, 32 कुष्ठ आश्रम में पढ़ने वाली बच्चियां सहित अन्य को सम्मानित किया गया।

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